अगले कुछ वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों के मुख्य घटकों का स्थानीयकरण किया जाएगा: Maruti Suzuki

मोटर वाहन विनिर्माता कई इलेक्ट्रिक मॉडल बाजार में उतारने और देश भर में चार्जिंग से जुड़ा बनुयादी ढ़ांचा स्थापित करने का लक्ष्य रखती है ताकि इस खंड में नेतृत्व स्थिति हासिल कर सके।
मारुति सुजुकी इंडिया देश में समग्र इलेक्ट्रिक वाहन परिवेश को मजबूत करने के हिस्से के रूप में अगले कुछ वर्ष में बैटरी उत्पादन एवं अन्य महत्वपूर्ण घटकों के स्थानीयकरण की योजना बना रही है।
मोटर वाहन विनिर्माता कंपनी अगले साल घरेलू बाजार में अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन ‘ई विटारा’ पेश करने की योजना भी बना रही है। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) पार्थो बनर्जी ने यहां पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, ‘‘ फिलहाल हम बैटरियों का आयात कर रहे हैं लेकिन हां, हमारे पास स्थानीयकरण की योजना है। अगले कुछ वर्षों में चरणबद्ध तरीके से इसे लागू करने की पूरी संभावना है।’’
उन्होंने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की पैठ तभी बढ़ेगी जब उपभोक्ता को इसे घर में मुख्य तौर पर इस्तेमाल करने वाले वाहन के रूप में खरीदने का भरोसा मिले। बनर्जी ने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। शुरुआती उत्पादों और उनसे मिले अनुभवों ने लोगों के मन में ‘ड्राइविंग रेंज’ को लेकर काफी नकारात्मक धारणा उत्पन्न कर दी है।’’
उन्होंने कहा कि अब तक जो ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहे हैं उनमें से अधिकतर इसका उपयोग अतिरिक्त वाहन के रूप में कर रहे हैं। बनर्जी ने साथ ही बताया कि मारुति ने ‘ई-विटारा’ का निर्यात शुरू कर दिया है और इस मॉडल की 10,000 इकाई 26 बाजारों में भेज चुकी है।
मोटर वाहन विनिर्माता कई इलेक्ट्रिक मॉडल बाजार में उतारने और देश भर में चार्जिंग से जुड़ा बनुयादी ढ़ांचा स्थापित करने का लक्ष्य रखती है ताकि इस खंड में नेतृत्व स्थिति हासिल कर सके।
वित्त वर्ष 2029-30 तक मारुति सुजुकी की योजना अपने समग्र उत्पाद खंड में पांच इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल शामिल करने की है। कंपनी की योजना अपने ‘डीलर पार्टनर’ और ‘चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटर’ के साथ साझेदारी में 2030 तक करीब एक लाख चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की भी है।
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