आर्थिक वृद्धि दर दहाई अंक पर ले जाने में लगे हैंः प्रधानमंत्री

PM Narendra Modi seeks double-digit GDP growth, raising India''s share in world trade
[email protected] । Jun 22 2018 5:45PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में पहुंचाने के लिए जीडीपी की वार्षिक वृद्धि दर को दहाई अंक में ले जाने और वैश्विक व्यापार में देश की हिस्सेदारी दोगुना कर 3.4 प्रतिशत तक करने के लक्ष्य पर जोर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में पहुंचाने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर को दहाई अंक में ले जाने और वैश्विक व्यापार में देश की हिस्सेदारी दोगुना कर 3.4 प्रतिशत तक करने के लक्ष्य पर जोर दिया है। राजधानी में वाणिज्य मंत्रालय के नए कार्यालय परिसर के शिलान्यास को लेकर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने देश में कारोबार करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए चार वर्षों में कई कदम उठाए हैं। साथ ही चालू खाते घाटे जैसे वृहद आर्थिक संकेतकों को भी काबू में रखा है।

उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा सकारात्मक वृहद आर्थिक संकेतकों का विस्तार करने के बाद अब आगे क्या? प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत पर पहुंच गयी। उन्होंने इसे अपर्याप्त मानते हुए कहा कि अब 7 से 8 प्रतिशत की वृद्घि दर के दायरे से ऊपर निकलकर इसे दहाई अंक में (दस प्रतिशत या उससे ऊपर) ले जाने का समय आ गया है। मोदी ने कहा, ''समय की जरुरत है कि हमें 7-8 प्रतिशत से दहाई अंक की वृद्धि दर हासिल करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया यह देख रही है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को दोगुना करके 5,000 अरब डॉलर या उससे ऊपर की अर्थव्यवस्था वाले देशों की कतार में कब शामिल होता है।’’

प्रधानमंत्री ने निर्यात बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इस प्रयास में राज्यों को सक्रिय भागीदार बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाणिज्य विभाग को कुल वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी को बढ़ाकर कम से कम 3.4 प्रतिशत करने का निश्चय करना चाहिए। वर्तमान में भारत की हिस्सेदारी 1.6 प्रतिशत है। मोदी ने तेल का घरेलू उत्पादन एवं घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देकर आयात पर निर्भरता कम करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय के साथ-साथ व्यापार और उद्योग मंत्रालय को जीडीपी वृद्धि दहाई अंक और वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी को बढ़ाने की चुनौती को स्वीकार करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि देश कार्यों को 'अटकाने, लटकाने और भटकाने' की संस्कृति से आगे निकल चुका है। उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली से न सिर्फ व्यापार करना सुगम हुआ है बल्कि करदाताओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है। मोदी ने कहा कि नई प्रणाली के तहत 54 लाख नए करदाताओं ने पंजीकरण कराया है। इसी के साथ अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या एक करोड़ से अधिक हो गयी है। जीएसटी से पहले अप्रत्यक्ष करदाता 60 लाख थे। उन्होंने कहा कि इस समय देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ-साथ विदेशी मुद्रा भंडार रिकार्ड ऊंचाई पर है।

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