शताब्दी, तेजस ट्रेनों में रेलवे करेगा 25 फीसद तक रियायत की पेशकश

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[email protected] । Aug 28 2019 6:05PM

रोडवेज और सस्ती एयरलाइंस से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे रेलवे ने अब शताब्दी एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के किराये में 25 फीसद तक रियायत देने की तैयारी की है जिससे इनमें टिकटों की बिक्री बढ़ सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि यह रियायत चेन्नई सेंट्रल-मैसूरू शताब्दी एक्सप्रेस, अहमदाबाद-मुंबई शताब्दी एक्सप्रेस और न्यू जलपाईगुड़ी-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस को छोड़ सभी वातानुकूलित कुर्सी यान, एक्जीक्यूटिव कुर्सी यान वाली ट्रेनों में लागू होगी, क्योंकि उन ट्रेनों में मौजूदा रियायत योजना जारी रहेगी।

नयी दिल्ली। रोडवेज और सस्ती एयरलाइंस से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे रेलवे ने अब शताब्दी एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के किराये में 25 फीसद तक रियायत देने की तैयारी की है जिससे इनमें टिकटों की बिक्री बढ़ सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि यह रियायत चेन्नई सेंट्रल-मैसूरू शताब्दी एक्सप्रेस, अहमदाबाद-मुंबई शताब्दी एक्सप्रेस और न्यू जलपाईगुड़ी-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस को छोड़ सभी वातानुकूलित कुर्सी यान, एक्जीक्यूटिव कुर्सी यान वाली ट्रेनों में लागू होगी, क्योंकि उन ट्रेनों में मौजूदा रियायत योजना जारी रहेगी।

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अधिकारी ने बताया कि रियायत वंदे भारत एक्सप्रेस पर भी लागू होगी, जिसमें एसी, सीसी और इसी सीटिंग है बशर्ते इसमें 50 प्रतिशत से कम टिकटों की बिक्री हो। अधिकारी ने बताया कि जीएसटी, आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क और अन्य अलग से लगाए जाएंगे। अधिकारी ने कहा, “जिन ट्रेनों में पिछले साल मासिक 50 फीसदी से कम टिकट बिकीं उनमें रियायत दी जाएगी।” रेल मंत्रालय ने मंडलों के प्रधान वाणिज्यिक प्रबंधकों को तय रेलगाड़ियों में रियायती किराया योजना शुरू करने के लिये अधिकार देने का फैसला किया है। हालांकि उसने कुछ दिशानिर्देश तय किये हैं। 

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अधिकारी ने बताया, मंत्रालय ने कहा है कि रियायती मूल्य तय करते वक्त प्रतिस्पर्धात्मक किराया एक पैमाना होना चाहिए और यात्रा के सभी हिस्सों के लिये रियायत की पेशकश की जाएगी चाहे वह यात्रा का पहला चरण हो, मध्य चरण या आखिरी हिस्सा। मंत्रालय ने कहा कि रियायत की पेशकश वार्षिक, अर्धवार्षिक, मासिक या सप्ताहांत के आधार पर की जा सकती है। जब ये योजना लागू रहेगी तब शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में श्रेणीवार रियायत या फ्लेक्सी फेयर जैसी योजना लागू नहीं होगी।

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मंत्रालय ने बताया कि जोनों से कहा गया है कि वे 30 सितंबर तक उन ट्रेनों की पहचान करें जिनमें टिकटों की बिक्री कम हो रही है। मंत्रालय ने कहा कि प्रयास टिकटों की बिक्री बढ़ाने के लिए होने चाहिए। अधिकारी ने कहा कि जोनों से कहा गया है कि योजना को लागू करने के चार महीने बाद रिपोर्ट दायर करें। रेलवे ने इसी तरह की योजना उन कुछ ट्रेनों के लिए भी शुरू की थी जिनके टिकटों की बिक्री कम होती थी और इन ट्रेनों में से परिवर्तनशील किराये को खत्म कर दिया था।

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