‘ज्ञान’ पर योगी सरकार का पूरा फोकस

Yogi Adityanath
ANI

योगी सरकार के कार्यकाल में ही उत्तर प्रदेश में दो और उल्लेखनीय कार्य हुए। वाराणसी के काशी विश्वनाथ कारीडोर का दो साल पहले उद्घाटन हुआ। करीब सात सौ करोड़ रूपए की लागत से बने इस कारीडोर के चलते काशी में ना सिर्फ आस्था, बल्कि कारोबार का भी सैलाब उमड़ पड़ा है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की सात साल की उपलब्धियों और कार्यो पर गौर करें तो पता चलता है कि इस सरकार का पूरा फोकस गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति पर रहा है। योगी सरकार की इस उपलब्धिय को संक्षेप में ज्ञान यानी जीवाईएएन के रूप में भी देखा जा सकता है। जी से गरीब, वाई से युवा, ए से अन्नदाता और एन से नारी शक्ति। यह ठीक है कि युवा शक्ति को इस दौरान नौकरियों के लिए जूझना जरूर पड़ा है। पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक की वजह से उसे परेशानी भी हुई है। लेकिन इसके बावजूद योगी सरकार का समूचा फोकस इन्हीं चार विषयों पर केंद्रित रहा है। 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लिए अच्छी बात यह रही कि केंद्र में पहले से ही उसकी पार्टी की सरकार थी। इसकी वजह से उसे अपनी योजनाओं को लागू करने में किसी रोकटोक का सामना नहीं करना पड़ा। राज्य सरकार ने 2017 में अपनी शुरूआत से ही केंद्र द्वारा शुरू की गई गरीब समर्थक योजनाओं के कार्यान्वयन में जोर लगा दिया। जिसमें उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन देने, शौचालय निर्माण के के साथ ही रेहड़ी-पटरी वालों के लिए रियायती कर्ज और हर जल नल कनेक्शन देने में इस सरकार ने पूरा जोर लगा दिया। राज्य सरकार केंद्र की 44 योजनाओं को लागू करने में अव्वल है। राज्य में उज्ज्वला योजना के तहत अब तक पौने दो करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन मिल चुके हैं। जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में 55 लाख 83 हजार से ज्यादा मकान बने हैं। राज्य में स्वच्छ भारत मिशन के तहत पौने तीन करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए गए हैं। उत्तर प्रदेश के देहाती इलाकों में इन शौचालयों को टायलेट या शौचालय की बजाय सहजता से इज्जत घर कहा जा रहा है। हर घर नल योजना के तहत राज्य के दो करोड़ पांच लाख घरों तक पानी का कनेक्शन इन सात सालों में ही दिया गया। इसके साथ ही 17 लाख 62 हजार रेहड़ी-पटरी वालों को रियायती दर पर कर्ज मिला है। उत्तर प्रदेश में एक और योजना बहुत तेजी से लागू की गई है। केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य के नौ करोड़ लोगों को पांच लाख रूपए तक का चिकित्सा बीमा की सहूलियत मिली है।

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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के पहले तक बिजली आपूर्ति की स्थिति बेहद खराब थी। पूरे राज्य में लखनऊ और इटावा-सैफई ही ऐसी जगहें थीं, जहां सुचारू बिजली आपूर्ति होती थी। राज्य को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर आदि के उद्योगों के लिए भी बिजली सहजता से उपलब्ध नहीं थी। लेकिन इस बीच स्थितियां सुधरी हैं। अब गांवों तक रोजाना 16 से 18 घंटे तक बिजली मिल रही है। राज्य में बिजली आपूर्ति के सरंजाम बेहद पुराने हैं। बलिया समेत पूर्वी जिले में स्थानीय आपूर्ति करने वाले ट्रांसमिशन सिस्टम जर्जर हो चुके हैं। इसकी वजह से यदा-कदा गड़बड़ियां होती हैं। अलबत्ता कुल मिलाकर स्थिति सही है। इसका असर औद्योगिक उत्पादन पर भी पड़ा है। राज्य में उद्योग पनप रहे हैं। इसका प्रत्यक्ष और परोक्ष लाभ राज्य की जनता को मिल रहा है। इसी क्रम में कह सकते हैं कि राज्य सरकार ने 2024-25 के लिए एक हजार करोड़ के प्रावधान के साथ युवा उद्यमी विकास योजना शुरू की गई है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य में युवा कारोबार और उद्योग की ओर उन्मुख होंगे, जिसका फायदा राज्य के युवाओं को रोजगार के रूप में मिलेगा। प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के क्रियान्‍वयन में उत्‍तर प्रदेश देश में प्रथम स्‍थान पर है। इस योजना में 2 करोड़ 68 लाख किसानों को अब तक 68 हजार 135 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। इसी तरह राज्य में मिशन शक्ति, मुख्‍यमंत्री कन्‍या सुमंगला योजना, गरीबों की बेटियों के लिए विवाह अनुदान योजना, मुख्‍यमंत्री सामूहिक विवाह योजना समेत कई योजनाओं से लाखों महिलाओं को फायदा हुआ है।

योगी सरकार के कार्यकाल में ही उत्तर प्रदेश में दो और उल्लेखनीय कार्य हुए। वाराणसी के काशी विश्वनाथ कारीडोर का दो साल पहले उद्घाटन हुआ। करीब सात सौ करोड़ रूपए की लागत से बने इस कारीडोर के चलते काशी में ना सिर्फ आस्था, बल्कि कारोबार का भी सैलाब उमड़ पड़ा है। देसी तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ी है। ऐसा अनुमान है कि रोजाना करीब एक लाख देसी सैलानी सामान्य दिनों में वाराणसी आ रहे हैं। इसका सीधा फायदा यहां के परिवहन, होटल, खानपान और शिल्पकारी के कारोबार पर पड़ा है। इसी तरह बीते 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के मंदिर का उद्घाटन हुआ। तीर्थ क्षेत्र अयोध्या का विकास भी हो रहा है। यहां भी रोजाना लाखों तीर्थ यात्री आ रहे हैं। जिनकी वजह से इलाके में रोजगार और कारोबार की संभावनाएं बेहतर हो रही हैं। 

2017 में योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद ही राज्य के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा हुआ। इसमें गंगा एक्सप्रेसवे का नाम सबसे आगे है। इसके साथ ही राज्य से होकर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे गुजरने वाला है। जिस पर तेजी से काम जारी है। इसी तरह लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है। इसके साथ ही गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, दिल्ली- सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और गाजीपुर-बलिया-मांझीघाट एक्सप्रेसवे की भी तैयारी है। हाल ही में गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के रूप में राज्य के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे बनाने को लेकर भी तैयारियां जोरों पर है। आदित्यनाथ सरकार के दौरान राज्य की कानून व्यवस्था भी पहले की तुलना में दुरूस्त हुई है। इसकी वजह से राज्य एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 

उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्य में स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार खूब है। हालांकि यह भी सच है कि भ्रष्टाचार की जानकारी होने के बाद कार्यवाही भी खूब हो रही है। बेशक राज्य ने इन सात सालों में बहुत उपलब्धियां हासिल की हैं। लेकिन अभी बहुत कुछ हासिल किया जाना बाकी है। इसके लिए राज्य सरकार को अपनी प्रशासनिक मशीनरी को दुरूस्त और चाकचौबंद रखना होगा। क्योंकि नीतियों और योजनाओं को जमीनी हकीकत यह मशीनरी ही बनाती है। मशीनरी कई बार जानबूझकर तो कई बार अकुशल होने के चलते योजनाओं को सही तरीके से लागू नहीं कर पाती। जिसकी वजह से बेहतर नीतियों का जमीनी फायदा नहीं मिल पाता। योगी सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है। चिकित्सा व्यवस्था और शिक्षा व्यवस्था को भी दुरूस्त किया जा रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि योगी सरकार के प्रयास और तेज होंगे, ताकि उत्तर प्रदेश के लोगों की जिंदगी को और ज्यादा खुशहाल बनाया जा सके।

-उमेश चतुर्वेदी

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तम्भकार हैं)

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