बचपन के सपने को जीने की खुशी, इंग्लैंड का सबसे सफल कप्तान बनने पर रूट ने कहा

इस जीत से रूट ने कप्तान के तौर पर 55 मैचों में 27वीं बार सफलता दर्ज की। उन्होंने इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान द्वारा सबसे अधिक जीत दर्ज करने के मामले में माइकल वॉन (26), एंड्रयू स्ट्रॉस (24) और एलिस्टेयर कुक (24) को पीछे छोड़ दिया।
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भारत के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला के 1-1 से बराबर होने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘ जैसा कि मैंने मैच से पहले उल्लेख किया था, मैं इंग्लैंड की कप्तानी करने के अपने बचपन के सपने को जी रहा हूं। यह ऐसा सपना है जिसे मैंने बचपन में ही देखा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे वॉन से आगे निकलने की खुशी है। आप हालांकि एक कप्तान के रूप में सिर्फ अपने दम पर ऐसा नहीं करते हैं, यह खिलाड़ियों के समूह और कोचिंग सदस्यों की मदद से होता है।’’ रूट को हालांकि दूसरे कप्तानों से विपरीत कोरोना वायरस महामारी के दौरान बायो-बबल (जैव सुरक्षित) से निपटने के लिए रोटेशन नीति का सहारा लेना पड़ा, जिससे उनकी आलोचना भी हुई।
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उन्होंने कहा, ‘‘कप्तान के रूप में मेरे पूरे कार्यकाल में यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण अवधि रही है, इससे निपटना मुश्किल रहा है और ऐसे में जरूरी नहीं कि सारा ध्यान मैदान पर ही हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन यह मेरे काम का हिस्सा है। मैंने इसकी कोई समय सीमा नहीं रखी है। जब तक मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं, तब तक मुझे ऐसा लगेगा कि मैं सही दिशा में बढ़ रहा हूं। मेरे दिमाग में यह रहेगा कि मैं इसके लिए सही आदमी हूं, मैं इसे जारी रखने में ज्यादा खुश हूं।’’ शानदार लय में चल रहे रूट ने बल्ले से भी 121 रन का योगदान दिया जिससे टीम ने पहली पारी में 432 रन बनाकर 354 रन की बड़ी बढ़त हासिल की। पहली पारी में 78 रन पर ऑल आउट होने वाली भारतीय टीम पारी में 278 रन ही बना सकी।
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