एलएंडटी ने माइंडट्री में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए पेशकश की

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[email protected] । Mar 19 2019 12:09PM

इसके अलावा उसने ब्रोकरों को माइंडट्री की 15 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी खुले बाजार से खरीदने के लिए कहा है। इसके लिए कंपनी लगभग 2,500 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।

नयी दिल्ली। लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी माइंडट्री में बहुलांश हिस्सेदारी अधिग्रहण की पेशकश की है। कंपनी ने सोमवार को 66 प्रतिशत हिस्सेदारी की खरीद के लिए 10,800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पेश किया। एलएंडटी ने कैफे कॉफी डे के मालिक वी.जी. सिद्धार्थ की माइंडट्री में 20.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक समझौता किया है। यह सौदा 3,269 करोड़ रुपये नकद में होगा।

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इसके अलावा उसने ब्रोकरों को माइंडट्री की 15 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी खुले बाजार से खरीदने के लिए कहा है। इसके लिए कंपनी लगभग 2,500 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। देर रात कंपनी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक इन सौदों के साथ-साथ उसने माइंडट्री में 31 प्रतिशत हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए 5,030 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की है। इसके लिए कंपनी प्रति शेयर 980 रुपये का भुगतान करेगी। यह माइंडट्री के सोमवार को शेयर की बंद कीमत 962.50 रुपये पर 1.8 प्रतिशत प्रीमियम के बराबर है।

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इस प्रकार एलएंडटी माइंडट्री में लगभग 66 प्रतिशत हिस्सेदारी अधिग्रहण करने के लिए कुल 10,800 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। यह देश के सूचना प्रौद्यागिकी क्षेत्र में पहला शत्रुतापूर्ण किया गया अधिग्रहण होगा।

एलएंडटी का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब माइंडट्री के निदेशक मंडल के कई सदस्य, कंपनी के कर्मचारी और संस्थागत निवेशक इसके पक्ष में नहीं हैं। उनकी दलील है कि एलएंडटी एक अवसंरचना क्षेत्र की कंपनी है इसलिए दोनों कंपनियों के मूल्यों में बहुत अंतर है। एलएंडटी की दो अनुषंगी एलएंडटी इंफोटेक और एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेस माइंडट्री को अपने मातहत लाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं ताकि वह अपना विस्तार कर सकें।

प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए संबंधित नियामकीय मंजूरियां लेनी होंगी। इसके बाद भी दोनों कंपनियां शेयर बाजार में अलग-अलग सूचीबद्ध रहेंगी। एलएंडटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एस. एन. सुब्रहमण्यन ने कहा कि यह अधिग्रहण उसकी दुनियाभर में अपने ग्राहकों को शीर्ष आईटी सेवाएं आपूर्ति करने की रणनीति का हिस्सा है। यह अधिग्रहण वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में पूरा होने की संभावना है।

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