राष्ट्रपति चुनाव से पहले उपराष्ट्रपति नायडू की धार्मिक यात्रा बहुत कुछ स्पष्ट कर रही है

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अब सवाल यह उठता है कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा? इतिहास उठाकर देखें तो भारत में अधिकतर राष्ट्रपति पहले उपराष्ट्रपति पद पर रह चुके हैं। इस लिहाज से देखें तो वर्तमान उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की संभावनाएं प्रबल हैं।

जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले सुगबुगाहट शुरू हो गयी है कि आखिर कौन होगा भारत का नया राष्ट्रपति। कई नामों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है लेकिन इतना तय है कि राष्ट्रपति वही बनेगा जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का उम्मीदवार होगा। वर्तमान राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद भी एनडीए उम्मीदवार के रूप में ही राष्ट्रपति चुनाव जीते थे। उन्होंने संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को हराया था। वर्तमान की राजनीतिक परिस्थिति को देखें तो पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनाव में चार में एनडीए को विजय मिली थी जिसके बाद अब देश के 18 राज्यों में भाजपा या एनडीए की सरकार है। इसके अलावा लोकसभा में एनडीए के पास बहुमत और राज्यसभा में भी सदस्यों का विशाल आंकड़ा है, इसीलिए माना जा रहा है कि एनडीए के लिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करना बेहद आसान है।

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कौन बनेगा भारत का नया राष्ट्रपति?

अब सवाल यह उठता है कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा? इतिहास उठाकर देखें तो भारत में अधिकतर राष्ट्रपति पहले उपराष्ट्रपति पद पर रह चुके हैं। इस लिहाज से देखें तो वर्तमान उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की संभावनाएं प्रबल हैं। लेकिन मोदी सरकार जबसे केंद्र में आई है तबसे किसी के लिए भी यह अनुमान लगाना काफी कठिन हो चुका है कि कौन-सा पद किसको मिलने जा रहा है। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की जहां तक बात है तो उन्हें लंबा राजनीतिक अनुभव है। वह संयुक्त आंध्र प्रदेश में विधायक रह चुके हैं, राज्यसभा सांसद के तौर पर उन्होंने कई कार्यकाल पूरे किये हैं, वह केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार और मोदी सरकार में विभिन्न मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। यही नहीं वह दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी माने जाने वाली भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, प्रवक्ता और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सांसद और मंत्री रहते हुए वेंकैया कई महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य और अध्यक्ष भी रहे जिससे उन्हें देश के समक्ष खड़ी समस्याओं का भलीभांति ज्ञान भी है और समस्याओं के निराकरण का अनुभव भी है।

वेंकैया नायडू की खासियत

वेंकैया नायडू की खास बात यह रही कि उन्हें अटल-आडवाणी युग में भी शीर्ष नेताओं का स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त था तो मोदी-शाह के कार्यकाल में भी उनका सम्मान बढ़ा ही है। वेंकैया नायडू भाजपा के उन कुछ नेताओं में भी शुमार रहे जो चाहते थे कि गुजरात से निकल कर नरेंद्र मोदी दिल्ली आकर केंद्र की राजनीति करें। 2014 के लोकसभा चुनावों में एम. वेंकैया नायडू की काफी प्रमुख भूमिका रही थी। वेंकैया नायडू को आरएसएस का भी सदैव समर्थन मिला है और अन्य दलों के नेताओं से भी उनके मधुर संबंध हैं। यही नहीं, उपराष्ट्रपति के रूप में वेंकैया नायडू ने जिस तरह महत्वपूर्ण मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाई है और अपने विशाल अनुभव की बदौलत सदन का कुशल संचालन किया है, वह सबके सामने है।

भाजपा किस पर लगायेगी दांव?

अब माना जा रहा है कि भाजपा ने दक्षिण में जिस तरह से अपने पांव पसारना शुरू किया है उसको देखते हुए वह वेंकैया नायडू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बना सकती है। यदि वेंकैया राष्ट्रपति उम्मीदवार बनते हैं तो दक्षिण के विपक्ष शासित राज्य भी उनका समर्थन कर सकते हैं। आंध्र प्रदेश में वाईएस जगन मोहन रेड्डी के बारे में तो माना भी जा रहा है कि वह एनडीए उम्मीदवार का ही समर्थन करेंगे। तेलंगाना में केसीआर और तमिलनाडु में एमके स्टालिन भी वेंकैया नायडू की उम्मीदवारी की स्थिति में उनका समर्थन कर सकते हैं।

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निर्विरोध चुनाव की संभावना नहीं

हालांकि भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की विजय निश्चित है लेकिन इस बात की संभावना कम ही है कि चुनाव निर्विरोध हों। विपक्ष की ओर से प्रयास हैं कि संयुक्त रूप से एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारा जाये। इसलिए जिस तरह एनडीए उम्मीदवार के नाम की अटकलें चल रही हैं उसी तरह विपक्ष के उम्मीदवार के नामों की अटकलें भी चल रही हैं। लेकिन कुल मिलाकर देखें तो राष्ट्रपति पद के लिए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का दावा ही सबसे ज्यादा मजबूत नजर आ रहा है।

धार्मिक यात्रा पर रिपोर्ट

उधर, शायद सबसे बड़े पद का चुनाव लड़ने से पहले उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू धार्मिक यात्रा पर निकले हुए हैं। हालांकि उपलक्ष्य उनकी शादी की सालगिरह है लेकिन चूंकि राष्ट्रपति चुनाव भी जल्द होने वाले हैं इसलिए उनकी इस यात्रा को आशीर्वाद यात्रा के रूप में भी देखा जा रहा है। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू शुक्रवार को सपरिवार अयोध्या और काशी पहुंचे तथा विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना की। अयोध्या में उपराष्ट्रपति नायडू अपनी पत्नी के साथ श्री राम जन्मभूमि स्थल पहुंचे, जहां उन्हें राम मंदिर निर्माण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। राम जन्मभूमि स्थल पहुंचने पर पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच नायडू का स्वागत किया। भ्रमण कार्यक्रम के तहत उपराष्ट्रपति ने श्रीराम लला विराजमान मंदिर परिसर क्षेत्र में चल रहे भव्य निर्माण कार्य एवं मंदिर स्थल का निरीक्षण किया और गर्भगृह में पूजा-अर्चना की। उपराष्ट्रपति हनुमानगढ़ी मंदिर भी पहुंचे और भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की। इस दौरान मुख्य महंत एवं संतों ने उन्हें अंगवस्त्र और आशीर्वाद दिया। उपराष्ट्रपति ने सरयू घाट पर परिवार सहित जल आचमन किया तथा मां सरयू का दीपदान आदि से पूजन किया। राम लला के दर्शन के समय आगंतुक पुस्तिका में उपराष्ट्रपति ने लिखा, 'पत्नी एवं परिवार के सदस्यों के साथ श्रीराम लला जी के दर्शन करने से मेरा जीवन धन्य हो गया।' इसके बाद उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू काशी पहुँचे और सपरिवार गंगा आरती में भाग लिया। उपराष्ट्रपति ने शनिवार सुबह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया और काल भैरव मंदिर में माथा टेका। इसके बाद वह चंदौली के पड़ाव स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल भी गये।

बहरहाल, भारत का अगला राष्ट्रपति कौन होगा इसको लेकर तमाम अटकलें जारी हैं। लोकतंत्र की जननी भारत के हर राष्ट्रपति ने देश का मान-सम्मान बढ़ाया है और सार्वजनिक जीवन में उच्च मानदंड कायम किये हैं। हमारे वर्तमान राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद भी भारत भूमि का गौरव बढ़ाने और अपने फैसलों के जरिये हर देशवासी का दिल जीतने के लिए जाने जाते हैं। देखना होगा कि अब किस महानुभाव को भारत के इस शीर्ष पद के माध्यम से देश सेवा का अवसर मिलता है।

- नीरज कुमार दुबे

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