पोषण अभियान अब एक जन आंदोलन बन गया: NITI Aayog

Poshan Abiyaan now a mass movement Niti Aayog VC says
[email protected] । Jun 28 2018 3:57PM

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि बेहतर तालमेल और व्यवहार में परिवर्तन राष्ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) के दो आधार स्तंभ हैं जिन्होंने इस मिशन को जन आंदोलन में बदल दिया है।

नयी दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि बेहतर तालमेल और व्यवहार में परिवर्तन राष्ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) के दो आधार स्तंभ हैं जिन्होंने इस मिशन को जन आंदोलन में बदल दिया है। राष्ट्रीय पोषण मिशन का उद्देश्य देश में ठिगनेपन, अल्प पोषाहार, रक्त की कमी तथा जन्म के समय बच्चे के वजन कम जैसे समस्याओं को कम करना है।

कुमार ने कहा कि तालमेल और व्यवहार परिवर्तन पोषण अभियान के दो प्रमुख स्तंभ हैं। हमारे हितधारकों के संयुक्त प्रयास का देश की महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर हो रहा है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने 'टेक- थॉन: पोषण अभियान के लिए प्रौद्योगिकी भागीदारी' पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि यह मिशन तेज होकर जन आंदोलन में बदल गया है।

उन्होंने कहा कि देश में 38 प्रतिशत बच्चे अभी भी अल्पपोषित हैं इसलिए हमें इस कुपोषण से निपटने के लिए बहुआयामी रणनीति तैयार करने की जरूरत है। वहीं, नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा कि एकीकृत बाल विकास सेवा- कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (आईसीडीएस - सीएएस) उपकरण ने राष्ट्रीय पोषण मिशन के बहुआयामी पहलों को सशक्त बनाया है।

इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में सबसे बड़ा सूचना प्रौद्योगिकी प्रक्रिया के रूप में माना जा सकता है। पॉल ने कहा कि बच्चों के पहले 1,000 दिनों के दौरान पर्याप्त स्तनपान और सामान्य बीमारियों का समय रहते इलाज के साथ पूरक आहार उनके लिए निर्णायक साबित होते हैं। उन्होंने कहा कि 6 माह से 2 वर्ष के बच्चों में करीब 90 प्रतिशत में पोषण की कमी देखी गयी है और पोषण की इस कमी में डायरिया (दस्त) एक प्रमुख कारण है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ मार्च को राष्ट्रीय पोषण योजना की शुरूआत की थी। यह मिशन महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन है और इसका लक्ष्य 2022 तक 0-6 वर्ष से 25 वर्ष तक के आयुवर्ग वालों में कुषोषण की समस्या को घटाकर 25 प्रतिशत तक लाना है।

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