कोरोना महामारी का असर, अब उपभोक्ता आज़मा रहे है नए ब्रांड

Pandemic pushes users to try out new brands
निधि अविनाश । Nov 5 2020 3:55PM

बता दें कि EY ने 385 गृहणियों से प्रतिक्रिया एकत्रित किया है। ईवाई पार्टनर (डिजाइन थिंकिंग और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन) शशांक श्वेत ने कहा कि महामारी ने उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण भुमिका निभाई है, इस दौरान नए ब्रांडों का पता लगाने और स्वीकार करने के लिए उपभोक्ता मजबूर हो रहे है।

कोरोना महामारी के बीच अब उपभोक्ता नए-नए ब्रांड को काफी ट्राई कर रहे है। एक अध्ययन के मुताबिक, आधे से अधिक (53%) ने महामारी के दौरान नए ब्रांड को ट्राई करने की कोशिश की है। इसमें से 35% ने नए ब्रांड को पसंद किया और उसके साथ बने रहे, जबकि 38% अपने मूल ब्रांड में वापस आ गए। इस साल जुलाई-अगस्त में आयोजित किए गए अध्ययन आवश्यक, गैर-आवश्यक, घरेलू सफाई, पेरिहाबल्स और व्यक्तिगत देखभाल श्रेणियों से संबंधित है। बता दें कि EY ने 385 गृहणियों से  प्रतिक्रिया एकत्रित किया है। ईवाई पार्टनर (डिजाइन थिंकिंग और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन) शशांक श्वेत ने कहा कि महामारी ने उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण भुमिका निभाई है, इस दौरान नए ब्रांडों का पता लगाने और स्वीकार करने के लिए उपभोक्ता मजबूर हो रहे है।

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महामारी के बाद अब उपभोक्ताओं के पास ब्रांड को इस्तेमाल करने का काफी ऑप्शन है। ज्योति लैब्स के संयुक्त एमडी उल्लास कामथ ने कोविड के दौरान कहा कि जब एक प्रसिद्ध ब्रांड की कमी होती है, तो उपभोक्ता दूसरें ब्रांड पर स्वीच कर सकते है। ज्योति लैब्स के संयुक्त एमडी उल्लास कामथ ने आगे कहा कि हम ज्योति पर न केवल अपने वफादार उपभोक्ताओं को उत्पादों की पेशकश करते हैं, बलिक हम  यह भी सुनिश्चित  करते है कि उत्पाद मेड इन इंडिया का हो।कामथ ने कहा कि हमारे पास हर उपभोक्ता की जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग उत्पाद होते है। उपभोक्ताओं का ऐसे ही नए-नए ब्रांड का इस्तेमाल करना न केवल उत्पाद ब्रांड का नाम बढ़ा रहा है बल्कि भारत में मोदी सरकार द्वारा मेड इन इडिंया को भी काफी प्रमोट किया जा रहा है।

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