पॉमोलॉजिस्ट बनकर संवारें दूसरों का और अपना भविष्य

Pomologist

सबसे पहले तो आपको पेड़−पौधों से लगाव होना चाहिए और उनके बारे में जानने की उत्सुकता होनी चाहिए। इसके अलावा आपको फलों के पौधे की खेती और इसके गुणों का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। आपके भीतर धैर्य व कड़ी मेहनत करने व रिसर्च आदि के गुण भी होने चाहिए।

देश का भविष्य दो लोगों के हाथ में होता है एक अध्यापक और दूसरा किसान। जहां एक अध्यापक बच्चों में अच्छे संस्कारों का समावेश करते हैं, वहीं किसान अच्छी पैदावार के जरिए देश को स्वस्थ बनाते हैं और उनके इस काम में उनकी मदद करते हैं पॉमोलॉजिस्ट। एक पॉमोलॉजिस्ट एक पेशेवर है जो फल और नट्स के पौधों की उचित वृद्धि और प्रजनन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। वे आमतौर पर बागों, खेतों और प्रयोगशालाओं में काम करते पाए जाते हैं। एक पॉमोलॉजिस्ट फलों के विकास के विभिन्न चरणों का अध्ययन करता है और फल उत्पादन को बेहतर बनाने में मदद करता है। उनके पास फल और पेड़ों के भौतिक और रासायनिक गुणों की अच्छी समझ होती है। वे एक विशिष्ट क्षेत्र में फलों की सबसे अच्छी उपज सुनिश्चित करते हैं और जलवायु विज्ञान का अच्छा ज्ञान रखते हैं जो पौधों की वृद्धि के लिए एक आवश्यक कारक है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि एक पॉमोलॉजिस्ट बनने के लिए आपमें कौन से गुण होने चाहिए−

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स्किल्स

अगर आप इस क्षेत्र में कॅरियर देख रहे हैं तो आपमें कुछ स्किल्स अवश्य होने चाहिए। सबसे पहले तो आपको पेड़−पौधों से लगाव होना चाहिए और उनके बारे में जानने की उत्सुकता होनी चाहिए। इसके अलावा आपको फलों के पौधे की खेती और इसके गुणों का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। आपके भीतर धैर्य व कड़ी मेहनत करने व रिसर्च आदि के गुण भी होने चाहिए।

योग्यता

कॅरियर एक्सपर्ट बताते हैं कि विज्ञान विषय से 12 वीं उत्तीर्ण करने के बाद, उम्मीदवार को स्नातक, वनस्पति विज्ञान, कृषि विज्ञान के समकक्ष डिग्री हासिल करनी चाहिए। जो लोग फलों में एक वैज्ञानिक या शोधकर्ता के रूप में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, उन्हें पॉमोलॉजी में एमएससी करनी चाहिए और इसके बाद पोमोलॉजी में पीएचडी करना चाहिए।

संभावनाएं

कॅरियर एक्सपर्ट बताते हैं कि इस क्षेत्र में अवसरों की कोई कमी नहीं है। आप इस क्षेत्र में संबंधित पढ़ाई करने के बाद पॉमोलॉजी एग्रीकल्चर सुपरवाइजर, फ्रूट साइंटिस्ट, पॉमोलॉजी टेक्निशियन, पॉमोलॉजी प्रोफेसर व फ्रूट फार्मर के रूप में काम कर सकते हैं। आपके लिए एग्रीकल्चरल आर्गेनाइजेशन से लेकर कॉलेज व यूनिवर्सिटी, रिसर्च इंस्टीट्यूट, लेबोरेटरी व ग्रीनहाउस आदि में जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इसके अलावा आप गवर्नमेंट आर्गेनाइजेशन में भी काम कर सकते हैं।

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आमदनी

इस क्षेत्र में आमदनी इस बात पर निर्भर करेगी कि आप किस पद पर और किस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। फिर भी शुरूआत में आप 25000−30000 रूपए प्रतिमाह आसानी से कमा सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

बीयू भोपाल, भोपाल

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, पुणे

सेंट जेविर्यस कॉलेज, मुंबई

तेजपुर विश्वविद्यालय, तेजपुर

डीजी वैष्णव कॉलेज, चेन्नई

भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, खड़गपुर

माउंट कार्मल कॉलेज, बैंगलोर

- वरूण क्वात्रा

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