भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 9 विकेट से हराकर सीरीज़ 2–1 से जीती, यशस्वी का पहला वनडे शतक और कोहली–रोहित का कमाल

भारत ने तीसरे और निर्णायक वनडे में दक्षिण अफ्रीका को नौ विकेट से हराया और सीरीज़ 2–1 से अपने नाम कर ली। दक्षिण अफ्रीका का 271 रन का लक्ष्य भारतीय बल्लेबाज़ों के सामने हल्का साबित हुआ। यशस्वी जायसवाल ने 116* रन की पारी खेलते हुए अपने वनडे करियर का पहला शतक लगाया, जबकि रोहित शर्मा ने 75 और विराट कोहली ने 65* रन बनाकर पारी को सहज तरीके से समाप्त किया। कोहली ने शानदार लय बरकरार रखते हुए मज़बूत स्ट्राइक रेट के साथ विजयी चौका लगाया। इससे पहले प्रसिद्ध कृष्णा और कुलदीप यादव ने बीच के ओवरों में विकेट निकालकर रनगति पर रोक लगाई और मैच का संतुलन भारत की ओर झुका दिया।
भारत ने विशाखापट्टनम में खेले गए तीसरे वनडे में दक्षिण अफ्रीका को नौ विकेट से हराकर सीरीज़ 2-1 से अपने नाम कर ली। यह जीत इसलिए भी महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि बता दें कि इससे पहले टेस्ट सीरीज़ में भारत को 0-2 से हार झेलनी पड़ी थी।
मौजूद जानकारी के अनुसार दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 271 रन बनाए, लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ों ने लक्ष्य का पीछा बेहद संतुलन और बिना किसी घबराहट के किया। यशस्वी जायसवाल, रोहित शर्मा और विराट कोहली ने मिलकर मैच को पूरी तरह नियंत्रण में रखा और जीत को एक औपचारिकता भर बना दिया।
यशस्वी ने अपने वनडे करियर का पहला शतक जड़ते हुए 116 रन की नाबाद पारी खेली। गौरतलब है कि यह सिर्फ उनका चौथा एकदिवसीय मुकाबला था और उन्होंने 111 गेंदों में शतक पूरा करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी परिपक्वता का परिचय दिया। इस पारी के साथ वह उन चुनिंदा भारतीय बल्लेबाज़ों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में शतक लगाए हैं। उनके साथ ओपनिंग में उतरे रोहित शर्मा ने 75 रन बनाए और इसी के साथ वह भारत के चौथे ऐसे बल्लेबाज़ बन गए जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20,000 से अधिक रन पूरे किए। यह उपलब्धि भी भारतीय कप्तान के करियर को एक खास मुकाम देती है।
दूसरी ओर कोहली ने अंत तक टिके रहते हुए 65 रन की नाबाद तेज़तर्रार पारी खेली और अंतिम क्षणों में चौका लगाकर जीत तय कर दी। बता दें कि पूरे वनडे सीरीज़ में उन्होंने 302 रन बनाए और 151 के औसत के साथ अपनी फॉर्म और फिटनेस दोनों का मजबूत संकेत दिया। उनके शॉट चयन, विकेट के बीच दौड़, और अनुभव ने भारतीय पारी को उस समय स्थिरता दी जब दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज़ विकेट की तलाश में लगातार दबाव बना रहे थे।
दिन के पहले हिस्से में प्रसिद्ध कृष्णा और कुलदीप यादव ने संतुलित गेंदबाज़ी करते हुए दक्षिण अफ्रीका की रनगति पर ब्रेक लगाया और मध्य के ओवरों में महत्वपूर्ण विकेट निकालकर भारत की वापसी सुनिश्चित की। इन दोनों गेंदबाज़ों की किफ़ायती और योजनाबद्ध गेंदबाज़ी का ही परिणाम रहा कि लक्ष्य उतना बड़ा नहीं हो पाया जितना दक्षिण अफ्रीका ने आरंभ में सोचा था। कुल मिलाकर यह मुकाबला भारत की एकजुटता, संतुलित रणनीति और सधे हुए प्रदर्शन का उदाहरण साबित हुआ है।
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