ओएनजीसी ने पांच साल में कॉर्बन उत्सर्जन तीव्रता को 12 प्रतिशत घटाया : चेयरमैन

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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने पिछले पांच साल के दौरान अपने परिचालन में कॉर्बन उत्सर्जन तीव्रता को करीब 12 प्रतिशत कम किया है।

नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने पिछले पांच साल के दौरान अपने परिचालन में कॉर्बन उत्सर्जन तीव्रता को करीब 12 प्रतिशत कम किया है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने यह जानकारी दी। ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया (जीसीएनआई) के 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शंकर ने इस बात पर जोर दिया कि इस मुश्किल और बदलते समय में सभी अंशधारकों के बीच सहयोग को मजबूत किया जाना चाहिए।

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सतत वृद्धि के ओएनजीसी के प्रयासों का जिक्र करते हुए शंकर ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र की महारत्न कंपनी ने अपनी कॉर्बन उत्सर्जन तीव्रता में 12 प्रतिशत से अधिक की कमी है। इससे आशय प्रति बैरल तेल उत्पादन पर कॉर्बन डाई-ऑक्साइड उत्सर्जन से है। ओएनजीसी देश की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक है। उन्होंने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को हासिल करने के लिए एक मंच का आह्वान किया। शंकर जीसीएनआई के अध्यक्ष भी हैं। पहली बार जीसीएनआई का राष्ट्रीय सम्मेलन वर्चुअल तरीके से हुआ है। सम्मेलन का आयोजन 4-5 फरवरी को किया गया।

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इस बार सम्मेलन का विषय ‘एसडीजी महत्वाकांक्षा को पूरा करना, सतत पुनरुद्धार और वृद्धि का रास्ता’ रखा गया था। जीसीएनआई की स्थापना 2003 में हुई थी। शंकर ने जीसीएनआई की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि संगठन ने संयुक्त राष्ट्र वैश्विक प्रभाव (यूएनजीसी) के संदेश का कॉरपोरेट भारत तक प्रसार किया है। साथ ही इसने ऐसा मंच बनाया है जिसके जरिये अपने सदस्यों को कई सेवाओं की पेशकश की है। इससे कंपनियों को अपनी कार्य संस्कृति में एसडीजी के बेहतर सिद्धान्तों को अपनाने में मदद मिली है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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