ONGC के निदेशक मंडल में किए जा रहे बड़े बदलाव

ONGC
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Common

ओएनजीसी के निदेशक मंडल में फिलहाल छह निदेशक होते हैं- अन्वेषण, तटीय परिचालन, अपतटीय परिचालन, वित्त, मानव संसाधन और तकनीकी एवं फील्ड सेवा। कंपनी की कमान चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के हाथों में होती है।

नयी दिल्ली। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के निदेशक मंडल में बड़े स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें निदेशक के दो पदों को मिलाकर एक किया जा रहा है और कंपनी में नई जान फूंकने की कोशिश में कॉरपोरेट मामलों के निदेशक के रूप में नए पद का सृजन किया जा रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। ओएनजीसी के निदेशक मंडल में फिलहाल छह निदेशक होते हैं- अन्वेषण, तटीय परिचालन, अपतटीय परिचालन, वित्त, मानव संसाधन और तकनीकी एवं फील्ड सेवा। कंपनी की कमान चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के हाथों में होती है। सरकार ने तेल शोधन एवं विपणन कंपनी बीपीसीएल के प्रमुख पद से सेवानिवृत्त हुए अरूण कुमार सिंह को इसी महीने ओएनजीसी का चेयरमैन नियुक्त किया है।

पहली बार किसी सेवानिवृत्त व्यक्ति को सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी का प्रमुख बनाया गया है। हालांकि उन्हें प्रबंध निदेशक नहीं बनाया गया है। इसके साथ ही सरकार ने निदेशक मंडल में बदलाव भी शुरू कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि जमीन पर स्थित तेल एवं गैस क्षेत्रों की जिम्मेदारी संभालने वाले निदेशक (तटीय परिचालन) और अपटतीय परिचालन के लिए जिम्मेदार निदेशक (अपतटीय परिचालन) के पदों का विलय करके नया पद निदेशक (उत्पादन) सृजित किया गया है। इसके अलावा निदेशक (रणनीति एवं कॉरपोरेट मामले) का एक नया पद भी गठित किया गया है।

निदेशक (तटीय परिचालन) अनुराग शर्मा के 28 फरवरी, 2023 को सेवानिवृत्त हो जाने के बाद निदेशक (उत्पादन) का पद एक मार्च 2023 को प्रभाव में आ जाएगा।इस पद पर संभवत: पंकज कुमार की नियुक्ति होगी जो इस समय निदेशक (अपतटीय) हैं। सूत्रों के मुताबिक, नए निदेशक (रणनीति एवं कॉरपोरेट मामले) ओएनजीसी के सूचना प्रौद्योगिकी, संचार सेवाएं, सुरक्षा, पर्यावरण, कारोबार विकास, संयुक्त उद्यम और विपणन आदि क्षेत्रों को देखेंगे। अभी ये काम विभिन्न निदेशक बारी-बारी से संभालते हैं।

इसे भी पढ़ें: Mutual Fund industry के लिए 2022 सुस्त रहा, नए साल में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

उन्होंने बताया कि निदेशक मंडल में किए गए इस बदलाव का उद्देश्य परिचालन में बेहतर समन्वय बनाना और तेल एवं गैस उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करना है तथा सभी क्षेत्रों की जिम्मेदारी एक निदेशक को सौंपना है। इन बदलाव के सुझाव परामर्शदाता कंपनी मैकिंजी ने संगठन कायांतरण परियोजना (ओटीपी) के तहत दिए थे। इसके पहले मैकिंजी की ही ओटीपी योजना के तहत 2001 में मौजूदा निदेशक स्तर के पद सृजित हुए थे। ओटीपी की शुरुआत 2000 में ओएनजीसी के तत्कालीन चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक विकास बोरा ने की थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़