फ्लावर मेकर बनकर इस तरह महका सकते हैं अपना कॅरियर

how to make career in flower making

फूलों की बात ही अलग होती है। चाहे बर्थडे पार्टी हो या शादी या फिर यूं ही घर सजाना हो, फूलों की सहायता ली जाती है। लेकिन असली फूल न सिर्फ जल्दी मुरझा जाते हैं, बल्कि इन्हें बार−बार बदलने की आवश्यकता होती है।

फूलों की बात ही अलग होती है। चाहे बर्थडे पार्टी हो या शादी या फिर यूं ही घर सजाना हो, फूलों की सहायता ली जाती है। लेकिन असली फूल न सिर्फ जल्दी मुरझा जाते हैं, बल्कि इन्हें बार−बार बदलने की आवश्यकता होती है। जिसके कारण अक्सर लोग नकली फूलों की मदद से सजावट करते हैं। इनसे सजावट करना न सिर्फ ज्यादा आसान व किफायती होता है, बल्कि यह लंबे समय तक टिकते हैं। आज जिस तरह डेकोरेशन को काफी तवज्जो दी जा रही है, उसके कारण बाजार में हाथ से बने हुए नकली फूलों की मांग काफी बढ़ी है। ऐसे में आप फ्लावर मेकिंग के क्षेत्र में अपना कॅरियर बना सकते हैं−

स्किल्स

एक बेहतरीन फ्लावर मेकर बनने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आपको अपने काम से प्यार हो। इस क्षेत्र में सफल होने के लिए आपको काफी समय व मेहनत खर्च करनी होगी। अगर आप फ्लावर मेकिंग में स्वरोजगार कर रहे हैं तो शुरूआत में आपको अपना काफी समय खर्च करना पड़ेगा। एक फ्लावर मेकर सिर्फ फूल ही नहीं बनाता, बल्कि उसकी रचनात्मक शक्ति उसके काम को परफेक्ट बनाती है। चूंकि आप हाथ से बने फूल तैयार कर रहे हैं तो आप कुछ दुर्लभ व खूबसूरत फूल तैयार करें। जब आप कुछ हटकर करेंगे तो यकीनन लोग आपके काम को ज्यादा पसंद करेंगे। इस क्षेत्र में आपको शुरूआत में अपने बिजनेस को खुद सेट करना होगा, इसलिए आपमें कुछ मार्केटिंग स्किल्स होना भी बेहद आवश्यक है। इसके अतिरिक्त इस कार्य में बेहद पेशेंस की आवश्यकता होती है, इसलिए आपका धैर्यवान होना भी जरूरी है।

क्या होता है काम 

एक फ्लावर मेकर का मुख्य काम अपने हाथों की मदद से कुछ बेहतरीन फूलों का निर्माण करता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि आपको फ्लावर बनाने के लिए बहुत बड़ी जगह या मशीनों की आवश्यकता हो। आप अपने घर से भी अपना काम शुरू कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त एक फ्लावर मेकर अपने फूलों को आकर्षित बनाने के लिए कपड़े और कागज के अतिरिक्त मोती, टिश्यू पेपर, रिबन व अन्य सजावटी सामान का इस्तेमाल करता है। इसके अतिरिक्त एक फ्लावर मेकर का काम सिर्फ फूल बनाने तक ही सीमित नहीं होता। उसे कच्चे माल को लाने और तैयार माल को सही व सुरक्षित तरीके से भेजने का भी प्रबंध करना होता है। वहीं उसके कार्यक्षेत्र में अपने काम की मार्केटिंग करना भी शामिल करना होता है। ताकि वह अच्छे व बड़े आडर्स प्राप्त कर सके और अपने क्लाइंट बना सके।

योग्यता

इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं होती। आमतौर पर आप दसवीं या बारहवीं के बाद फ्लावर मेकिंग का कोर्स करके इस क्षेत्र में कदम रख सकते हैं। बहुत से संस्थान फ्लावर मेकिंग का एक सप्ताह से लेकर एक महीने तक का कोर्स चलाते हैं। वहीं कुछ संस्थानों में यह कोर्स तीन महीने से लेकर एक साल तक का होता है। वैसे इस कोर्स की फीस भी कुछ ज्यादा नहीं है। आप यह कोर्स पन्द्रह सौ से लेकर दस हजार रूपए तक के बीच कर सकते हैं। 

संभावनाएं

फ्लावर मेकिंग का कोर्स करने के बाद आप किसी फ्लावर मेंकिंग कंपनी में जॉब ढूंढ सकते हैं। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में स्वरोजगार भी एक अच्छा उपाय है। बस आप कच्चा माल घर लाएं और घर से ही काम शुरू कर दें। वर्तमान समय में, विवाह व पार्टी के अवसर के अतिरिक्त होटल्स, गिफ्ट पैकिंग कंपनी व बुके बनाने वाले आदि के साथ संपर्क करके उन्हें अपना तैयार माल बेच सकते हैं। 

आमदनी

इस क्षेत्र में आपकी आमदनी आपको मिलने वाले आर्डर पर निर्भर करती है। आप जितने बड़े पैमाने पर अपना बिजनेस शुरू करते हैं, आपकी आमदनी भी उतनी अधिक होती है। वैसे छोटे स्तर पर काम शुरू करने के बाद भी आप महीने का कम से कम से 20 से 25 हजार आसानी से कमा सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

बहुउद्देशीय प्रशिक्षण केंद्र, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, गांधी दर्शन, राजघाट, नई दिल्ली

क्राफ्ट एंड सोशल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन, लाजपत नगर, नई दिल्ली

हिमांशु आर्ट इंस्टीटयूट, नई दिल्ली

नानावती महिला कॉलेज, मुंबई

-वरूण क्वात्रा

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