3 लाख से अधिक के नकद लेन-देन पर रोक की सिफारिश विचाराधीन
सीबीडीटी की चेयरपर्सन ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में काले धन पर लगाम लगाने के लिये 3 लाख से अधिक के नकद लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने की एसआईटी की सिफारिश पर गौर कर रही है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की चेयरपर्सन रानी सिंह नायर ने आज कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में काले धन पर लगाम लगाने के लिये तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने की एसआईटी की सिफारिश पर गौर कर रही है। उच्चतम न्यायालय द्वारा काले धन पर नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने तीन लाख रुपये और उससे अधिक के नकद लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। साथ ही व्यक्तियों और उद्योग के पास 15 लाख रुपये नकदी रखे जाने की सीमा तय किये जाने की भी सिफारिश की गयी है। इसका मकसद देश में कालेधन पर अंकुश लगाना है।
यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘ये सिफारिशें आयी हैं। तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेन-देन पर अंकुश लगाने की एसआईटी की सिफारिश पर विचार किया जा रहा है।’’ रानी ने कहा कि आयकर विभाग पहले नकद लेन-देन पर एक प्रतिशत टीसीएस तथा पैन का उल्लेख करना अनिवार्य कर चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी पहलू एसआईटी की सिफारिशों का हिस्सा है जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में नकदी के उपयोग को बंद करना है। तीन लाख रुपये और उससे अधिक के लेन-देन के सुझाव पर विचार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति एमबी शाह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाले एसआईटी ने कालाधन पर लगाम लगाने के बारे में अपनी पांचवीं रिपोर्ट पिछले महीने सौंपी। समिति ने सिफारिश की है तीन लाख रुपये और उससे अधिक के लेन-देन पर पाबंदी लगायी जानी चाहिए और इस प्रकार के लेन-देन को कानून के तहत अवैध और दंडनीय बनाने के लिये अधिनियम बनाये जाएं। नकदी 15 लाख रुपये तक रखे जाने के बारे में एसआईटी ने सुझाव दिया है कि क्षेत्र के आयकर आयुक्त से इस बारे में विशेष मंजूरी ली जानी चाहिए।
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