धवन को अगले तीन साल शीर्ष स्तर का क्रिकेट खेलने की उम्मीद

Shikhar Dhawan
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धवन ने कहा, ‘‘मैं अपने ऊपर अनावश्यक दबाव नहीं डालता। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो कभी खत्म नहीं होती। अगर मैं चीजों को उस तरह से सोचूंगा तो मुझे खुशी नहीं होगी।एकदिवसीय में मेरा औसत 45.53 है। मैं हमेशा खेल में सुधार की तलाश में रहता हूं, विश्लेषण करता हूं कि कैसे मैं बेहतर हो सकता हूं।’’

नयी दिल्ली|  सलामी बल्लेबाज शिखर धवन एकदिवसीय प्रारूप में भारतीय टीम का अहम हिस्सा हैं लेकिन उनका मानना है कि टी20 प्रारूप में वह अभी काफी योगदान दे सकते हैं।

दिल्ली के 36 साल के धवन को उम्मीद है कि वह आसानी से अगले तीन साल तक क्रिकेट खेल सकते हैं। धवन ने इंडियन प्रीमियर लीग में एक बार फिर से शानदार लय में होने का सबूत देते हुए अब तक 421 रन बनाये है। टीम को अभी एक और मैच खेलना है।

इस टी20 लीग में उनकी निरंतरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पिछली बार 2015 में 300 से कम रन बनाये थे। पिछले साल श्रीलंका के दौरे पर भारत का नेतृत्व करने और लगातार रन बनाने के बाद भी  धवन को पिछले  टी 20 विश्व कप की भारतीय टीम में जगह नहीं मिली थी। धवन को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नौ जून से शुरू होने वाली घरेलू श्रृंखला में वापसी की उम्मीद है। उनका मानना है कि उनका अनुभव टी20 प्रणाली में काम आ सकता है।

धवन ने पीटीआई को दिये साक्षात्कार में शुक्रवार को कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं अपने अनुभव के कारण सबसे छोटे प्रारूप में योगदान दे सकता हूं। मैं टी20 प्रारूप में काफी अच्छा कर रहा हूं। मुझे जो भी भूमिका दी गई है मैंने उसे बखूबी निभाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं जिस प्रारूप में भी खेल रहा हूं उसमें निरंतरता बनाए रखने में कामयाब रहा हूं, चाहे वह आईपीएल हो या घरेलू स्तर पर और मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं।’’ श्रीलंका में भारतीय टीम का नेतृत्व करने के बाद भी टी20 विश्व कप के लिए टीम में जगह बनाने में विफल रहने पर धवन को निराशा हुई थी लेकिन सकारात्मक सोच से उन्हें फायदा हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘ हां मैं बहुत सकारात्मक व्यक्ति हूं। पिछले साल टीम का नेतृत्व करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा था। टी20 विश्व कप के लिए उन्हें (चयनकर्ताओं को) लगा कि (चुने गए) खिलाड़ी मुझसे बेहतर हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं चयनकर्ताओं के फैसले का सम्मान करता हूं।  जीवन में ऐसा होता है। आप इसे स्वीकार करते हैं और अपना काम करते रहते हैं। मैं केवल उन चीजों पर ध्यान  देता हूं जो मेरे नियंत्रण में है और मैं मिले हुए मौके का अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश करता हूं।’’

भारत के लिए 34 टेस्ट, 149 एकदिवसीय और 68 टी20 मैच खेल चुके धवन ने कहा कि वह और तीन साल तक क्रिकेट खेलना चाहते है। राष्ट्रीय टीम के लिए 2010 में पदार्पण करने वाले धवन ने कहा, ‘‘मैं अपने ऊपर अनावश्यक दबाव नहीं डालता। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो कभी खत्म नहीं होती। अगर मैं चीजों को उस तरह से सोचूंगा तो मुझे खुशी नहीं होगी।एकदिवसीय में मेरा औसत 45.53 है। मैं हमेशा खेल में सुधार की तलाश में रहता हूं, विश्लेषण करता हूं कि कैसे मैं बेहतर हो सकता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ एक क्रिकेटर के तौर पर हमें ‘ अपने पांव जमीन पर रखने’ होते है। भारत का प्रतिनिधित्व करने की दौड़ में बने रहने के लिए  फिट रहना होगा। मैं कम से कम अगले तीन वर्षों तक खेल सकता हूं। मैं पिछले कुछ वर्षों से काफी अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं, मैं आशान्वित और सकारात्मक हूं कि जिस तरह से मैं प्रदर्शन कर रहा हूं, उससे मैं कई मील के पत्थर हासिल कर सकता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा ध्यान मंजिल पर नहीं बल्कि सफर पर है। यह इस बारे में है कि एक क्रिकेटर पर मैं कैसे खुद में सुधार करना जारी रख सकता हूं।’’ आईपीएल में पंजाब किंग्स के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टीम को थोड़ा और निरंतर प्रदर्शन करना चाहिए था।

टीम पिछले मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ हार के बाद प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गयी है।

धवन ने कहा, ‘‘ मैं टीम के लिए और मैच जीतना पसंद करता। हमने कभी बल्लेबाजी इकाई के रूप में तो कभी गेंदबाजी  इकाई के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन दोनों को अधिक मौकों पर एक साथ अच्छा करना चाहिए था। अगर हमने ऐसा किया होता तो हम काफी बेहतर स्थिति में होते।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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