साइबर धोखाधड़ी के तहत बैंक खाते से चुराए गए धन को फिर से ऐसे प्राप्त करें? RBI ने बताए हैं यह तरीके

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अधिकांश लोगों के मन में अब यह सवाल उठता है कि यदि ऐसा कोई ट्रांजेक्शन हुआ है तो पैसा कैसे वापस मिलेगा? यही नहीं, यदि बैंक खाते से पैसे निकलने पर शिकायत कर भी दी तो आखिरकार बैंक हमारे पैसे कहां से लौटाएगा।

क्या आपको पता है कि यदि आपके बैंक अकाउंट से धोखाधड़ी हुई है तो समय पर बैंक को शिकायत करने के पश्चात आपको सारे पैसे वापस मिल जाएंगे? यदि नहीं पता तो यह याद रखिये कि इसका तरीका खुद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ही बताया है। जिसके मुताबिक यदि आपके बैंक खाते से कोई गलत तरीके से रकम निकाल लेता है तो आप तीन दिन के अंदर ही इस मामले के बारे में बैंक को शिकायत कर सकते हैं। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको यह नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।

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# आखिर क्यों आम बात हो चुकी हैं साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं 

इस बात में कोई दो राय नहीं कि डिजिटल लेन-देन के बढ़ते प्रचलन के बीच बैंक खाता (अकाउंट) से धोखाधड़ी की घटनाएं आम बात हो चुकी हैं। ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जहां गैर कानूनी ढंग से बैंक अकाउंट से अनधिकृत लेनदेन होते हैं। इसे ही ऑनलाइन फ्रॉड, डिजिटल फ्रॉड या साइबर फ्रॉड (धोखाधड़ी) समझा जाता है। देखा जाता है कि हैकर्स एन केन प्रकारेण आपके अकाउंट की डिटेल्स हासिल करके उससे पैसे निकाल लेते हैं। हालांकि, अपने अकाउंट में सेंध लगने के बाद भी अक्सर लोग बस यही सोचकर चुप चाप बैठ जाते हैं कि उनका पैसा तो अब डूब गया। लेकिन, आरबीआई के प्रावधानों के मुताबिक ऐसा नहीं है। यदि आप उचित माध्यम से 72 घण्टे के भीतर ऐसी सूचनाएं अपने बैंक को दे देते हैं तो आपको आपका पूरा पैसा वापस मिल सकता है। है न खुशी की बात।

# भारतीय रिजर्व बैंक ने भी बताया है सरल तरीका 

खास बात यह कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इसका सरल तरीका भी बताया है। उसका कहना है कि यदि कोई भी अनधिकृत लेन-देन होता है तो उसके बाद भी आपका पूरा पैसा आपको वापस मिल सकता है। बस इसके लिए अतिरिक्त सतर्कता यानी अपने खातों से प्राप्त होने वाले लेन-देन के मैसेज को लेकर चौकस रहना जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक स्पष्ट कहता है कि ऐसे किसी भी लेन-देन (ट्रांजेक्शन) की जानकारी तुरंत देकर आप अपने अप्रत्याशित नुकसान से बच सकते हैं। बीते दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि "यदि अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन से आपका नुक़सान हुआ हो, तो आपकी देयता न केवल सीमित हो सकती है, बल्कि शून्य भी हो सकती है, यदि आप अपने बैंक को तुरन्त सूचित करते हैं।'' आशय स्पष्ट है कि अगर आपके खाते से कोई गैरकानूनी ट्रांजेक्शन हुई है तो उसकी सूचना तुरंत अपने बैंक को दें। बिना देरी किये सूचना देने से आप बच सकते हैं। ऐसा करना से आपके सारे पैसे आपको मिल सकते हैं। इसलिए इसे याद रखिये और अनुकरण कीजिए। जिन्हें इस बारे में नहीं पता, उन्हें भी जागरूक कीजिए।

# जानिए कि ऑनलाइन फ्रॉड होने पर कैसे मिलेंगे पूरे पैसे वापस?

अधिकांश लोगों के मन में अब यह सवाल उठता है कि यदि ऐसा कोई ट्रांजेक्शन हुआ है तो पैसा कैसे वापस मिलेगा? यही नहीं, यदि बैंक खाते से पैसे निकलने पर शिकायत कर भी दी तो आखिरकार बैंक हमारे पैसे कहां से लौटाएगा। तो जवाब स्वरूप यह जान लीजिए कि बैंकों की तरफ से ऐसे साइबर फ्रॉड के दृष्टिगत ही इंश्योरेंस पॉलिसी ली जाती है। इसलिए बैंक आपके साथ हुई धोखाधड़ी (फ्रॉड) की सारी जानकारी सीधे इंश्योरेंस कंपनी को बताएगा, फिर वहां से इंश्योरेंस के पैसे लेकर आपके नुकसान की भरपाई करेगा। इसके अलावा, साइबर धोखाधड़ी (फ्रॉड) से बचने के लिए इंश्योरेंस कंपनियां भी अब लोगों को सीधे कवरेज दे रही हैं। इसका भी फायदा आप उठा सकते हैं।

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# साइबर धोखाधड़ी होने के 72 घण्टे के भीतर करें शिकायत

यदि आपके बैंक खाते से कोई गलत तरीके से रकम निकाल लेता है और आप तीन दिन के भीतर इस मामले के बारे में बैंक को अपनी शिकायत करते हैं तो आपको यह नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। क्योंकि आरबीआई ने स्पष्ट रूप से यह भी कहा है कि निर्धारित अवधि में बैंक को समुचित सूचना दे देने पर ग्राहक के खाते से धोखाधड़ी कर निकाली गई रकम दस दिन के भीतर उसके बैंक खाते में वापस आ जाएगी। आरबीआई ने साफ कहा है कि यदि बैंक खाते से हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट 4-7 दिन बाद भी की जाती है, तो ग्राहक को 25,000 रुपये तक का नुकसान खुद उठाना होगा। बाद बाकी कि भरपाई बैंक उचित माध्यम से करवाएगा।

# साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए करा सकते हैं इंश्योरेंस

यदि आप चाहें तो साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए अपना इंश्योरेंस भी करा सकते हैं। बजाज एलियांज और एचडीएफसी अर्गो जैसी बीमा कंपनियां ऐसे इंश्योरेंस मुहैया कराती हैं। जिसमें यदि आपके खाते में कोई साइबर धोखाधड़ी होती है तो आपको आपके पैसे वापस मिल जाएंगे। इस प्रकार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के चलते साइबर धोखाधड़ी (फ्रॉड) से बचने के इंश्योरेंस का स्कोप भी काफी बढ़ गया है। 

वहीं, रिजर्व बैंक ने ग्राहक सुरक्षा, अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेन-देन में ग्राहकों की सीमित देनदारी पर नए दिशानिर्देश भी जारी किए हुए हैं। क्योंकि भारत में साइबर अपराध धीरे धीरे बढ़ रहे हैं। एक सुरक्षा अनुसंधान फर्म 'नॉर्टन लाइफलॉक' की अप्रैल 2021 की रिपोर्ट चिंतित करने वाली है, जिसमें कहा गया है कि पिछले एक साल में देश में लगभग 2.7 करोड़ वयस्क पहचान की चोरी के शिकार हुए हैं। ऐसी साइबर धोखाधड़ी का शिकार होना एक प्रकार से हर किसी की आर्थिक सेहत के लिए विनाशकारी भी है।

# यदि आपके साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई है तो साइबर क्राइम में ऐसे दर्ज कराएं कंप्लेंट

देश में जैसे-जैसे इंटरनेट का इस्तेमाल अधिक होता जा रहा है, वैसे-वैसे ही साइबर क्राइम भी बढ़ता जा रहा है। यत्र तत्र साइबर क्राइम के बारे में देखने व सुनने को भी मिलता रहता है। यदि आपके साथ भी कुछ इसी प्रकार की घटना घटित हुई है तो हम आपको इसका शिकार होने पर शिकायत करने की पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से बता रहे हैं। दरअसल, जब सब कुछ ऑनलाइन हो ही रहा है तो जाहिर सी बात है कि अपराधियों की नजर भी इस धंधे पर पड़ेगी और वह इसका गलत फायदा उठाने के तरीके आजमाएंगे। इसलिए सोशल मीडिया पर निजी डेटा चोरी होने, ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल पेमेंट में लोगों के साथ बहुत धोखाधड़ी (फ्रॉड) हो रही है, जिसे साइबर क्राइम की श्रेणी में रखा जाता है। 

# राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर ऐसे पहुंचिए

साइबर क्राइम का शिकार होने पर ऑनलाइन शिकायत करने के लिए आपको नीचे बताई गई प्रक्रिया का पालन करना है। क्योंकि साइबर क्राइम की कंप्लेंट करने के लिए बनाया गया यह पोर्टल देश के गृह मंत्रालय के अंदर काम करता है। इसमें शिकायत करने के बाद लोगों को थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसमें ऑनलाइन ही कंप्लेंट दर्ज की जाती है तथा उसका निवारण भी ऑनलाइन ही मिल जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें पहचान को गुमनाम रखकर भी कंप्लेंट की जा सकती है।

यदि आप भी साइबर क्राइम के शिकार हुए हैं तो सबसे पहले आपको राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषा में काम करती है। इस वेबसाइट पर जाने के लिए आपको cybercrime.gov.in पर क्लिक करना होगा। यहां पर पोर्टल से जुड़ी जानकारी देने के साथ ही आपसे इसकी अनुमति ली जाएगी कि यूजर्स के द्वारा दी जाने वाली सभी जानकारी सही हैं या नहीं हैं। इसको स्वीकार करने के बाद ही आपको आगे बढ़ना है।

# साइबर क्राइम के दो भाग के बारे में जानिए 

इस वेबसाइट में रिपोर्ट साइबर क्राइम रिलेटिड टू वूमेन व चाइल्ड और रिपोर्ट अदर साइबर क्राइम के दो भाग दिए गए हैं। इसलिए यूजर को जिस तरह की शिकायत दर्ज करनी है, उसे उस पर ही क्लिक करना होगा। बता दें कि अदर साइबर क्राइम के तहत धोखाधड़ी, फिशिंग, हैकिंग और फ्रॉड जैसे मुद्दे आते हैं। इस पर क्लिक करने के बाद फोन नंबर, नाम समेत अन्य जानकारियां पूछी जाएंगी, जिन्हें  दर्ज करना होगा। वहीं, साइबर क्राइम रिलेटिड टू वूमेन व चाइल्ड में ऑनलाइन बुलिंग, पोर्नोग्राफी और सेक्सु्अली एक्सप्लिसिट आते हैं। इस तरह की शिकात होने पर इस भाग में दर्ज करें।

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# ऐसे छिपाएं अपनी पहचान और हासिल करें कम्पलेंट आईडी

खास बात यह कि इसमें रिपोर्ट गुमनाम तौर पर (एनोनिमसली) और रिपोर्ट एंड ट्रैक के विकल्प मिलते हैं। इस ऑप्शन के तहत उपयोगकर्ता (यूजर) यदि चाहें तो अपनी पहचान को गुप्त रख कर भी साइबर क्राइम के तहत कंप्लेंट कर सकते हैं। वहीं चाहें तो दूसरे तरीके से भी अपनी इच्छानुसार विकल्प का चयन कर सकते हैं।

वहीं, जब आप क्राइम कैटेगरी का चयन करते हैं तो उसके बाद आरोपी का नाम, जगह और सबूत मांगे जाएंगे। यहां पर सभी अपेक्षित व जरूरी जानकारियों को दर्ज करने के बाद शिकायत (कंप्लेंट) को सबमिट करना है। फिर, जब आप साइबर क्राइम रिपोर्ट कर देंगे तो उसके बाद आपको कंप्लेंट आइडी मिलेगी, जो कि एक यूनिक नंबर के तौर पर होगी। वहीं, जब आपको बाद में अपनी ही कंप्लेंट को ट्रैक करना होगा तो उसके लिए उस यूनिक नंबर को फॉलो करना पड़ेगा।

# ऐसे ट्रैक करें अपनी कंप्लेंट

वहीं, जब आपने कंप्लेंट दर्ज कर ली है तो उसका स्टेटस जानने के लिए भी आपको उसे ट्रैक करना होगा, जिसके लिए आधिकारिक वेबसाइट लॉगिन करना पड़ेगा। इसके बाद रिपोर्ट एंड ट्रैक पर क्लिक करना होगा। ततपश्चात यूजर को यूनिक नंबर के तौर पर दी गई कंप्लेंट आईडी को दी गई जगह पर दर्ज करना है। इसके बाद यूजर को राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल द्वारा उठाए गए कदमों समेत पूरी कार्यवाही की जानकारी मिलेगी। 

इस प्रकार कहा जा सकता है कि ऐसे किसी भी अपराध की ऑनलाइन शिकायत करना व समाधान पाना बेहद आसान हो चुका है। बस इसे आजमाएं और राहत पाएं। वह न मिले तो हमें बताएं, हम आपकी बात व्यवस्था तक पहुंचाएंगे और आपको उचित समाधान दिलाएंगे।

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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