आईसीसी के पहले के टूर्नामेंटों में कैसा रहा है टीम इंडिया का प्रदर्शन

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आयशा आलम । Jun 17 2021 10:45AM

1998 में आईसीसी ने क्रिकेट को और ज्यादा रोमांचक बनाने के लिए फैंस को नया तोहफा दिया। साल 1998 में आईसीसी नॉक आउट टूर्नामेंट आयोजित किया गया। इस टूर्नामेंट में कुल नौं टीमों ने हिस्सा लिया जिसमें भारतीय टीम भी शामिल थी।

25 जून 1932 से शुरू हुआ भारतीय क्रिकेट का सफर साल दर साल सुनहरा होता जा रहा है। टीम इंडिया दुनिया की शीर्ष टीमों में शुमार हो चुकी है। भारतीय क्रिकेट में ना जाने तमाम खिलाड़ी आए जिन्होंने ऐसे रिकार्ड्स स्थापित किए जिसे तोड़ पाना आसान नहीं लगता। भारतीय क्रिकेट को सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, कपिल देव, राहुल द्रविड़ जैसे ना जाने कितने क्रिकेटर मिले जिन्होंने टीम इंडिया को काफी उचाइयों तक पहुंचाया। इन खिलाड़ियों ने अपने अपने समय में ना जाने कितने मैच भारत की झोली में डाले। भारत में जब क्रिकेट शुरू हुआ तो इसका रोमांच ज्यादा नहीं था लेकिन जैसे जैसे भारतीय टीम का प्रदर्शन बढ़िया होता चला गया इस खेल को काफी ज्यादा पसंद किया जाने लगा। किसी भी टीम के लिए हर एक मैच जीतना काफी महत्तवपूर्ण होता है। दुनिया भर में कितने सीरीज खेली जाती है जिसमें आमने-सामने दो देश टकराते हुए और फिर एक टीम चैंपियन बनती है। लेकिन अगर क्रिकेट फैंस को कुछ सबसे ज्यादा पसंद होता है तो वह है वर्ल्ड कप जैसी लीग जहां दुनिया भर की तमाम टीमें टकराती है और फिर आखिर में एक टीम खिताब पर कब्जा जमाती है। ऐसे में अब जब भारत पहली बार आयोजित हुए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गया है तो क्रिकेट फैंस को यह जरूर जानना चाहिए कि इससे पहले जब जब आईसीसी ने दुनिया भर की तमाम टीमों को लेकर अपना पहला टूर्नामेंट शुरू किया था तो वहां भारतीय टीम का प्रदर्शन किस तरह का रहा था

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जब 1975 में पहली बार आयोजित हुआ था प्रूडेंशियल कप

7 जून 1975 जब पहली बार क्रिकेट के इतिहास में वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था। यह वो दौर था जब क्रिकेट की दुनिया में सीमित ओवरों का खेल ज्यादा नहीं खेला जाता था। उस दौरान खेला गया यह वर्ल्ड सफेद कपड़ों में खेला गया जहां लाल गेंद से मैच खेला जाता था और प्रत्येक मैच में प्रति टीम 60 ओवर शामिल थे। इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने भी हिस्सा लिया। इंग्लैंड की सरजमीं पर इस वर्ल्ड कप आयोजन हुआ। भारतीय टीम इस वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई। उस समय भारतीय टीम के पास एकदिवसीय क्रिकेट के क्षमता के मुताबिक खिलाड़ी नहीं थे जो टीम को वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के सामने जीत दिला सकें। इस वर्ल्ड में भारत इंग्लैंड, ईस्ट अफ्रीका और न्यूजीलैंड के साथ ग्रुप ए में था। जहां पहले मैच में भारत का सामना मेजबान इंग्लैंड से हुआ और टीम इंडिया को 202 रनों से भारी हार मिली। इसके बाद अगले मैच में भारतीय टीम ने शानदार वापसी की और ईस्ट अफ्रीका जैसी टीम को 10 विकेट से मात दी। लेकिन अब जब भारत के लिए टूर्नामेंट में आगे बढ़ने के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत जरूरी थी उस समय भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ चार विकेट से हार गई और टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

जब 1998 में आयोजित किया गया था आईसीसी नॉक आउट टूर्नामेंट

1998 में आईसीसी ने क्रिकेट को और ज्यादा रोमांचक बनाने के लिए फैंस को नया तोहफा दिया। साल 1998 में आईसीसी नॉक आउट टूर्नामेंट आयोजित किया गया। इस टूर्नामेंट में कुल नौं टीमों ने हिस्सा लिया जिसमें भारतीय टीम भी शामिल थी। इस समय तक भारत एकदिवसीय क्रिकेट में एक अलग मुकाम पा चुका था और हर बड़ी टीम भारत का सामना करने से डरती थी। ऐसे में इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। इस टूर्नामेंट में भारत के लिए सचिन तेंदुलकर कमाल का प्रदर्शन कर रहे थे और जब टीम इंडिया ने क्वार्टरफाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम को हराया तो लगा कि इस बार टीम इंडिया को खिताब जीतने से कोई नहीं रोक सकता लेकिन सेमीफाइनल में भारतीय टीम को वेस्टइंडीज के हाथों 6 विकेट से हार मिली और भारत इस टूर्नामेंट से बाहर हो गया।

जब भारत ने पहली बार आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया

साल 2007 में जब टीम इंडिया वेस्टइंडीज में हुए 50 ओवरों के हार का गम झेल रही थी उस समय क्रिकेट इतिहास में एक ऐसे वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ जिसने आने वाले समय में इस खेल की परिभाषा ही बदल दी। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुए इस टूर्नामेंट में भारत ने हिस्सा लिया। तमाम सीनियर खिलाड़ियों ने इस वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने से दूरी बना ली और नए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ युवा खिलाड़ियों ने इस टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से हर टीम को रौंद दिया। इस टूर्नामेंट में भारत के लिए हर खिलाड़ी ने अपना बेस्ट खेल दिखाया और टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और फाइनल में पाकिस्तान को रौंदते हुए पहले आईसीसी टी-20 वर्ल्ड के खिताब पर कब्जा जमा लिया।

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अब तक टीम इंडिया ने कितने आईसीसी खिताब अपने नाम किए हैं

भारतीय क्रिकेट में सबसे पहला सुनहरा पल आया 25 जून 1983 को जब भारतीय टीम ने इंग्लैंड में वेस्टइंडीज की टीम को फाइनल मुकाबला हराकर खिताब जीता। इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव थे। इसके बाद भारतीय टीम ने अपना जो अगला आईसीसी खिताब जीता वो साल 2002 का चैंपियंस ट्रॉफी था। जहां आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का तीसरा सीजन था इससे पहले इसे आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी के नाम से जाना जाता था। इस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला बारिश के कारण धुल गया और सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने ये ट्रॉफी श्रीलंका के साथ साझा कर ली। इसके बाद भारतीय टीम ने साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में पहली बार आयोजित हुए टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2007 के बाद एक औऱ कमाल करते हुए साल 2011 में भारत को दूसरा वनडे वर्ल्ड कप जिताया। महेंद्र सिंह धोनी का चमत्कारिक प्रदर्शन यही नहीं रूका और टीम इंडिया ने साल 2013 में इंग्लैंड में आयोजित हुए चैंपियंस ट्रॉफी में मेजबान टीम को हराकर ये खिताब भी अपने नाम कर लिया। 

- आयशा आलम

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