प्रधानमंत्री के खिलाफ बैल बुद्धि अभियान चला कर कांग्रेस ने बालक बुद्धि का परिचय दिया है

Modi Rahul
ANI

जब-जब गांधी परिवार के पास प्रधानमंत्री पद रहा तब-तब ही कांग्रेस ने इसका सम्मान किया। इतिहास उठा कर देखेंगे तो पाएंगे कि लाल बहादुर शास्त्री से लेकर नरेंद्र मोदी तक...कांग्रेस को यह पचा ही नहीं कि कैसे कोई गैर-गांधी परिवार का व्यक्ति देश पर राज कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। यह प्रतिद्वंद्विता चुनावों के दौरान तीखे हमलों में भी तब्दील हो जाती है। लेकिन जनता इसे सामान्य रूप में ही लेती है क्योंकि यह अपेक्षित ही है कि राजनीतिक विरोधी एक दूसरे पर हमले करेंगे ही लेकिन चिंताजनक स्थिति तब पैदा होती है जब राजनीतिक हमले शालीनता और लोकतांत्रिक मर्यादाओं की लक्ष्मण रेखा को लांघ जाते हैं। कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पर जिस तरह के हमले किये जा रहे हैं वह राजनीति में शिष्टाचार खत्म होने का संकेत तो है ही साथ ही इससे यह भी प्रदर्शित हो रहा है कि कांग्रेस को मोदी को लगातार तीसरी बार मिला सरकार चलाने का जनादेश नहीं भाया है।

कांग्रेस को समझना होगा कि देश का प्रधानमंत्री किसी एक दल का नेता नहीं होता बल्कि वह समस्त भारतीयों का प्रधानमंत्री होता है। प्रधानमंत्री पद पर बैठा व्यक्ति दुनिया में भारत का चेहरा होता है। प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति से भले कितने भी वैचारिक और राजनीतिक मतभेद हों लेकिन उसका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। साथ ही प्रधानमंत्री पर राजनीतिक हमले करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि देश के संवैधानिक पद का कोई अपमान नहीं हो जाये। लेकिन खेद की बात यह है कि देश पर सर्वाधिक समय तक राज करने वाली और देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाली कांग्रेस प्रधानमंत्री के पद का लगातार अपमान करने में लगी हुई है।

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस शासित राज्यों में मुसलामान पिछड़े क्यों हैं?

हम आपको याद दिला दें कि जब-जब गांधी परिवार के पास प्रधानमंत्री पद रहा तब-तब ही कांग्रेस ने इसका सम्मान किया। इतिहास उठा कर देखेंगे तो पाएंगे कि लाल बहादुर शास्त्री से लेकर नरेंद्र मोदी तक...कांग्रेस को यह पचा ही नहीं कि कैसे कोई गैर-गांधी परिवार का व्यक्ति देश पर राज कर रहा है। पिछला उदाहरण डॉ. मनमोहन सिंह का है। जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तब उनके पास सारे अधिकार ही नहीं थे। मंत्री उनकी बात नहीं सुनते थे और सारे बड़े फैसले सोनिया गांधी करती थीं। इसके बाद जबसे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तबसे कांग्रेस ने उनके खिलाफ निचले और निजी स्तर पर हमले करने का अभियान चलाया। मोदी पर कांग्रेस के हमलों का जवाब जनता चुनावों में देती रही लेकिन इस बार के लोकसभा चुनावों में मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सीटें क्या घटीं, कांग्रेस के हमले और निचले स्तर पर चले गये हैं।

हम आपको बता दें कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'बैल बुद्धि' करार देते हुए सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अभियान चलाया हुआ है जिसे कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता आगे बढ़ा रहे हैं। भले कांग्रेस ने यह अभियान प्रधानमंत्री की ओर से राहुल गांधी को 'बालक बुद्धि' बताये जाने के जवाब में चलाया हो लेकिन उसे ध्यान रखना चाहिए कि प्रधानमंत्री पद की एक गरिमा होती है। संभव है कि कांग्रेस के 'बैल बुद्धि' अभियान के जवाब में भाजपा भी कोई अभियान शुरू करे। लेकिन सवाल यह है कि इस सबसे क्या हासिल होगा? संभव है कि सोशल मीडिया पर ऐसे अभियानों को ज्यादा लाइक्स और रिपोस्ट मिल जायें लेकिन क्या ऐसे ही अभियानों से लोकतंत्र को मजबूत किया जा सकता है। आज के नेताओं को अपने पूर्ववर्तियों से सबक लेना चाहिए जिन्होंने तमाम मतभेदों के बावजूद एक दूसरे के खिलाफ निजी हमले कभी नहीं किये और लोकतंत्र की गरिमा को बनाये रखा। बहरहाल, प्रधानमंत्री के खिलाफ बैल बुद्धि अभियान चला कर कांग्रेस ने वाकई बालक बुद्धि का परिचय दिया है।

-नीरज कुमार दुबे

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़