एनबीएफसी की तरलता को लेकर चिंता नहीं: एसबीआई चेयरमैन

no-worry-about-nbfc-liquidity-says-sbi-chairman
[email protected] । Sep 23 2018 5:54PM

आईएलएंडएफएस समूह में ऋण संकट के बीच कुमार का यह बयान आया है। शुक्रवार को आवास वित्त कंपनियों के शेयर भारी बिकवाली दबाव में आ गए थे।

नयी दिल्ली। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को ऋण समर्थन का भरोसा देते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने रविवार को कहा कि ऐसी कंपनियों की तरलता को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। आईएलएंडएफएस समूह में ऋण संकट के बीच कुमार का यह बयान आया है। शुक्रवार को आवास वित्त कंपनियों के शेयर भारी बिकवाली दबाव में आ गए थे। आईएल एण्ड एफएस के संकट के बीच निवेशकों को कंपनियों के कर्ज की बढ़ती लागत को लेकर चिंता बढ़ी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि एनबीएफसी के शेयरों में गिरावट की मुख्य वजह मुद्रा बाजार की सख्त स्थिति तथा आईएलएंडएफएस के ऋण पर स्थिति अस्पष्ट होना थी। कुमार ने कहा, ‘‘कुछ ऐसे बयान आ रहे हैं कि एसबीआई एनएनबीएफसी को कर्ज देने में कतरा रहा है। ये अफवाहें आधारहीन हैं। एसबीआई नियामकीय नीति ढांचे के तहत निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में एनबीएफसी को ऋण समर्थन देता है और आगे भी वह ऐसा करता रहेगा।’’ एसबीआई प्रमुख ने कहा, ‘‘एनबीएफसी की तरलता को लेकर चिंता की बात नहीं है।’’ 

बंबई शेयर बाजार में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. का शेयर 59.67 प्रतिशत टूटकर 52 सप्ताह के निचले स्तर 246.25 रुपये पर आ गया था। इससे कंपनी का बाजार पूंजीकरण करीब 10,000 करोड़ रुपये घट गया। इससे पहले इसी महीने यह सामने आया कि आईएलएंडएफएस समूह ने सिडबी को एक हजार करोड़ रुपये के लघु अवधि ऋण भुगतान में चूक की है। वहीं उसकी एक अनुषंगी ने भी विकास वित्त संस्थान को 500 करोड़ रुपये के भुगतान में डिफाल्ट किया है। 

उल्लेखनीय है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) और उसके समूह की सूचीबद्ध तथा अन्य इकाइयों में गड़बड़ी के बारे में सेबी, भारतीय रिजर्व बैंक, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय तथा वित्त मंत्रालय को शिकायतें मिली हैं। आईएल एण्ड एफएस पर जहां कुल मिलाकर 35,000 करोड़ रुपये का रिण है वहीं आईएल एण्ड एफएस फाइनेंसियल सविर्सिज पर 17,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। नोमुरा इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर रिणदाताओं के लिये यह मानक परिसंपत्ति है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़