शेयरों के लिये निगरानी कार्रवाई पारदर्शी व्यवस्था पर आधारित: NSE

शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने अल्पकालिक निगरानी से अडाणी समूह की तीन कंपनियों को बाहर निकालने के फैसले को सही ठहराया है। उसने विपक्ष की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि सभी शेयरों के लिये निगरानी कार्रवाई पारदर्शी व्यवस्था पर आधारित है। ये चीजें पूर्व घोषित नियमों के तहत स्वत: होती हैं और इसमें कोई मानवीय हस्तक्षेप शामिल नहीं होता है।
एनएसई और बीएसई की पिछले सप्ताह अडाणी समूह की तीन कंपनियों- अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी पावर और अडाणी विल्मर को अल्पकालिक अतिरिक्त निगरानी उपाए (एएसएम) से बाहर रखने के फैसले की घोषणा के बाद कांग्रेस ने सवाल किया था कि शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) उनके पक्ष में क्यों है और निवेशकों को ऐसे शेयरों में निवेश को लेकर ध्यान क्यों दिला रहा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी कहा कि एमएससीआई, एस एंड पी, डो जॉन्स और एफटीएसई रसेल जैसे वैश्विक सूचकांक प्रदाताओं ने भी अपने शेयर सूचकांकों में अडाणी समूह के शेयरों की स्थिति की समीक्षा की, वहीं एनएसई ने सबसे अलग चलते हुए 20 मार्च से कम से कम 14 सूचकांकों में अडाणी समूह की पांच कंपनियों को शामिल किया। एनएसई और बीएसई ने अडाणी समूह की दो कंपनियों- अडाणी ग्रीन एनर्जी और एनडीटीवी के शेयरों को भी सोमवार से दीर्घकालिक अतिरिक्त निगरानी कदम (एएसएम) ढांचा के पहले चरण से बाहर रखने का निर्णय लिया।
एनएसई ने रविवार को विस्तृत बयान में कहा कि शेयरों को लेकर जो निगरानी से जुड़े कदम उठाये गये हैं, वह नियमों के तहत स्वचालित और पारदर्शी व्यवस्था के अनुसार है। ये चीजें पूर्व घोषित नियमों के तहत स्वत: होती हैं और इसमें कोई मानवीय हस्तक्षेप शामिल नहीं होता है। बयान के अनुसार इसके अलावा, निश्चित अवधि पर शेयरों का सूचकांक में शामिल होना और उससे बाहर निकलना भी नियमों के अनुसार है। यह सब पूर्व-घोषित, स्वचालित और पारदर्शी नीतियों के अनुसार होता है।
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