Imran Khan ने क्यों किया उत्तराधिकारी का ऐलान? क्या Benazir Bhutto की तरह बन गया है उन्हें निपटाने का प्लान?

Imran Khan
ANI

माना जा रहा है कि इमरान खान पर जो 80वां मामला दर्ज किया गया है वह निश्चित रूप से उन्हें जेल पहुँचा सकता है क्योंकि यह आतंकवाद संबंधी आरोप है। इमरान खान को पता है कि यदि वह एक बार जेल गये तो वहां से जल्द बाहर आ पाना मुश्किल होगा।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं क्योंकि लाहौर पुलिस ने इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 400 अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ हत्या तथा आतंकवाद के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह मामला पार्टी की रैली के दौरान पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं के टकराव में एक व्यक्ति की मौत और कई अन्य के जख्मी होने के सिलसिले में दर्ज किया गया है। हम आपको यह भी बता दें कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने अपने 11 महीने के कार्यकाल में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ यह 80वां मामला दर्ज कराया है।

इस बीच, इमरान खान ने अपनी हत्या की साजिश की आशंका जताते हुए आरोप लगाया है कि आगामी चुनावों से पहले सत्ता की रेस से एक हाई प्रोफाइल नेता को हटाने के लिए उसका मर्डर किये जाने की साजिश उसी तरह रची गयी है जिस तरह चुनावों के बीच बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गयी थी। इमरान खान ने कहा कि उन्हें चुनाव प्रचार से रोकने के लिए सत्ता प्रतिष्ठान ने पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि यदि वह गिरफ्तार हो जाते हैं या उन्हें कुछ हो जाता है तो पार्टी को शाह महमूद कुरैशी आगे बढ़ायेंगे। इमरान खान ने साथ ही पाकिस्तान सरकार या सेना से किसी भी तरह का समझौता करने से इंकार करते हुए कह दिया है कि वह देश के लुटेरों के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि यदि मौजूदा विवादों का हल निकालने के लिए कोई उत्सुक है तो हम बातचीत अवश्य कर सकते हैं।

इस बीच, माना जा रहा है कि इमरान खान पर जो 80वां मामला दर्ज किया गया है वह निश्चित रूप से उन्हें जेल पहुँचा सकता है क्योंकि यह आतंकवाद संबंधी आरोप है। इमरान खान को पता है कि यदि वह एक बार जेल गये तो वहां से जल्द बाहर आ पाना मुश्किल होगा। इमरान खान अपने देश का इतिहास देखते हुए यह भी जानते हैं कि उनके जेल जाते ही उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का इतना प्रताड़ित किया जायेगा कि वह पार्टी छोड़कर भाग जायेंगे। इसलिए वह अभी से अपने उत्तराधिकारी भी तय कर रहे हैं और उन्होंने अपनी पार्टी में नेताओं का एक पूरा सांगठनिक ढांचा भी नये सिरे से खड़ा कर दिया है कि आगे वाला नहीं रहे तो पीछे वाले को कैसे कमान संभालनी है।

जहां तक इमरान खान के खिलाफ दर्ज किये गये 80वें मामले की बात है तो हम आपको बता दें कि इमरान खान के आवास के बाहर जमा पीटीआई कार्यकर्ताओं पर पुलिस की ओर से इस सप्ताह बुधवार को की गई कार्रवाई में एक कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। दरअसल इमरान खान समर्थकों को उनके आवास से न्यायपालिका के समर्थन में रैली निकालनी थी। लेकिन पुलिस ने पीटीआई के 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। लाहौर पुलिस की प्राथमिकी में कहा गया है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से किए गए पथराव में 11 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। प्राथमिकी में कहा गया है कि पीटीआई के छह कार्यकर्ता भी घायल हुए हैं।

इस मामले में पीटीआई के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी ने कहा है कि पार्टी के मृत कार्यकर्ता के परिवार की शिकायत पर पुलिस कर्मियों और उनके आकाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, मगर पुलिस ने 70 वर्षीय इमरान खान और 400 अन्य के खिलाफ उसकी हत्या के आरोप में मामला दर्ज कर लिया। हम आपको यह भी बता दें कि प्राथमिकी में फवाद चौधरी, फारुख हबीब, हम्माद अज़हर और महमूदुर राशिद समेत पीटीआई के अन्य नेताओं को नामज़द किया गया है।

इस बीच, पूर्व क्रिकेटर और राजनीतिक नेता इमरान खान ने सोशल मीडिया पर पीटीआई कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किये जाने संबंधी सामग्री साझा करते हुए कहा, “बदमाशों के भ्रष्ट और जानलेवा गिरोह ने देश पर यह कहर ढाया है। उन्होंने हमारे संविधान, मौलिक अधिकार और कानून के शासन का उल्लंघन किया है। महिलाओं समेत बेगुनाह, निहत्थे पीटीआई कार्यकर्ताओं को पुलिस हिंसा और बर्बरता का निशाना बनाया गया है और एक कार्यकर्ता की हिरासत में मौत हुई है।” इमरान खान ने कहा कि सरकार पंजाब में चुनाव टालने का बहाना चाहती है और इसके लिए उसे शवों की जरूरत है।

खैर, जहां तक इमरान खान से जुड़े अन्य बड़े मामलों की बात है तो आपको बता दें कि दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान की एक अदालत ने सरकारी संस्थानों के खिलाफ उकसाने के एक मामले में इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। दरअसल क्वेटा पुलिस ने इमरान खान के खिलाफ उनके एक भाषण के बाद राज्य संस्थानों और उनके कार्यालयों के खिलाफ “नफरत फैलाने” के लिए इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम 2016 की धारा 153ए, 124ए और 505 के तहत मामला दर्ज किया था। हालांकि इस मामले में उन्हें फौरी राहत मिल गयी है।

इसके अलावा, इमरान खान तोशाखाना मामले में हाल ही में लगातार चौथी बार इस्लामाबाद की एक अदालत में पेश नहीं हुए। पूर्व प्रधानमंत्री के वकील शेर अफजाल मारवात अदालत में पेश हुए और उन्होंने कहा कि 70 वर्षीय इमरान खान वजीराबाद हमले के बाद अस्वस्थ हैं और आ पाने में अक्षम हैं। उल्लेखनीय है कि इमरान खान पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले उपहारों को तोशाखाना से कम दाम पर खरीदने और मुनाफे के लिए बेचने के आरोप हैं। इसके अलावा भी इमरान खान के खिलाफ कई आरोप हैं।

बहरहाल, इस समय पाकिस्तान के जो हालात हैं उनमें सिर्फ पाकिस्तान सरकार ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई भी इमरान खान के खिलाफ खड़ी है। पाकिस्तान के हालात यह हैं कि शहबाज शरीफ सरकार पाकिस्तान को आर्थिक संकट से नहीं उबार पाने के चलते आलोचनाओं का शिकार हो रही है वहीं दूसरी ओर मुख्य विपक्षी पार्टी और उसके नेता तमाम अदालती मुकदमों में उलझ गये हैं जिससे पाकिस्तान का भविष्य पूरी तरह अंधकारमय नजर आ रहा है। वैसे क्रिकेट की भाषा में बात करें तो 80 मुकदमे तो इमरान खान पर लग ही चुके हैं देखना होगा कि क्या वह मुकदमों की सेंचुरी भी लगाते हैं?

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़