वन नेशन, वन कार्ड योजना के तीन साल पूरे, 9 अगस्त 2019 को शुरू हुई थी परियोजना

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‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना के तीन साल पूरे हुए।दोनों केंद्र सरकार की ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना के लाभार्थियों में से हैं। इस योजना के माध्यम से पात्र लोग देश में कहीं से भी खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना अब पूरे देश में लागू कर दी गई है।

नयी दिल्ली।गोरखपुर निवासी प्रेमलता और दरभंगा निवासी मंजूर आलम सोमवार को पीडीएस प्रणाली के तहत राष्ट्रीय राजधानी में अपना सब्सिडी वाला राशन प्राप्त करने को लेकर उत्साहित हैं। दोनों केंद्र सरकार की ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना के लाभार्थियों में से हैं। इस योजना के माध्यम से पात्र लोग देश में कहीं से भी खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना अब पूरे देश में लागू कर दी गई है। इसमें असम जून, 2022 में शामिल होने वाला नवीनतम राज्य है। ओएनओआरसी को नो अगस्त, 2019 को चार राज्यों में एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू किया गया था। इसके तीन साल पूरे हो गये हैं। राष्ट्रीय राजधानी के गोल मार्केट के भगत सिंह बाजार में उचित मूल्य की दुकान पर काम करने वाली प्रेमलता ने कहा कि उन्हें अब सब्सिडी वाला खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए अपने गांव की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी और न ही वे अपने अधिकार से वंचित होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले दो साल से दिल्ली में रह रहे हैं।

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फिलहाल हम पहाड़गंज इलाके में रह रहे हैं। हमें राशन की दुकान से हर महीने 40 किलोग्राम अनाज मिल रहा है।’’ वह घरेलू सहायिका का काम करती है और उनका पति एक दुकान में काम करता है। बिहार के दरभंगा के रहने वाले मंजूर आलम को भी परिवार के नौ सदस्यों के लिए राशन दुकान से खाद्यान्न मिल रहा है। मध्य प्रदेश के भल्लू केवट और शंकर ने कहा कि वे भी यहां राशन की दुकानों के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत अपने खाद्यान्न कोटा का लाभ उठा रहे हैं। गोल मार्केट में राशन की दुकान चलाने वाली इंदु गुप्ता ने बताया कि ओएनओआरसी योजना के तहत पिछले महीने 20 से अधिक प्रवासियों ने राशन लिया था। प्रौद्योगिकी आधारित ओएनओआरसी योजना को केंद्र द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ के लिए लागू किया गया है।

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यह प्रणाली सभी एनएफएसए लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को, बायोमीट्रिक / आधार प्रमाणीकरण के साथ मौजूदा राशन कार्ड के माध्यम से देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से अपने हक के खाद्यान्न का पूरा भाग या कुछ हिस्सा प्राप्त करने की अनुमति देती है। यह व्यवस्था उनके परिवार के सदस्यों को, यदि कोई हो, उसी राशन कार्ड पर शेष खाद्यान्न प्राप्त करने की अनुमति देती है। इस समय योजना के तहत प्रति माह औसतन लगभग तीन करोड़ लेनदेन दर्ज किए जा रहे हैं। अगस्त, 2019 में स्थापना के बाद से, योजना के तहत लगभग 77.88 करोड़ लेनदेन हुए हैं। एनएफएसए के तहत, केंद्र लगभग 80 करोड़ पात्र लाभार्थियों को हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न 2-3 रुपये प्रति किलो की सस्ती दर पर प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, केंद्र गरीबों को राहत देने के लिए 80 करोड़ लोगों को हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलो अतिरिक्त खाद्यान्न ‘मुफ्त’ प्रदान कर रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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