अमेरिका ने चीन की कंपनी हुआवे और जेडटीई को बताया देश के लिए खतरा, लगाई पाबंदी

हुआवेई

अमेरिका ने हुआवेई, जेडटीई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा घोषित कर दिया है।इस निर्णय के दायरे में कंपनी मूल इकाई, संबद्ध और अनुषंगी इकाइयां आएंगी। इस फैसले के बाद एफसीसी के 8.3 अरब डॉलर का सार्वभौमिक सेवा कोष का उपयोग इन आपूर्तिकर्ताओं द्वारा उपलब्ध किसी भी दूरसंचार उपकरण या सेवाओं को लेने में नहीं किया जा सकेगा।

वाशिंगटन।अमेरिकी फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (एफसीसी) ने चीनी कंपनी हुआवेई और जेडटीई को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा’ घोषित है। उसने कहा कि अमेरिकी संचार नेटवर्क की सुरक्षा के लिये यह कदम उठाया गया है। यह निर्णय मंगलवार को आया और यह तत्काल प्रभाव में आ गया है। इस निर्णय के दायरे में कंपनी मूल इकाई, संबद्ध और अनुषंगी इकाइयां आएंगी। इस फैसले के बाद एफसीसी के 8.3 अरब डॉलर का सार्वभौमिक सेवा कोष का उपयोग इन आपूर्तिकर्ताओं द्वारा उपलब्ध किसी भी दूरसंचार उपकरण या सेवाओं को लेने में नहीं किया जा सकेगा। पब्लिक सेफ्टी एंड होमलैंड सिक्युरिटी ब्यूरो ने साक्ष्यों और हुआवेई तथा जेडटीई के अपने समर्थन में रखे गये बयान तथा अन्य पक्षों की बातों के आधार पर यह निर्णय किया।

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हुआवेई और जेडटीई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बताने वाला निर्णय तुंरत प्रभाव से अमल में आ गया है। एफसीसी के चेयरमैन भारतीय-अमेरिकी अजित पई ने कहा, ‘‘इस आदेश के बाद और साक्ष्यों के आधार पर ब्यूरो ने हुआवेई और जेडटीई को अमेरिकी संचार नेटवर्क और हमारे 5जी भविष्य के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बताया है।’’ पई के अनुसार दोनों कंपनियों का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सैन्य उपकरणों से संबद्ध है। दोनों कंपनियां चीनी कानून से बंधी हैं और उन पर देश की खुफिया सेवाओं के साथ सहयोग की बाध्यताएं हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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