CAA, दिल्ली और कश्मीर पर मोदी को घेरने की उम्मीद पालने वालों को ट्रंप का झटका

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता बनी हुई है, नागरिकता संशोधन कानून पर बोलने से उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह भारत का आंतरिक मामला है और देश इससे निबट लेगा। 370 पर बोलने से भी ट्रंप ने मना कर दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से ठीक पहले नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जिस तरह विरोध प्रदर्शन तेज हुए, दिल्ली में हिंसा भड़की और कश्मीर मुद्दे पर बहसबाजी तेज हुई, उन सबका उद्देश्य यही था कि ट्रंप इन मुद्दों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाएं और इन मुद्दों का अंतरराष्ट्रीयकरण हो सके। लेकिन ऐसे लोगों की उम्मीदों को बड़ा झटका देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता बनी हुई है, नागरिकता संशोधन कानून पर बोलने से उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह भारत का आंतरिक मामला है और देश इससे निबट लेगा। ट्रंप ने साफ कर दिया कि मोदी मुस्लिम और ईसाइयों के लिए भी काम कर रहे हैं। कश्मीर से 370 हटाये जाने पर भी ट्रंप ने कहा कि मैंने इस पर कभी कुछ नहीं कहा, भारत ने इसे हटाया है तो कुछ सोच समझ कर हटाया होगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला है अगर हमारी जरूरत पड़ी तो ही हम मध्यस्थता करेंगे।

उधर, भारत और अमेरिका ने अपने रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाते हुए तीन अरब डालर के रक्षा समझौते को अंतिम रूप दिया है जिसके तहत भारत दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले अपाचे और एमएच 60 रोमियो हेलिकाप्टर सहित अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की खरीद करेगा। निश्चित ही इस डिफेंस डील से दोनों देशों के रक्षा संबंध और मजबूत होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक में रक्षा सौदे को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक की खास बात यह रही कि इसमें भारत के नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए का मुद्दा नहीं उठा। दोनों पक्षों ने बहुलवाद और विविधता को भारत एवं अमेरिका को जोड़ने वाला कारक बताते हुए इसकी सराहना की। ट्रंप से जब दिल्ली में चल रही हिंसा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यही कहा कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता है और प्रधानमंत्री मोदी इसे बनाये रखने के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों का सम्मान है और बाकी देशों की तुलना में भारत में ज्यादा धार्मिक आजादी है। बैठक में पाकिस्तान पर भी चर्चा हुई और भारत ने अपनी चिंताओं को अमेरिका के समक्ष दृढ़ता के साथ रखा। बैठक की एक बड़ी सफलता यह भी रही कि ट्रंप ने कश्मीर में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। ट्रंप को कश्मीर में चल रहे विकास कार्यों और हाल ही में वहां गये दो विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के बारे में भी जानकारी दी गयी। बैठक के दौरान भारतीय पक्ष ने आईटी क्षेत्र में भारतीय पेशेवरों के योगदान को रेखांकित करते हुए एच1बी वीजा का मुद्दा भी उठाया।

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विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देश अपने नागरिकों को कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से सुरक्षा प्रदान करने को प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ मोदी भी बहुत सख्त हैं। ट्रंप ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि पाकिस्तान की धरती से चलने वाले आतंकवाद पर लगाम लगाने की जरूरत है और इस प्रयास में अमेरिका पाकिस्तान के साथ उसकी धरती से परिचालित होने वाले आतंकवादियों से मुकाबला करने में सार्थक रूप से काम कर रहा है। शाम को अपने संवाददाता सम्मेलन में भी ट्रंप ने कट्टर इस्लामिक आतंकवाद का जिक्र करते हुए उसे हराने के लिए पूरा दमखम लगाने की बात कही और अपने इरादे स्पष्ट कर दिये कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिशें चल रही हैं और वहां जो कुछ हो रहा है वह पूरा विश्व जानता है।

बहरहाल, मोदी के साथ अपनी बैठक के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमारी चर्चा में मुख्य जोर द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों पर रहा जो साफ-सुथरा और दोतरफा हो। उन्होंने कहा कि हमारे प्रतिनिधिमंडलों ने समग्र कारोबार समझौते को लेकर काफी प्रगति की है। मैं आशान्वित हूं कि हम समझौता कर पायेंगे जो दोनों देशों के लिये काफी महत्व का होगा। 

साझा बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच संबंध दो सरकार नहीं बल्कि लोगों के बीच हैं। ये संबंध 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। ट्रंप ने भी शानदार आवभगत के लिए भारत का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मैं और मेलानिया भारत के स्वागत से अभिभूत हैं। मैंने और मेलानिया ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और ताजमहल को भी देखा। ट्रंप ने कहा कि मेरा ये दौरा काफी शानदार रहा।

इससे पहले आज सुबह डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलेनिया का राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया गया। ट्रंप को 21 तोपों की सलामी भी दी गयी। राष्ट्रपति के तौर पर भारत की अपनी पहली यात्रा पर आए ट्रंप को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बाद में ट्रंप ने अपनी पत्नी के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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दूसरी ओर, अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप ने दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को संबोधित किया और उनके स्वागत के लिए धन्यवाद किया। मेलानिया ने कहा कि बच्चों को इस तरह खुशी का संदेश देना काफी शानदार है, मैंने आज रीडिंग क्लास रूम का भी दौरा किया जहां पर बच्चों को क्या पढ़ाया जाता है इसे जानकर खुशी मिली। मेलानिया का स्कूल पहुँचने पर तिलक लगा कर और आरती उतार कर स्वागत किया गया।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच पांच घंटे से अधिक समय तक बातचीत के दौरान जो अन्य महत्वपूर्ण विषय आये उनमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य और खास कर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संपर्क का विषय भी रहा। भारत और अमेरिका ने पांच मुख्य क्षेत्रों- सुरक्षा, रक्षा, ऊर्जा, तकनीक और दोनों देशों की जनता के स्तर पर संपर्क को लेकर व्यापक वार्ता की और राष्ट्रपति ट्रंप ने रक्षा क्षेत्र में भारत को उच्च प्राथमिकता देने का अश्वासन दिया। इसके अलावा दोनों देशों ने मादक पदार्थों की तस्करी और होमलैंड से जुड़े मुद्दे पर कार्य समूह बनाने का फैसला किया। 

देर शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अमेरिकी राष्ट्रपति के सम्मान में मंगलवार को रात्रिभोज का आयोजन किया जिसमें ट्रंप परिवार सहित अमेरिकी मेहमानों और कई देशी-विदेशी राजनीतिज्ञों, राजनयिकों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया और बाद में ट्रंप कई मीठी यादों के साथ अमेरिका रवाना हो गये और जाते-जाते वह भारतीय कारोबारियों के साथ एक बैठक में वादा कर गये हैं कि अपने देश में कारोबार पर कायदे कानूनों के अंकुश और कम करेंगे क्योंकि वह और निवेश चाहते हैं। ट्रंप यह दावा भी करके गये हैं कि वह इस वर्ष होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को जीतने जा रहे हैं और इस जीत से बाजार में उछाल आएगा। बहरहाल, ट्रंप का यह भारत दौरा दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में काफी सार्थक रहा।

-नीरज कुमार दुबे

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