Finland Universities Campus in India: जल्द ही भारत में कैंपस ओपन कर सकती हैं फिनलैंड की यूनिवर्सिटी, शुरू हो सकता है एक्सचेंज प्रोग्राम

यूरोप का देश फिनलैंड अपनी एजुकेशन सिस्टम के लिए जाना जाता है। वहीं फिनलैंड और भारत के विश्वविद्यालयों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम भी शुरू होंगे। बता दें कि विश्वविद्यालय एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स को एक या दो सेमेस्टर के लिए किसी दूसरे देश के पार्टनर विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने की अनुमति मिलेगी।
उच्च शिक्षा के स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। भारत में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देशों के विश्वविद्यालय के कैंपस शुरू होंगे। वहीं आने वाले समय में इस लिस्ट में फिनलैंड का नाम भी शामिल हो सकता है। यूरोप का देश फिनलैंड अपनी एजुकेशन सिस्टम के लिए जाना जाता है। वहीं फिनलैंड और भारत के विश्वविद्यालयों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम भी शुरू होंगे। बता दें कि विश्वविद्यालय एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स को एक या दो सेमेस्टर के लिए किसी दूसरे देश के पार्टनर विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने की अनुमति मिलेगी। इससे स्टूडेंट्स को न सिर्फ एकेडमिक एक्सपीरियंस बल्कि नया कल्चर भी मिलेगा।
फिनलैंड-भारत एक्सचेंज प्रोग्राम
शिक्षा मंत्रालय और फिनलैंड के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई है। इस बैठक का उद्देश्य फिनलैंड के साथ एजुकेशन में सहयोग को बढ़ावा देना है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच हुई बैठक में शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, फिनलैंड की एजुकेशन एंबेसडर, साइंस और हायर एजुकेशन की काउंसलर और फिनलैंड की नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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दोनों देशों के छात्र रिसर्च में काम करेंगे
भारत की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 के हिसाब से स्कूल और हायर एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट में सहयोग की संभावनाओं पर इस मीटिंग में बात की गई। फिनलैंड के एजुकेशन एक्सपर्ट ने भारत में अपने कैंपस शुरू करने को लेकर सकारात्मक रूख दिखाया है। यह भी माना जाता है कि दोनों देशों के हायर एजुकेशन संस्थानों के स्टूडेंट रिसर्च की फील्ड में मिलकर काम करेंगे। एक-दूसरे देश के विश्वविद्यालय में जा सकेंगे।
SPARC के तहत रिसर्च पार्टनरशिप
वहीं SPARC स्कीम के तहत रिसर्च पार्टनरशिप को बढ़ाने, छात्रों और फैकल्टी को मोबिलिटी के मौके बढ़ाने पर भी फोकस किया गया है। भविष्य में सहयोग के लिए कई आइडिया भी शेयर किए गए हैं। वहीं फिनलैंड की एजुकेशन एंबेसडर भारत के शैक्षणिक सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रही हैं। वहीं भारत की आईआईटी, यूनिवर्सिटीज और रिसर्च संस्थानों को विश्व स्तर का बताया गया है। अब यह दोनों देश मिलकर काम करेंगे। भारत ने रिसर्च को लेकर कई नई पहल की शुरूआत की है।
भारत में मिली कैंपस खोलने की अनुमति
कई देशों के विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति मिल गई है। साल 2026 से कुल 16 विदेशी विश्वविद्यालयों के भारतीय कैंपस में भारतीय स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज करने का मौका मिलेगा। फिनलैंड भी टेक्नोलॉजी, साइंस, इंजीनियरिंग एंड मैथ्स और बिजनेस से जुड़े कोर्सेज को प्राथमिकता देने की बात कह रहे है। वहीं गुजरात के गांधीनगर की गिफ्ट सिटी में ऑस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालय के भारतीय कैंपस की औपचारिक शुरूआत हो गई है।
तीन विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस में शुरू हुई पढ़ाई
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑप वोलोंगोंग और डीकिन यूनिवर्सिटी का कैंपस भी शुरू हो गया है। साल 2025 सत्र में साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के गुरुग्राम में भी पढ़ाई शुरू हो गई है। वहीं तीन विदेशी विश्वविद्यालय के कैंपस में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। वहीं अगस्त 2026 से लिवरपूल के बेंगलुरु कैंपस में पढ़ाई शुरू होगी। साल 2026 से यूके के अबरदीन यूनिवर्सिटी, इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज शिकागो, यॉर्क यूनिवर्सिटी, पर्थ की यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया और इटली के नामी डिजाइन इंस्टीट्यूट का भी मुंबई में कैंपस होगा।
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