राहुल बजाज ने बजाज ऑटो का चेयरमैन का पदा छोड़ा, अब नीरज बजाज संभालेंगे कमान

bajaj

पुणे स्थित दुपहिया और तिपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी बजाज आटो ने शेयर बाजारों को भेजी नियामकीय सूचना में कहा है कि उसके गैर- कार्यकारी चेयरमैन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा 30 अप्रैल 2021 को कामकाज समाप्त होने के समय से प्रभावी हो जायेगा।

नयी दिल्ली। देश के सफलतम उद्योगपतियों में शामिल राहुल बजाज ने आखिरकार बजाज आटो के चेयरमैन का पद छोड़ने का फैसला कर लिया है। राहुल बजाज ने दुपहिया और तिपहिया वाहनों के क्षेत्र में बजाज आटो को खड़ा किया और उसे अग्रणी स्थान तक पहुंचाया। पुणे स्थित दुपहिया और तिपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी बजाज आटो ने शेयर बाजारों को भेजी नियामकीय सूचना में कहा है कि उसके गैर- कार्यकारी चेयरमैन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा 30 अप्रैल 2021 को कामकाज समाप्त होने के समय से प्रभावी हो जायेगा। कंपनी ने राहुल बजाज के स्थान पर नीरज बजाज को नया चेयरमैन नियुक्त किया है।वह एक मई 2021 से कंपनी के चेयरमैन का कामकाज संभालेंगे। वहीं, राहुल बजाज कंपनी के चेयरमैन एमरीटस बने रहेंगे। उन्हें एक मई 2021 से पांच साल के लिये कंपनी का चेयरमैन एमरीटस बनाया गया है। राहुल बजाज वर्ष 1972 से ही कंपनी के गैर- कार्यकारी चेयरमैन का कार्यभार संभाले हुये हैं। वह बजाज आटो समूह से पिछले पांच दशकों से जुड़े हुये हैं।

इसे भी पढ़ें: कोरोना का असर! ग्रामीण पंचायतों ने आइसक्रीम और सोफ्ट ड्रिंक पर लगाई रोक, गांव में बाहरी लोगों का आना भी हुआ बैन!

कंपनी ने नियामकीय सूचना में कहा है कि राहुल बजाज की आयु 83 साल हो गई है।अपनी बढ़ी उम्र को देखते हुये उनहोंने कंपनी के गैर- कार्यकारी निदेशक और चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया। कंपनी ने कहा है कि बजाज आटो समूह की सफलता में राहुल बजाज का बहुत अधिक योगदान रहा है।उनके पिछले पांच दशकों के लंबे अनुभव और कंपनी के हित में उनके अनुभव, ज्ञान और बुद्धि काएक सलाहकार के तौर पर समय समय पर लाभ उठाते हुये कंपनी के निदेशक मंडल ने उन्हें कंपनी का चेयरमैन एमेरीटस नियुक्त करने को मंजूरी दे दी। राहुल बजाज ने 1965 में बजाज समूह कीकमान संभाली थी। उस समय भारत एक बंद अर्थव्यवस्था थी। उन्होंने कंपनी का नेतृत्व करते हुये बजाज चेतक नाम का स्कूटर बनाया।इस स्कूटर को काफी नाम मिला और इसे भारत के मध्यम वर्गीय परिवार की आकांक्षा का सूचक माना गया। इसके बाद कंपनी लगातार आगे बढ़ती चली गई।

इसे भी पढ़ें: भारत में सोने की मांग तेजी से बढ़ी, 37 फीसद बढ़कर 140 टन पर पहुंची

नब्बे के दशक में जब भारत में उदारीकरण की शुरुआत हुई और भारत एक खुली अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ गया और जापानी मोटर साइकिल कंपनियों से भारतीय दुपहिया वाहनों को कड़ी टक्कर मिलने लगी, उस समय भी राहुल बजाज ने कंपनी को आगे बढ़ाया। बजाज समूह की अग्रणी कंपनी बजाज आटो का कारोबार एक समय 7.2 करोड़ रुपये था जो कि आज 12,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और उसके उत्पादों का पोर्टफोलियो भी बढ़ा है। राहुल बजाज के नेतृत्व में ही उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार में स्थान मिला। देश के सबसे सफलतम उद्योगपतियों में से एक राहुल बजाज को उनके खुलकर बोलने के लिये जाना जाता है और वह 2006 से लेकर 2010 तक राज्य सभा के सदस्य भी रहे। नवंबर 2019 को मुंबई में इकोनोमिक टाइम्स के एक कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिजय मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में इस जाने माने उद्योगपति ने सरकार की आलोचना को लेकर उद्योगपतियों के डर के बारे में चुटकी लेते हुये कहा, ‘‘डर का यह माहौल, पक्के तौर पर हमारे दिमाग में है। आप (केन्द्र सरकार) अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद हमारे भीतर यह विश्वास नहीं है कि आप आलोचना को सराहेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़