कृषि उत्पादों के लिये भंडार गृहों के नियमों की समीक्षा

[email protected] । Aug 24 2016 2:53PM

माल गोदामों से उत्पादों की डिलीवरी और उनकी निपटान गतिविधियों में सुधार लाने के लिये बाजार नियामक सेबी कृषि उत्पादों के भंडारण नियमों की समीक्षा कर रहा है।

माल गोदामों से उत्पादों की डिलीवरी और उनकी निपटान गतिविधियों में सुधार लाने के लिये बाजार नियामक सेबी कृषि उत्पादों के भंडारण नियमों की समीक्षा कर रहा है। उपभोक्ता जिंस वायदा बाजारों में जिन कृषि उत्पादों के सौदे किये जाते हैं उनके भंडारण नियमों की समीक्षा की जा रही है। सेबी ने यह जानकारी वर्ष 2015-16 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में दी है। नियामक ने रिपोर्ट में कहा है, ‘‘उपभोक्ता जिंस वायदा बाजारों में माल की डिलीवरी प्रणाली को बेहतर बनाने के लिये भंडारण सुविधाओं को मजबूत बनाने के उद्देश्य से सेबी नियमों की समीक्षा कर रहा है। उत्पादों का भंडारण वैज्ञानिक तरीके से हो और नियमों में पारदर्शिता हो ताकि समूची प्रक्रिया को आसानी से चलाया जा सके।’’

इस संबंध में इस साल जून में एक परिचर्चा दस्तावेज सार्वजनिक टिप्पणी के लिये जारी किया गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सभी संबंध पक्षों से उनके सुझाव मांगे हैं। जिंसों के भंडारण की सुविधायें तथा इससे जुड़ी दूसरी सेवाओं की जिंस वायदा बाजारों के कामकाज और डिलीवरी प्रणाली में अहम् भूमिका है। एक प्रभावी वायदा जिंस बाजार के लिये मजबूत और विश्वसनीय भंडारण सुविधाओं का होना जरूरी है। यह बाजार में कारोबार करने वालों में विश्वास बढ़ाने के लिये भी जरूरी है।

नियमों के मुताबिक भंडारण सेवायें देने वाली एक कारपोरेट इकाई होनी चाहिये जिसकी शेयर पूंजी 10 करोड़ रुपये हो। विविध उत्पादों के लिये भंडारण सेवायें देने वाली मान्यता प्राप्त इकाइयों की न्यूनतम नेटवर्थ 50 करोड़ रुपये और एक उत्पाद के लिये 25 करोड़ रुपये होनी चाहिये। प्रस्ताव के मुताबिक उपभोक्ता जिंस बाजारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भंडारण सेवायें देने वाली इकाई उस कारोबार को करने के लिये ‘उपयुक्त और योग्य’ होनी चाहिये।

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