Congress Foundation Day: कांग्रेस पार्टी की जनोन्मुखी नीतियों से ही देश हुआ मजबूत

Congress Foundation Day
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डॉली शर्मा । Dec 28 2023 3:36PM

देश के युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जिस सूचना क्रांति की नींव रखी, उसका चमत्कार अब सर्वत्र दृष्टिगोचर हो रहा है। उन्होंने ही पंचायती राजव्यवस्था को मजबूत करके समाज के अंतिम व्यक्ति का जनकल्याण सुनिश्चित किया।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश के उन प्रमुख राजनैतिक दलों में अग्रगण्य है, जिसकी एक अखिल भारतीय पहचान और सियासी साख है। यह जाति, धर्म, क्षेत्र, भाषा, लिंग, वर्ग आदि की सियासत नहीं करती, बल्कि गरीब आदमी के लिए रोटी, कपड़ा और मकान; शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सम्मान की बात हमेशा से ही करती आई है। यह सामाजिक भाईचारा और साम्प्रदायिक सद्भाव की प्रबल पक्षधर मध्यम मार्गी पार्टी है, जो दक्षिणपंथी और वामपंथी विचारधारा से इतर हिंसा-प्रतिहिंसा मुक्त भारत की सोच रखती है। इस पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं के त्याग, तपस्या, बलिदान, समर्पण और शहादत का एक लंबा इतिहास रहा है, जिससे न केवल देश को आजादी मिली, बल्कि लोकतांत्रिक जनचेतना भी मजबूत हुई।

बता दें कि कांग्रेस पार्टी की स्थापना ब्रिटिश राज में 28 दिसंबर 1885 को हुई थी। इस लिहाज से आगामी 28 दिसम्बर 2023 को इसका 138वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। यह दिन हम सभी कांग्रेसियों के लिए खास है, क्योंकि इस दिन हमलोग अपने धवल अतीत से प्रेरणा लेकर समुज्ज्वल भविष्य के खातिर एक बार पुनरावलोकन अवश्य करते हैं। सच कहूं तो भारतीय अभिजात्य वर्ग और आम आदमी में समुचित तालमेल बिठाते हुए देश को आजाद करवाने से लेकर और आधुनिक भारत के नवनिर्माण तक में कांग्रेस की अग्रणी भूमिका की अनदेखी कदापि नहीं की जा सकती है। 

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ऐसे में जब अगले कुछ महीनों में आम चुनाव होने वाले हैं, तो मिशन 2024 को साकार करना और कांग्रेस को निरंतर मजबूत करना हम सबका एक लक्ष्य बन चुका है। इसलिए एक बार फिर से कांग्रेस के बारे में जानना, समझना और बताना बेहद जरूरी हो चुका है, ताकि आपलोग औरों को भी अच्छी तरह से समझा सकें। 

कहना न होगा कि आज देश में जिस डिजिटल इंडिया की बात जोर-शोर से हो रही है, उसकी नींव भी कांग्रेस ने ही रखी है। यहां जारी नई आर्थिक नीतियों की मुख्य सूत्रधार भी वही रही है। यह तो रही नए दौर की बात। वहीं, पुराने दौर की बात करें तो राष्ट्रीय एकीकरण, संविधान निर्माण, जमींदारी उन्मूलन और आम आदमी के कानूनी सशक्तिकरण के साथ-साथ गरीबी उन्मूलन में भी कांग्रेस पार्टी का बहुत बड़ा हाथ रहा है। 

आज हमलोग जिस आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, उसकी नींव भी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्र की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जमाने में ही रखी जा चुकी है। पहले भारत में बहुत चीजों की किल्लत थी, जिसे कांग्रेसी नेताओं ने अपनी सूझबूझ से दूर की। पार्टी की अग्रगामी नीतियों के फलस्वरूप ही आधुनिक भारत में औद्योगिक क्रांति से लेकर हरित क्रांति तक संभव हुई, जिसके माध्यम से अनवरत वस्तु उत्पादन और अन्न उपभोग में जो आत्मनिर्भरता मिली, उससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है। इसी दौर में भारत एक परमाणु ऊर्जा शक्ति संपन्न देश की कतार में खड़ा हुआ।

वहीं, देश के युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जिस सूचना क्रांति की नींव रखी, उसका चमत्कार अब सर्वत्र दृष्टिगोचर हो रहा है। उन्होंने ही पंचायती राजव्यवस्था को मजबूत करके समाज के अंतिम व्यक्ति का जनकल्याण सुनिश्चित किया। उनके युवा सपनों की नींव पर ही आज का भारत फलफूल रहा है और प्रगति के पथ पर निरंतर मजबूती से दौड़ रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी कुशल नीतियों से देश-दुनिया में भारत के मस्तक को ऊंचा किया और इसकी अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई दी।

यह कौन नहीं जानता है कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद और नक्सलवाद का डटकर मुकाबला किया। इसी चक्कर में हमारे नेताओं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अपनी शहादत तक देनी पड़ी। मां-बेटे के इस बलिदान को न तो यह देश भुला सकता है और न ही कोई कांग्रेसी। कांग्रेस का धवल इतिहास इस बात की साक्षी है कि कांग्रेस ने देशद्रोही ताकतों के समक्ष कभी घुटने नहीं टेके और देश हित में अपने अनेक नेताओं को गंवा दिए। कुछ आजादी के संघर्ष में और कुछ आजादी के बाद देश में सुशासन स्थापित करने के फेर में।

एक बात और, धर्मनिरपेक्षता के प्रबल पैरोकार महात्मा गांधी की शहादत इस बात का परिचायक है कि सामाजिक भाईचारा और साम्प्रदायिक सद्भाव की हिफाजत के लिए कांग्रेस नेताओं ने गुलाम भारत ही नहीं, बल्कि आजाद भारत में भी उल्लेखनीय कुर्बानियां दी है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि देश में सक्रिय विघटनकारी ताकतों और विघ्नसन्तोषीयों से कांग्रेस को कभी चैन से सत्ता का संचालन नहीं करने दिया, बल्कि हर डेग पर स्पीड ब्रेकर मानिंद सक्रिय रहे। बावजूद इसके कांग्रेस ने देश को सर्वाधिक लंबे समय तक स्वच्छ एवं निर्मल प्रशासन दिया  और आमलोगों के हकहुक़ूक़ की रक्षा के लिए सदैव ततपर रही। वहीं, कांग्रेस की राज्य सरकारों ने भी उल्लेखनीय जनहितैषी कार्य किए।

बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि कांग्रेस की स्थापना के पूर्व देश में भले ही दर्जनाधिक राजनीतिक संगठन स्थापित और सक्रिय थे। लेकिन कांग्रेस की स्थापना और उसकी मजबूती के साथ ही समस्त प्रतिस्पर्धी संगठन धीरे-धीरे मृतप्राय होते चले गए। वहीं, आजादी के बाद भी कांग्रेस के चाहे जितने भी टुकड़े हुए हों, लेकिन उसकी मुख्य धारा अपनी सियासी सूझबूझ और जनविश्वास से  निरंतर मजबूत होती चली गई। वर्तमान दौर से हमलोग समवेत रूप में जूझ रहे हैं और इस बात पर पक्का यकीन है कि आगामी चुनाव में एक बार फिर से जनविश्वास हासिल करने में हमलोग सफल रहेंगे।

- डॉली शर्मा

कांग्रेस प्रवक्ता व टीवी पैनलिस्ट

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