Stanford की रिपोर्ट: AI में भारत की धाक, दुनिया में तीसरे पायदान पर, विकसित देशों को पछाड़ा

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Ankit Jaiswal । Dec 14 2025 11:17PM

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार एआई प्रतिस्पर्धा में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इस सूची में अमेरिका और चीन पहले और दूसरे स्थान पर हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने कई विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है। साथ ही भारत में वैश्विक टेक कंपनियों का निवेश तेजी से बढ़ रहा है, जिससे एआई क्षेत्र में देश की स्थिति और मजबूत हो रही है।

वैश्विक तकनीकी दौड़ में भारत की मौजूदगी अब सिर्फ उभरती हुई नहीं रही, बल्कि निर्णायक होती जा रही है। हाल ही में सामने आई एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दुनिया का तीसरा सबसे प्रतिस्पर्धी देश बनकर उभरा है।

बता दें कि यह आकलन अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार किए गए ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल के आधार पर किया गया है। मौजूद जानकारी के अनुसार, इस रैंकिंग में भारत को 21.59 अंक मिले हैं, जबकि अमेरिका 78.6 अंकों के साथ पहले और चीन 36.95 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है।

गौरतलब है कि अंकों का अंतर यह संकेत देता है कि भारत को अभी अमेरिका और चीन के स्तर तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना है, लेकिन इसके बावजूद भारत ने कई विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है। इस सूची में दक्षिण कोरिया, जापान, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी जैसे देश भारत से नीचे रहे हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई प्रतिस्पर्धा का यह आकलन केवल तकनीक तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता, अनुसंधान एवं विकास, निवेश का स्तर, सरकारी नीतियां, तकनीकी ढांचा, सार्वजनिक धारणा और आर्थिक प्रभाव जैसे कई पहलुओं को शामिल किया गया है।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की तेजी से बढ़ती टेक इकोसिस्टम, स्टार्टअप संस्कृति और इंजीनियरिंग प्रतिभा ने इस प्रगति में अहम भूमिका निभाई है। साथ ही, सरकार की डिजिटल और तकनीकी पहलों ने भी एआई को अपनाने का माहौल तैयार किया है।

यह प्रगति ऐसे समय सामने आई है, जब दुनिया की कई बड़ी टेक कंपनियों ने भारत में बड़े पैमाने पर निवेश की घोषणा की है। हाल ही में अमेज़न ने 2030 तक एआई, क्लाउड कंप्यूटिंग और लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर में करीब 35 अरब डॉलर निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।

इसी तरह, माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में क्लाउड और एआई विस्तार के लिए 17.5 अरब डॉलर निवेश का ऐलान किया है, जो एशिया में उसका अब तक का सबसे बड़ा निवेश माना जा रहा है। इससे पहले इंटेल, कॉग्निज़ेंट और ओपनएआई जैसी कंपनियां भी भारत में निवेश और सहयोग की योजनाओं की घोषणा कर चुकी हैं।

जानकारों का मानना है कि इन निवेशों से भारत न केवल एआई अनुसंधान और विकास का बड़ा केंद्र बनेगा, बल्कि वैश्विक तकनीकी संतुलन में भी उसकी भूमिका और मजबूत होगी, जिससे आने वाले वर्षों में भारत की स्थिति और सशक्त होने की संभावनाएं बनी हुई हैं।

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