सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में किया संशोधन, इन योजनाओं में पैसा लगाना होगा

यह योजनाओं के बेहतर प्रबंधन और निवेशकों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। मौजूदा नियमों के तहत ‘नई कोष पेशकश’ (एनएफओ) के जरिये जुटायी गयी राशि का एक प्रतिशत या 50 लाख रुपये, जो भी कम हो निवेश की जरूरत होती है।
नयी दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत म्यूचुअल फंड को अपनी योजनाओं में पैसा लगाने की आवश्यकता होगी जो जोखिम स्तर पर निर्भर करेगा। इस पहल से कंपनी के प्रबंधन करने वाले कार्यकारियों की योजनाओं में हिस्सेदारी (स्किन इन द गेम) सुनिश्चित होगी। यह योजनाओं के बेहतर प्रबंधन और निवेशकों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। मौजूदा नियमों के तहत ‘नई कोष पेशकश’ (एनएफओ) के जरिये जुटायी गयी राशि का एक प्रतिशत या 50 लाख रुपये, जो भी कम हो निवेश की जरूरत होती है।
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एक अधिसूचना में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा, ‘‘संपत्ति प्रबंधन कंपनी समय-समय पर बोर्ड द्वारा निर्धारित योजनाओं से जुड़े जोखिमों के आधार पर म्यूचुअल फंड कीऐसी योजनाओं में निवेश करेगी।’’ हालांकि, नियामक ने न्यूनतम राशि का निर्धारण नहीं किया है, जो कि म्यूचुअल फंड को निवेश करने की जरूरत होगी। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार म्यूचुअल फंड को इक्विटी जैसे जोखिम वाली योजनाओं में अधिक राशि निवेश करने की जरूरत होगी जबकि बांड फंड जैसे कम जोखिम वाली निवेश योजनाओं में निम्न राशि लगाने की आवश्यकता होगी।
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