वित्तीय संस्थानों पर कुछ लोगों का दबदबा नहीं हो, संचालन निेदेशक मंडल करे : डिप्टी गवर्नर

Reserve Bank of India

उन्होंने कहा, ‘‘वित्तीय प्रणाली में कुछ लोगों के केंद्रीय भूमिका में आने से न केवल विभिन्न हितधारकों के लिए मूल्य सृजन पर असर पड़ता है, बल्कि जोखिम लेने की बोर्ड की क्षमता भी प्रभावित होती है।’’

मुंबई| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने मंगलवार को कहा कि वित्तीय संस्थानों पर कुछ व्यक्तियों का वर्चस्व नहीं होना चाहिए और इनका संचालन निदेशक मंडल को करना चाहिए।

जैन ने रिजर्व बैंक प्रवर्तित केंद्र कैफराल में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वित्तीय संस्थानों का संचालन कुछ लोगों के हाथों में रहने से उसके अवांछनीय परिणाम सामने आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक विकास एवं सामाजिक बेहतरी के लिए सक्षम एवं ज्वलंत वित्तीय प्रणाली का होना बेहद जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘वित्तीय प्रणाली में कुछ लोगों के केंद्रीय भूमिका में आने से न केवल विभिन्न हितधारकों के लिए मूल्य सृजन पर असर पड़ता है, बल्कि जोखिम लेने की बोर्ड की क्षमता भी प्रभावित होती है।’’

उन्होंने कहा कि वित्तीय संस्थानों का संचालन निदेशक-मंडल के हाथ में ही रहना चाहिए, इनपर कुछ लोगों का दबदबा नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के पास नियंत्रण होने से अवांछनीय नतीजे सामने आने की आशंका होती है। डिप्टी गवर्नर ने कहा कि निदेशक मंडल के सदस्यों को रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण मसलों पर ध्यान देना चाहिए और मिलजुलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार बोर्ड के सामने समुचित मूल्यांकन के बगैर ही प्रस्ताव रख दिए जाते हैं।

उन्नत वित्तीय अनुसंधान एवं शिक्षा केंद्र (कैफराल) का गठन आरबीआई ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में देश की बढ़ती भूमिका को ध्यान में रखते हुए एक स्वतंत्र निकाय के तौर पर किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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