रूस-यूक्रेन युद्ध से हिल गई है यूरोपीय सुरक्षा की नींव, अपनी शर्त पर अड़े पुतिन

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अंकित सिंह । Mar 12 2022 4:18PM

यूक्रेन और पश्चिमी देशों की ओर से युद्ध के लिए लगातार रूस पर आरोप लगाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि उसने यूक्रेन पर दो सप्ताह पहले रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से चिकित्सा केंद्रों पर 18 हमलों की पुष्टि की है।

यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध लगातार जारी है। युद्ध में हजारों सैनिक और नागरिक मारे गए हैं तथा 20 लाख से अधिक लोगों को देश से भागने पर मजबूर होना पड़ा है। रूस और यूक्रेन की लड़ाई यूरोपीय सुरक्षा की नींव हिल गई है। पूरे यूक्रेन में अभी भी आम लोग घेराबंदी में फंसे हैं और उन्हें बिजली, भोजन, दवाओं तथा अन्य महत्वपूर्ण चीजों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कई देशों ने यूक्रेन को मानवीय आधार पर सहायता दी है। भारत भी यूक्रेन में दवाइयां और खाद्य सामग्री भेजी है। लोगों को उम्मीद थी कि तुर्की में रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद कोई अच्छा समाचार मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और वार्ता बेनतीजा रही। बातचीत असफल होने के बाद एक बार फिर से यूक्रेन पर रूस का आक्रमण जारी है। यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में रूस ने हवाई अड्डे के पास हमले किए हैं। कुल मिलाकर देखें तो युद्ध के इतने दिनों के बाद भी दोनों देशों के बीच बातचीत से कोई रास्ता निकलता नजर नहीं आ रहा है।

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यूक्रेन और पश्चिमी देशों की ओर से युद्ध के लिए लगातार रूस पर आरोप लगाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि उसने यूक्रेन पर दो सप्ताह पहले रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से चिकित्सा केंद्रों पर 18 हमलों की पुष्टि की है। स्थिति ये है कि मारियुपोल में कर्मियों ने शहर के बीचों-बीच स्थित एक कब्रिस्तान में खोदी गई खाई में कम से कम 70 लोगों जिनमें कुछ सैनिक और कुछ आम नागरिक थे, बिना किसी रीति-रिवाज के दफना दिया। इनमें से कुछ युद्ध से मारे गए थे, कुछ प्राकृतिक कारणों से। दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूसी नेताओं से कहा है कि उनके देश द्वारा यूक्रेन पर किया गया हमला उन्हें उलटा पड़ेगा और आर्थिक पाबंदियों की वजह से उनके लोग उनसे नफरत करेंगे। वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि आप पर युद्ध अपराध में संलिप्तता के लिए निश्चित रूप से मुकदमा चलाया जाएगा। यूक्रेन के नेता ने कहा कि पश्चिम ने हमले की वजह से रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएं हैं, जिसके नतीजे रूस के सभी लोगों को महसूस होंगे। उन्होंने कहा कि रूस के नेताओं से वहां के नागरिक ही नफरत करेंगे, जिन्हें वे कई सालों से रोजाना ठग रहे हैं।

रूस की शर्त

रूस के राष्ट्रपति पुतिन की ओर से लगातार युद्ध रोकने को लेकर शर्त रखी जा रही है। पुतिन का साफ तौर पर यह कहना है कि यूक्रेन विसैन्यकरण करें। रूस चाहता है कि रूस उसके सामने सरेंडर कर दें। पुतिन लगातार यह भी कह रहे हैं कि यूक्रेन को अपने संविधान में संशोधन करके इस प्रस्ताव को जोड़ना होगा कि वह कभी नाटो देशों का सदस्य नहीं बनेगा। रूस का ये भी कहना है कि यूक्रेन क्राइमिया पर रशिया के नियंत्रण को मान्यता दे देता है और Donstek (दोनियस्क) और Luhansk (लुहांस्क) जैसे पूर्वी यूक्रेन के इलाकों को स्वतंत्र देश के रूप में स्वीकार कर ले।

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भारत की भूमिका

दूसरी ओर भारत की भूमिका भी इस युद्ध में बेहद महत्वपूर्ण होता है। भारत लगातार दोनों देशों से शांति और बातचीत के जरिए हल निकालने की जोर दे रहा है। इसी सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से बात की थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने अपने देश के खिलाफ ‘रूस के हमलों’ का जवाब देने की जरूरत के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सूचित किया और भारत ने मॉस्को के साथ सर्वोच्च स्तर पर शांतिपूर्ण वार्ता को दिशा देने की यूक्रेन की प्रतिबद्धता को सराहा है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि भारत ने युद्ध के समय उसके नागरिकों की सहायता के लिए तथा सर्वोच्च स्तर पर शांतिपूर्ण वार्ता को दिशा देने के लिए यूक्रेन की प्रतिबद्धता की सराहना की है। यूक्रेन की जनता को समर्थन के लिए आभारी हूं। रूस को रोका जाए।

- अंकित सिंह

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