'हमारे पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार', रघुराम राजन बोले- हमारे यहां श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी समस्या नहीं

Raghuram Rajan
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पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। आरबीआई ने रिजर्व बढ़ाने में अच्छा काम किया है। हमें श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी समस्या नहीं है। हमारा विदेशी कर्ज भी कम है। उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया में महंगाई है।

नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने शनिवार को श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है और आरबीआई ने रिजर्व को बढ़ाने का अच्छा काम किया है। दरअसल, श्रीलंका अब तक के सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

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भारत में भी कम होगी खाद्य मुद्रास्फीति

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। आरबीआई ने रिजर्व बढ़ाने में अच्छा काम किया है। हमें श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी समस्या नहीं है। हमारा विदेशी कर्ज भी कम है। उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया में महंगाई है। आरबीआई ब्याज दर बढ़ा रहा है जिससे महंगाई कम करने में मदद मिलेगी। सबसे ज्यादा महंगाई खाद्य और ईंधन में है। जैसा कि हम देख सकते हैं कि दुनिया में खाद्य मुद्रास्फीति कम हो रही है और भारत में भी घटेगी।

आपको बता दें कि गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका में मुद्रास्फीति जुलाई महीने में बढ़कर 60.8 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई। खाद्य उत्पादों एवं ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहने से मुद्रास्फीति बढ़ी है। श्रीलंका के सांख्यिकीय विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले की तुलना में इस महीने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 60.8 प्रतिशत पर पहुंच गई। एक महीना पहले जून में यह 54.6 प्रतिशत पर थी।

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श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट ने राजनीतिक अस्थिरता एवं जन असंतोष भी पैदा किया है। व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बाद गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए और रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। हालांकि श्रीलंका की स्थिति में सुधार कब तक होगा इसको लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।

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