भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते में किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा गयाः चौहान

सोयाबीन, मूंगफली, सरसों तिलहन जैसी कृषि वस्तुएं भी नकारात्मक सूची में हैं। चौहान ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि ये वस्तुएं ब्रिटेन से भारत में सस्ती नहीं आएंगी। इस तरह से किसानों के आर्थिक हितों की रक्षा की गई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत ब्रिटेन को कृषि वस्तुओं पर कोई ऐसी शुल्क रियायत नहीं दी है जिससे घरेलू किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो।
चौहान ने बृहस्पतिवार को संपन्न इस व्यापार समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि इसमें किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा की गई है और असल में, इसका कृषि क्षेत्र पर ‘बहुत’ सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे कृषि निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। अगले साल से लागू होने वाले इस समझौते में ब्रिटेन को होने वाले 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को शुल्क-मुक्त पहुंच देने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा, ‘‘समझौते में उन वस्तुओं के लिए कोई (शुल्क) रियायत नहीं दी गई है जिनके आयात का हमारे किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।’’ भारत ने आलू, प्याज, टमाटर, लहसुन, मटर, गेहूँ, चावल, मक्का, काला चना, चना, उड़द, मूंग, मसूर, राजमा और अरहर जैसी वस्तुओं तथा देश में व्यापक रूप से उत्पादित अन्य अनाजों को इस समझौते के दायरे से बाहर रखा है।
सोयाबीन, मूंगफली, सरसों तिलहन जैसी कृषि वस्तुएं भी नकारात्मक सूची में हैं। चौहान ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि ये वस्तुएं ब्रिटेन से भारत में सस्ती नहीं आएंगी। इस तरह से किसानों के आर्थिक हितों की रक्षा की गई है।
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