स्वतंत्र निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के मामले बताएं: SC to Swamy

SC to Swamy
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स्वामी की जनहित याचिका पर न्यायालय ने यह आदेश दिया। याचिका में बैंकों में विभिन्न घोटालों में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों की कथित भूमिका की जांच का आदेश देने की अपील की गई है।

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी से स्पष्ट रूप से वे मामले बताने को कहा जहां सीबीआई ने बैंक घोटालों में शामिल बैंकों के स्वतंत्र निदेशकों के खिलाफ सबूत होने के बावजूद कदम नहीं उठाया। स्वामी की जनहित याचिका पर न्यायालय ने यह आदेश दिया। याचिका में बैंकों में विभिन्न घोटालों में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों की कथित भूमिका की जांच का आदेश देने की अपील की गई है।

न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायाधीश विक्रम नाथ ने स्वामी से चार सप्ताह के भीतर इस संबंध में हलफनामा दायर करने को कहा। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर स्वामी यह स्पष्ट रूप से बताते हैं कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने स्वतंत्र निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जांच एजेंसी की भूमिका की जांच की जा सकती है। सोलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर आरबीआई के अधिकारियों की भूमिका जांच प्रक्रिया में सामने आती है, उन्हें आरोपी के रूप में शामिल किया जाएगा और जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा कि स्वामी ने केवल ‘व्यापक रूप से विषय’ को उठाया है। याचिका में किसी विशेष उदाहरण का अभाव है। स्वामी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि किंगफिशर, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यस बैंक जैसी विभिन्न संस्थाओं से जुड़े घोटालों में आरबीआई अधिकारियों के शामिल होने की जांच नहीं की गई है। उन्होंने दलील दी है कि विभिन्न परियोजनाओं को कोष आवंटन में महत्वूपर्ण भूमिका के बाद भी, आरबीआई के नामित अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच वर्ष 2000 से अबतक नहीं हुई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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