पतंजलि का पांच साल में देश की शीर्ष एफएमसीजी कंपनी बनने का लक्ष्य
रामदेव ने कहा, ‘‘हमने पतंजलि आयुर्वेद और रुचि सोया को अगले पांच वर्षों में भारत की सबसे बड़ी खाद्य एवं एफएमसीजी (रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद बनाने वाली) कंपनी बनाने का लक्ष्य रखा है।’’
नयी दिल्ली|पतंजलि आयुर्वेद समूह और उसकी अनुषंगी रुचि सोया का सम्मिलित वार्षिक कारोबार करीब 35,000 करोड़ रुपये है और इसका अगले पांच वर्षों में भारत की शीर्ष एफएमसीजी कंपनी बनने का इरादा है।
पतंजलि समूह के मुखिया बाबा रामदेव ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि पतंजलि आयुर्वेद अपने सभी खाद्य कारोबार को सूचीबद्ध इकाई रुचि सोया इंडस्ट्रीज में मिलाएगी।
रामदेव ने कहा, ‘‘हमने पतंजलि आयुर्वेद और रुचि सोया को अगले पांच वर्षों में भारत की सबसे बड़ी खाद्य एवं एफएमसीजी (रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद बनाने वाली) कंपनी बनाने का लक्ष्य रखा है।’’
उन्होंने दावा किया कि पतंजलि आयुर्वेद फिलहाल देश की दूसरी बड़ी खाद्य एवं एफएमसीजी कंपनी है। रामदेव ने यह भी कहा कि पतंजलि समूह की कई कंपनियों का आने वाले समय में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाया जाएगा। लेकिन उन्होंने इसकी कोई समयसीमा नहीं बताई।
रामदेव ने समूह की मौजूदा राजस्व स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘रुचि सोया को मिलाकर पतंजलि समूह का साझा कारोबार 35,000 करोड़ रुपये से अधिक है और यह खाद्य एवं एफएमसीजी क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है।’’
वित्त वर्ष 2020-21 में पतंजलि समूह का कारोबार करीब 30,000 करोड़ रुपये था। समूह ने वर्ष 2019 में दिवालिया प्रक्रिया के तहत रुचि सोया का अधिग्रहण किया था।
पतंजलि और रुचि सोया के बीच किसी तरह की प्रतिस्पर्धा से इनकार करते हुए रामदेव ने कहा, ‘‘अगले कुछ महीनों में पतंजलि अपने सभी खाद्य कारोबार को रुचि सोया को सौंप देगी। उसके बाद पतंजलि आयुर्वेद गैर-खाद्य, परंपरागत औषधि कारोबार में भी सक्रिय रहेगी।’’
उन्होंने कहा कि रुचि सोया खाद्य तेल, खाद्य एवं एफएमसीजी, पोषण और पाम उत्पादन कारोबार पर ध्यान केंद्रित करेगी।
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