स्पेक्ट्रम नीलामी आधार मूल्य पर करने के पक्ष में है आयोग
अंतर मंत्रालयी समिति दूरसंचार आयोग ने उपलब्ध समूचे स्पेक्ट्रम की नीलामी ट्राई के सुझाव के अनुसार आधार मूल्य पर करने का पक्ष लिया जिससे सरकारी खजाने को लगभग 5.36 लाख करोड़ रुपये मिल सकते हैं। इसके साथ ही आयोग की राय है कि ऊंचे फ्रिक्वेंसी बैंड- 1800 मेगाहट्र्ज, 2100 मेगाहट्र्ज, 2300 मेगाहट्र्ज आदि में स्पेक्ट्रम जीतने वाली कंपनियां 50 प्रतिशत राशि का भुगतान शुरू में करें जबकि बाकी राशि दो साल की छूट के बाद 10 साल में चुकाई जाए।
इससे पहले कंपनियों को शुरू में केवल 33 प्रतिशत राशि के भुगतान का विकल्प दिया गया था। आयोग की सिफारिशों के मुताबिक 700 मेगाहट्र्ज, 800 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज जैसे एक गीगाहट्र्ज से कम बैंड के स्पेक्ट्रम के मामले में कंपनयिों को 25 प्रतिशत राशि का शुरू में भुगतान करना होगा जबकि बाकी दो साल की छूट के बाद 10 साल में चुकानी होगी। इस बारे में सरकार की पूर्व व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दूरसंचार आयोग के सुझावों को अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में पेश किया जाएगा। उसके आधार पर ही जुलाई में होने वाली नीलामी के नियम बनाए जाएंगे। आयोग ने सालाना स्पेक्ट्रम शुल्क पर फैसला टाल दिया है।
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