अब वाहनों में अतिरिक्त टायर रखने की जरूरत नहीं, सरकार ने मोटर वाहन नियमों में किए कई बदलाव
इसके तहत अधिकतम 3.5 टन मास तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (टीपीएमएस) का सुझाव दिया गया है। यह वाहन के चलते रहने की स्थिति में टायर या इसके वेरिएशन के इंफ्लेशन दबाव की निगरानी करता है और चालक को अग्रिम रूप से जानकारी देता है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों में टायरों में हवा के दबाव के निगरानी के लिए मैं दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। मंत्रालय ने वाहनों में टायरों में हवा के दबाव की निगरानी प्रणाली से संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं। एक बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने जीएसआर 457 (ई) द्वारा सीएमवीआर 1989 में संशोधन किए हैं। इसके तहत अधिकतम 3.5 टन मास तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (टीपीएमएस) का सुझाव दिया गया है। यह वाहन के चलते रहने की स्थिति में टायर या इसके वेरिएशन के इंफ्लेशन दबाव की निगरानी करता है और चालक को अग्रिम रूप से जानकारी देता है।
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इसके माध्यम से सड़क सुरक्षा में बढ़ोतरी करता है। साथ ही इसमें टायर मरम्मत किट की अनुशंधा की गई। इसमें टायर पंक्चर (ट्यूबलेस टायर) होने के समय रिपेयर किट के उपयोग से सीलेंट को टायर ट्रेड में पंक्चर हुए स्थान पर एयर सील के साथ डाला जाता है। अगर टायर रिपेयर किट और टीपीएमएस उपलब्ध कराया गया है तो ऐसे वाहनों में अब अतिरिक्त टायरों की आवश्यकता समाप्त हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप, यह अधिक जगह उपलब्ध कराएगा जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी आदि को समायोजित किया जा सकता है।
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नए संशोधन में स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि कोई भी 8 सीटों वाली कार जिसमें ट्यूबलेस टायर है और वह टायर प्रेशर मॉनिटरिंग या टायर रिपेयर किट से सुसज्जित है उनमें स्पेयर टायर यानी की स्टेफनी देने की जरूरत नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक कारों की बिक्री बढ़ सकती है। भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री बढ़ाने के लिए कई तरीके की काम कर रही है। फिलहाल भारतीय बाजार में फैक्ट्री फिटेड टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम की पेशकश करने वाली कारों की संख्या काफी ज्यादा है।
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पहले यह सुविधा महंगी लग्जरी कारों में देखने को मिलती थी लेकिन अब छोटी कारों में भी स्टैंडर्ड प्रैक्टिस फीचर के तहत इसको देखा जा सकता है। यह माना जा रहा है कि इस नियम के आने के बाद से कई कार निर्माता कंपनियां आने वाले दिनों में अतिरिक्त टायर की पेशकश नहीं करेंगे। इसके बदले वह एक साधारण टायर पंक्चर रिपेयर किट प्रदान कर सकती है। हालांकि, फिलहाल अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या कार कंपनियां पंक्चर रिपेयर किट के साथ कंप्रेसर भी प्रदान करेंगी जिसका इस्तेमाल टायर में हवा भरने के लिए किया जा सकेगा।
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