मध्यप्रदेश में शहरी बेरोजगार युवाओं के लिये ‘मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना’

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[email protected] । Feb 22 2019 5:24PM

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज यहां मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में इस योजना के तहत युवा हितग्राहियों को 100 दिन रोजगार के प्रमाण पत्र वितरित करने के बाद कहा, ‘‘प्रदेश के बेहतर भविष्य के लिये हम विकास का एक नया नक्शा तैयार करेंगे।

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के शहरी गरीब युवाओं के लिये 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के वास्ते ‘मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना’ की शुरुआत की है। देश के ग्रामीण इलाकों में गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये चल रही मनरेगा योजना की तर्ज पर शहरी बेरोजगार युवाओं के लिये यह योजना शुरू की गई है। यह देश में अपनी किस्म की पहली योजना है, जो शहरी बेरोजगार युवा-युवतियों को साल में 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित करेगी, जिसमें प्रशिक्षण भी शामिल होगा। योजना में 21 से 30 वर्ष आयु समूह के वे शहरी नौजवान लाभांवित होंगे, जिनके परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रूपये से कम हो। इन्हें 100 दिन में 4,000 रूपये महीने के हिसाब से कुल 13,500 रूपये मानदेय भी मिलेगा।प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक नौजवानों ने इस योजना में पंजीयन करवाया है।

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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज यहां मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में इस योजना के तहत युवा हितग्राहियों को 100 दिन रोजगार के प्रमाण पत्र वितरित करने के बाद कहा, ‘‘प्रदेश के बेहतर भविष्य के लिये हम विकास का एक नया नक्शा तैयार करेंगे। इसमें कृषि विकास के साथ-साथ नौजवानों को रोजगार देने के सुनिश्चित प्रयास होंगे।’’

उन्होंने कहा कि करीब दो महीने में नई सरकार ने एक ओर जहां कृषि क्षेत्र को ताकत देने के लिये किसानों का 2 लाख रूपये तक का फसल ऋण माफ किया है, वहीं बेरोजगार नौजवानों के लिये हम ‘मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना’की शुरूआत कर रहे हैं।

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कमलनाथ ने कहा कि हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि हम कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार करें। हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद खेती किसानी है। अगर हम किसानों द्वारा उत्पादित उपज का वाजिब दाम नहीं दिला सके तो हम अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं ला सकते। किसानों की अगर क्रय शक्ति नहीं होगी तो हमारी अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा और प्रदेश का विकास बाधित होगा। हम किसानों को ताकत देने के लिये कर्जमाफी की शुरूआत आज से करने जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि दूसरी हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है युवाओं को रोजगार देने की है। आज का नौजवान संचार संसाधनों से लैस है उसे कोई ठेका नहीं चाहिए, कमीशन नहीं चाहिए। उसे रोजगार चाहिए। ‘‘अगर हमारा नौजवान निराश रहा, उसके जीवन में भटकाव रहा तो हम अपने प्रदेश के बेहतर भविष्य का निर्माण नहीं कर पायेंगे। इसके लिये हम प्रदेश में निवेश की व्यापक संभावनाओं को तलाश रहे हैं। अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना से हम अपने नौजवान को काम दे पायेंगे।’’ युवा स्वाभिमान योजना इस दिशा में हमारा प्रयास है। 100 दिन में 4,000 रूपये प्रतिमाह हम नौजवानों को उपलब्ध करायेंगे। साथ ही उन्हें प्रशिक्षण भी देंगे ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके। 

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