रविचंद्रन अश्विन की IPL में उड़ गई थी रातों की नींद! आठ-नौ दिन तक नहीं सो पाया था खिलाड़ी

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रविचंद्रन अश्विन ने कहा, आईपीएल के दौरान आठ-नौ दिन तक सो नहीं पाया था। बता दें कि अश्विन अब एक और बायो बबल (जैव सु​रक्षित वातावरण) में चले गये हैं। इस बार वह भारतीय टीम के साथ हैं जिसे ब्रिटेन के 104 दिन के दौरे के लिये दो जून को रवाना होना है।

मुंबई। रविचंद्रन अश्विन के परिवार के सदस्य जब कोविड-19 महामारी से जूझ रहे थे तब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) बायो बबल के अंदर इस आफ स्पिनर की रातों की नींद उड़ी हुई थी और उन्होंने कहा कि उन्हें अपने करीबी लोगों की इस खतरनाक वायरस से उबरने में मदद करने के लिये टूर्नामेंट के बीच से हटना पड़ा था। अश्विन अब एक और बायो बबल (जैव सु​रक्षित वातावरण) में चले गये हैं। इस बार वह भारतीय टीम के साथ हैं जिसे ब्रिटेन के 104 दिन के दौरे के लिये दो जून को रवाना होना है। उन्होंने कहा, मैं लगभग आठ—नौ दिन के लिये सो नहीं पाया था। मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिए यह मेरे लिये वास्तव में तनावपूर्ण था। मैं अच्छी नींद नहीं लेने के बावजूद मैचों में खेल रहा था। ऐसा करना काफी मुश्किल था और इसलिए मुझे आईपीएल छोड़ना पड़ा और घर चला गया।

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अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, असल में जिस समय मैंने टूर्नामेंट बीच में छोड़ा था तब सोच रहा था कि क्या मैं फिर से क्रिकेट खेल पाऊंगा। लेकिन मैंने तब वही किया जो उस समय जरूरी था। बायो बबल में वायरस के कई मामले पाये जाने के बाद आईपीएल को बाद में स्थगित कर दिया गया था। मुंबई में चल रहे 14 दिन के वर्तमान पृथकवास के बारे में बात करते हुए अश्विन ने सुरक्षित वातावरण में भारतीय खि​लाड़ियों की जिंदगी की झलक पेश की। उन्होंने कहा, यह वास्तव में मुश्किल है। बाहर से देखने से लग रहा है कि हम आलीशान पांच सितारा होटल में ठहरे हैं, लेकिन यह आसान नहीं है। जैसे कि मैंने पहले कहा था कि यह सात दिन का नहीं 14 दिन का पृथकवास है। अश्विन ने कहा, इसलिए असल में हम यहां 19 मई को पहुंच गये लेकिन हमें मुंबई से दो जून को इंग्लैंड के लिये रवाना होना है। इस तरह से हमें भारत में 14 दिन का पृथकवास पूरा करना है। यही नहीं हमारा यहां हर दो दिन में एक बार परीक्षण हो रहा है।

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अश्विन ने इसके साथ ही कहा कि बायो बबल के उल्लंघन का मतलब किसी बाहरी का जैव सुरक्षित वातावरण में प्रवेश करना है। उन्होंने कहा, आप में से कई ने बायो बबल उल्लंघन के बारे में सुना होगा। बायो बबल उल्लंघन का मतलब यह नहीं है कि किसी बाहरी व्यक्ति ने जैव सुरक्षित वातावरण में प्रवेश किया। यह एक वायरस है और हमें अब भी नहीं पता कि यह कैसे अंदर प्रवेश कर गया। अधिकतर भारतीय खिलाड़ियों ने अपना पहला टीका लगवा लिया है जबकि अश्विन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के दोनों टीके लगवा चुके हैं। भारत की 24 सदस्यीय टीम ब्रिटेन जा रही है और अश्विन ने कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ 18 से 22 जून के बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल से पहले टीम के बीच ही अभ्यास मैच खेला जाएगा।

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अश्विन ने कहा, डब्ल्यूटीसी फाइनल साउथम्पटन में खेला जाएगा। इसका खूबसूरत पक्ष यह है कि वहां स्टेडियम में ही होटल है। टीमें वहीं रहेंगी। टेस्ट के बारे में पूरा ​ब्यौरा पता नहीं है। मुझे लगता है कि अभ्यास शुरू करने के बाद हम अभ्यास मैच भी खेलेंगे। अश्विन की सबसे बड़ी चिंता पृथकवास पर कमरे में समय बिताना है। उन्होंने कहा, सबसे बड़ी दिक्कत पृथकवास के दौरान समय बिताने की है। यदि हमारी नींद जल्दी खुल जाती है तो यह वास्तव में हमारे लिये लंबा दिन होगा। हम कमरे में क्या करेंगे। हम थोड़ा देर से जागने की कोशिश कर रहे हैं। मैं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ आया हूं। हमने (मैंने और पत्नी) एक समय का भोजन छोड़ने का फैसला किया है क्योंकि हम कोई काम कर ही नहीं रहे हैं। अश्विन ने टीकाकरण के बारे में कहा, सभी खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ ने कम से कम पहला टीका लगा दिया है। मैंने दोनों टीके लगा दिये हैं। मैंने कोवैक्सीन ली है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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