राहुल गांधी लड़ते क्यों नहीं हैं ?

Rahul Gandhi
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संतोष पाठक । Dec 9 2024 12:27PM

यह बात कुछ हद तक सही भी है। राहुल गांधी चाहकर भी अपने करीबी युवा नेता सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री नहीं बना पाए। सर्वे रिपोर्ट के बावजूद राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय अशोक गहलोत के करीबियों का टिकट नहीं काट पाए।

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों द्वारा बनाया गया इंडिया गठबंधन अब बिखरता हुआ नजर आने लगा है। लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा का रथ 240 पर रोकने से उत्साहित विपक्षी दल के नेता ही नहीं बल्कि उनके नेता और कार्यकर्ताओं तक को लगने लगा था कि यह सरकार अब पहले की तरह अड़ कर काम नहीं पाएगी।

लेकिन हर गुजरते महीने के साथ ही विपक्षी नेताओं का यह भ्रम टूटता हुआ सा नजर आने लगा है। लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत दिलाकर राहुल गांधी ने अपने नेतृत्व को जिस अंदाज में स्थापित करने की शुरुआत की थी, वह विश्वास भी अब दरकता हुआ नजर आ रहा है। राहुल गांधी और कांग्रेस के नेतृत्व को अप्रत्यक्ष तरीके से स्वीकार कर लेने वाले अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं के विचार भी अब बदलते हुए नजर आने लगे हैं।

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर जो स्वीकार्यता बढ़ती हुई नजर आने लगी थी, उसे हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया है।

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झारखंड में विपक्षी इंडिया गठबंधन को फिर से सरकार बनाने में कामयाबी तो मिल गई है लेकिन इसका पूरा श्रेय जेएमएम नेता और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जा रहा है। लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी गठबंधन को मिली हार का ठीकरा एक तरह से राहुल गांधी पर ही फोड़ा जा रहा है जबकि इस गठबंधन में महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज नेता माने जाने वाले शरद पवार और बालासाहेब ठाकरे की विरासत पर दावा करने वाले उद्धव ठाकरे भी शामिल हैं। 

हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सहयोगी जो बातें दबी जुबान में कह रहे थे, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद वही बातें खुल कर कहने लगे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने खुल कर इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की अपनी इच्छा जाहिर कर दी है। इससे पहले उन्ही की पार्टी के सांसद कल्याण बनर्जी राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए यह कह चुके हैं कि कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है, कांग्रेस ने अपने परफॉर्मेंस से इंडिया गठबंधन को निराश कर दिया है। कल्याण बनर्जी तो यहां तक बोल गए कि कांग्रेस को अपना अहंकार त्याग कर ममता बनर्जी  को अपना नेता मान लेना चाहिए। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी कई बार इशारों-इशारों में और कई बार खुलकर कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठा चुके हैं। उनके चाचा रामगोपाल यादव ने तो राहुल गांधी पर खुलकर हमला बोलते हुए यहां तक कह दिया कि वे इंडिया गठबंधन के नेता नहीं हैं। उद्धव ठाकरे, पहले से ही राहुल गांधी से नाराज हैं कि अपने वादे के मुताबिक कांग्रेस नेता ने विधानसभा चुनाव के समय उन्हें महाविकास अघाड़ी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया। 

दरअसल, इंडिया गठबंधन में शामिल क्षेत्रीय दलों के नेताओं को अब अपने अस्तित्व का डर सताने लगा है। उनके मन में यह बात बैठती जा रही है कि राहुल गांधी लड़ नहीं पाते हैं। राहुल गांधी न तो पीएम नरेंद्र मोदी से लड़ पा रहे हैं और ना ही साये की तरह अपने साथ चलने वाले उन कांग्रेस नेताओं से लड़ पा रहे हैं जो उन्हें अनाप-शनाप सलाह देते रहते हैं।

यह बात कुछ हद तक सही भी है। राहुल गांधी चाहकर भी अपने करीबी युवा नेता सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री नहीं बना पाए। सर्वे रिपोर्ट के बावजूद राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय अशोक गहलोत के करीबियों का टिकट नहीं काट पाए। वादा करने के बावजूद छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को हटाकर टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री नहीं बना पाए। मध्य प्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी से अपने सबसे करीबी नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को बचा नहीं पाए। राहुल गांधी अशोक गहलोत से लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा तक किसी भी क्षेत्रीय क्षत्रप से अपनी बात मनवा नहीं पाते हैं। जिस तरह से अड़ कर उन्होंने गांधी परिवार से अलग हटकर मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवाया, उस तरह की जिद वह पार्टी के अन्य मामलों में कर नहीं पाते हैं। नतीजा यह है कि देश के कई राज्यों में आज सांगठनिक दृष्टि से कांग्रेस एक तरह से खत्म सी नजर आ रही है। उन्होंने जिन केसी वेणुगोपाल को राष्ट्रीय संगठन महासचिव बनाकर, संगठन बनाने की जिम्मेदारी दी है, वह जनाब संगठन बनाने से ज्यादा तवज्जों राहुल गांधी के साथ हमेशा घुमने को देते नजर आते हैं। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या राहुल गांधी इन बातों को समझ नहीं पा रहे हैं और अगर समझ रहे हैं तो फिर लड़ क्यों नहीं पा रहे हैं ? 

- संतोष पाठक

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।)

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