आरके सिंह बोले- बिजली उत्पादक कंपनियों ने कोयला आयात को लेकर शुरू की प्रक्रिया

RK singh
ANI

बिजली मंत्रालय ने 18 मई को आगाह किया था कि अगर कोयला आयात का ऑर्डर 31 मई तक नहीं दिया गया और आयातित ईंधन 15 जून तक बिजलीघरों में नहीं पहुंचा, ऐसे में चूक करने वाली बिजली उत्पादक कंपनियों को अपना आयात 15 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा।

नयी दिल्ली। केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने मंगलवार को कहा कि विद्युत उत्पादक कंपनियों (जेनको) ने संयंत्रों में मिश्रण को लेकर कोयला आयात की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बिजली मंत्रालय ने 18 मई को आगाह किया था कि अगर कोयला आयात का ऑर्डर 31 मई तक नहीं दिया गया और आयातित ईंधन 15 जून तक बिजलीघरों में नहीं पहुंचा, ऐसे में चूक करने वाली बिजली उत्पादक कंपनियों को अपना आयात 15 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा। 

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मंत्रालय ने राज्य सरकारों और बिजली उत्पादक कंपनियों को लिखे पत्र में कहा था कि इसके अलावा यदि 15 जून तक घरेलू कोयले के साथ आयातित कोयले का मिश्रण शुरू नहीं किया जाता है, तो संबंधित चूककर्ता के ताप विद्युत संयंत्रों के घरेलू आवंटन में पांच प्रतिशत की और कमी की जाएगी। इस मामले में एक सवाल के जवाब में मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘ज्यादातर राज्यों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। सही मायने में सभी राज्य इस दिशा में कदम उठा रहे हैं।’’ इस बारे में विस्तार से जानकारी दिये बिना उन्होंने कहा कि कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने अपना उत्पादन बढ़ाया है लेकिन उसे इसे और बढ़ाना होगा क्योंकि मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 

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आरके सिंह ने कहा कि कोल इंडिया ने उत्पादन शुरू कर दिया लेकिन उतना नहीं, जितनी जरूरत है...इसीलिए हमारा भंडार कम हो रहा है। एक अप्रैल को यह 2.4 करोड़ टन था जो 13 अप्रैल को 1.9 करोड़ टन तथा 31 मई को 1.85 करोड़ टन पर आ गया। यह अब फिर से बढ़कर दो करोड़ टन हो गया है। सिंह ने कहा कि बिजली की मांग भी काफी बढ़ी है। इसका एक बड़ा कारण बिजली से वंचित 2.86 करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन पहुंचना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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