कांग्रेस की जीत पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगना और द्रमुक के विज्ञापन में चीनी झंडा दिखना बड़ी चेतावनी है

Karnataka DMK
Prabhasakshi

कर्नाटक सरकार को चाहिए कि वह पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों को तत्काल गिरफ्तार करे। यदि तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देते हुए नारा लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी तो उनका हौसला बढ़ेगा और आने वाले समय में वह और भी गंभीर हरकत कर सकते हैं।

कर्नाटक में कांग्रेस उम्मीदवार की जीत पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाना और तमिलनाडु में द्रमुक की ओर से अपने विज्ञापन में चीनी झंडा लगाने की घटना सामने आने से राजनीति तो गर्माई ही है साथ ही देशवासियों का भी गुस्सा उबाल पर है। सवाल उठ रहा है कि इंडिया गठबंधन के दल आखिर पाकिस्तान और चीन के मुरीद क्यों हुए जा रहे हैं? सवाल उठ रहा है कि आखिर कौन थे वह लोग जो भारत की संसद के लिए निर्वाचित व्यक्ति की जीत की खुशी में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे? सवाल उठ रहा है कि ये कौन लोग हैं जो खाते हिंदुस्तान का हैं मगर गाते पाकिस्तान का हैं? सवाल उठता है कि पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वालों को जब पाकिस्तान चले जाने का सुझाव दिया जाता है तो कुछ राजनीतिक दल उनके बचाव में क्यों खड़े हो जाते हैं? देश की जनता जानना चाहती है कि आखिर कौन थे वो लोग जो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाकर निकल गये और अब तक गिरफ्तार नहीं किये गये हैं? 

देखा जाये तो अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाना कर्नाटक सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल है। कर्नाटक सरकार को चाहिए कि वह पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों को तत्काल गिरफ्तार करे। यदि तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देते हुए नारा लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी तो उनका हौसला बढ़ेगा और आने वाले समय में वह और भी गंभीर हरकत कर सकते हैं। याद रखना चाहिए कि कर्नाटक में पीएफआई जैसी ताकतें सक्रिय रही हैं इसलिए इस मामले को संवेदनशील समझते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान प्रेमियों को तगड़ा संदेश देना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: Modi का Mission, दक्षिण में भी खिलेगा कमल, PM Modi के Kerala और Tamilnadu के दौरों ने BJP के समर्थन में जोरदार माहौल तैयार कर दिया

जहां तक द्रमुक की ओर से विज्ञापन में चीनी झंडा लगाने की बात है तो यह सीधे-सीधे देश की संप्रभुता पर हमला है। वैसे यह पहली बार नहीं है जब द्रमुक की ओर से देश विरोधी बात की गयी हो। हम आपको बता दें कि इससे पहले द्रमुक के एक बड़े नेता ए राजा कह चुके हैं कि हमें अलग देश की मांग करने पर मजबूर नहीं किया जाये। इसके अलावा द्रमुक के एक सांसद संसद के भीतर ही उत्तर भारत पर गंभीर टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर चुके हैं।

बहरहाल, यह सब दर्शाता है कि द्रमुक किस विचारधारा को लेकर आगे बढ़ रही है। देखा जाये तो कर्नाटक और तमिलनाडु की घटनाएं देशवासियों के लिए चेतावनी भी हैं कि यदि गलती से भी देश गलत हाथों में गया तो अलगावावादियों की भांति सोच रखने वाले तत्व हावी हो जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही ही कहा है कि द्रमुक को सजा देने का समय आ गया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़