बिजनौर की घटना यूपी का माहौल खराब करने की साजिशों का ही एक हिस्सा है!

Prashant Kumar
ANI

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद के शेरकोट थाना क्षेत्र में जलाल शाह और भूरे शाह की मजार पर तोड़फोड़ की गयी। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास के तहत दो भाइयों मोहम्मद कमाल और मोहम्मद आदिल ने इस घटना को अंजाम दिया।

उत्तर प्रदेश में जबसे दोबारा योगी सरकार बनी है तबसे प्रयास चल रहे हैं कि कैसे प्रदेश का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा जाये, साजिशें हो रही हैं कि कैसे यूपी की कानून व्यवस्था को पटरी से उतारा जाये, प्रयास हो रहे हैं कि कैसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को आघात पहुँचाया जाये...लेकिन यह सब प्रयास और साजिशें जो लोग कर रहे हैं वह नहीं जानते कि यूपी पुलिस ऐसे तत्वों से निबटना भी जानती है और किसी भी साजिश का समय रहते भंडाफोड़ करने में भी सक्षम है। अब बिजनौर का ही मामला लीजिये। सावन के महीने में जब कांवड़ यात्रा शांतिपूर्वक चल रही है, ऐसे में उत्तर प्रदेश का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश के तहत दो मुस्लिम युवकों ने भगवा कपड़े महने और दो मजारों में तोड़फोड़ की ताकि दूसरे पक्ष पर आरोप मढ़ा जा सके। लेकिन यूपी पुलिस ने दो सगे भाइयों की इस करतूत का खुलासा करते हुए उन्हें धर दबोचा।

उल्लेखनीय है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद के शेरकोट थाना क्षेत्र में जलाल शाह और भूरे शाह की मजार पर तोड़फोड़ की गयी। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास के तहत दो भाइयों मोहम्मद कमाल और मोहम्मद आदिल ने इस घटना को अंजाम दिया। यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए दो सगे भाइयों की गिरफ्तारी की पुष्टि भी की है। देखा जाये तो बिजनौर की घटना एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है। यह घटना उन प्रयासों की ही एक कड़ी है जिसके तहत कुछ लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं कि धार्मिक कटुता बढ़ाई जाये और नफरत का माहौल पैदा किया जाये।

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हालिया कुछ घटनाओं पर गौर कीजिये। अभी कुछ दिनों पहले ही लखनऊ के लुलु मॉल परिसर में अनधिकृत रूप से नमाज पढ़ी गयी जिसको लेकर बवाल हुआ और अशांति फैलाने की कोशिश की गयी। कुछ लोगों ने नमाज पढ़ी तो दूसरे पक्ष ने हनुमान चालीसा पढ़ने की इजाजत मांगी। इस मामले में दूसरा एंगल तब सामने आया जब मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा कि जिस तरह नमाज पढ़ी गयी वह एकदम गलत था। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा कि जिस दिशा में बैठ कर नमाज अदा की गयी वह गलत थी और लगता है कि युवकों का उद्देश्य सिर्फ नमाज पढ़ने का वीडियो बनाना और बखेड़ा खड़ा करने का था। जब पुलिस ने इस मामले में इरफान अहमद, सऊद, मोहम्मद आदिल आदि को गिरफ्तार किया गया तो सारी साजिश सामने आ गयी।

यही नहीं, इससे पहले अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसा के माध्यम से और उससे पहले नुपूर शर्मा के बयान के विरोध में जिस तरह का दंगा-फसाद किया गया उसकी प्रारम्भिक जांचों से यही सामने आया कि प्रदेश का माहौल बिगाड़ने और सरकार की छवि खराब करने की साजिशों के तहत यह सब हुआ। इसलिए योगी सरकार और यूपी पुलिस को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि हालिया सभी घटनाक्रम दर्शा रहे हैं कि साजिशकर्ताओं की योजना बेहद वृहद है।

- नीरज कुमार दुबे

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