यदि आप पुरानी कार बेच या खरीद रहे हैं तो फिर ऐसे करें ओनरशिप ट्रांसफर

ऑनलाइन या ऑफलाइन आरसी ट्रांसफर आवेदन करें। यदि ऑनलाइन करना है तो परिवहन सेवा (Parivahan Sewa): parivahan.gov.in पर जाएं। ऑनलाइन सर्विसेज (Online Services) पर क्लिक करें। पुनः व्हीकल रिलेटेड सर्विसेज (Vehicle Related Services) पर क्लीक करें। अब अपना राज्य व आरटीओ (RTO) चुनें।
तेजी से भागती हुई आधुनिक दुनिया में वाहन अब अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है। हालांकि इसका उपयोग बड़े ही सावधानी पूर्वक करनी चाहिए, अन्यथा लेने के देने भी पड़ सकते हैं। खासकर पुरानी कार बेचते या खरीदते समय यह सावधानी ज्यादा बरतनी चाहिए। इसलिए यहां पर मैं बता रहा हूँ कि पुरानी कार के आरसी ट्रांसफर यानी ओनरशिप ट्रांसफर को विभिन्न आसान चरणों में कैसे पूरा किया जा सकता है।
जानकार बताते हैं कि अब तो यह प्रक्रिय ज़्यादातर ऑनलाइन परिवहन या वाहन पोर्टल से हो जाती है, जबकि सिर्फ डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन और आरसी प्रिंटिंग आरटीओ में होती है। जिसे प्राप्त करने के लिए आपको वहां जाना पड़ेगा या फिर डाकघर के मार्फ़त भी आप प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए सर्वप्रथम आप सेलर से (बेचने वाले से) ज़रूरी कागज़ तैयार करें। इस हेतु ओरिजिनल आरसी फॉर्म 29 और फॉर्म 30 (दोनों पर सेलर-बायर के साइन), वैध इंश्योरेंस और पीयूसी, आधार आधारित आईडी/पता प्रमाण, अगर लोन था तो बैंक का एनओसी और हाइपोथिकेशन हटाने के दस्तावेज़ (Form 35) प्राप्त करें।वहीं, बायर से (खरीदने वाले से) आधार आधारित आईडी व पता प्रमाण, पैन (PAN) या फॉर्म 60 (50,000 से अधिक वैल्यू वाले सौदे में पैन-PAN ज़रूरी), पासपोर्ट साइज फोटो, वैध इंश्योरेंस (ट्रांसफर या नया) प्राप्त करना जरूरी होता है।
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ततपश्चात, ऑनलाइन या ऑफलाइन आरसी ट्रांसफर आवेदन करें। यदि ऑनलाइन करना है तो परिवहन सेवा (Parivahan Sewa): parivahan.gov.in पर जाएं। ऑनलाइन सर्विसेज (Online Services) पर क्लिक करें। पुनः व्हीकल रिलेटेड सर्विसेज (Vehicle Related Services) पर क्लीक करें। अब अपना राज्य व आरटीओ (RTO) चुनें। फिर ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप (Transfer of Ownership) चुनकर वाहन नंबर, चेसिस/इंजन नंबर, क्रेता-बिक्रेता (बायर-सेलर) विवरण भरें। फिर फॉर्म 29/30, इंश्योरेंस, आईडी आदि की स्कैन कॉपी अपलोड कर दें। वहीं पर यदि आप ऑफलाइन भरना चाहते हैं तो अपने आरटीओ (RTO) जाकर फॉर्म 29, 30, आरसी, इंश्योरेंस, पीयूसी, आईडी प्रूफ आदि भौतिक रूप में (फिजिकली) जमा करें। साथ ही फीस देकर पावती रसीद/एकनावलेजमेंट ले लें।
फिर उसके बाद फीस जमा करें और समय सीमा का ध्यान रखें। आमतौर पर चार पहिया वाहन के लिए सामान्य ट्रांसफर फीस लगभग 300-500 रुपये (राज्य के हिसाब से थोड़ा अलग) होती है)। वहीं हाइपोथिकेशन हटाने पर अलग से लगभग 100–200 रुपये अतिरिक्त भी लग सकते हैं। सामान्यतः खरीद-फरोख्त के 14 दिन के अंदर उसी राज्य में, और 30 दिन के अंदर दूसरे आरटीओ/राज्य में ट्रांसफर आवेदन करना सुरक्षित माना जाता है। लिहाजा इसमें विलंब कदापि न करें।
ततपश्चात, आरटीओ वेरिफिकेशन और (जरूरत पड़ने पर) इंस्पेक्शन शुरू होगी जो आरटीओ कार्यालय करता है और डॉक्युमेंट्स की जांच करता है। बताया जाता है कि कई जगह पर सिर्फ पेपर वेरिफिकेशन होता है, जबकि कुछ आरटीओ वाहन का फिजिकल इंस्पेक्शन (एमवीआई चेक) भी बुला सकते हैं। फिर सभी कागज़ सही होने पर फॉर्म 30 पर आरटीओ की सील लगती है और सिस्टम में नए मालिक के नाम ओनरशिप अपडेट हो जाती है।
अंततोगत्वा, आप नई आरसी प्राप्त करें। अगर आपने ऑनलाइन आवेदन किया है तो अपडेटेड आरसी (स्मार्ट कार्ड/डिजिटल आरसी) को परिवहन (Parivahan) पोर्टल/डीजीलॉकर से डाउनलोड कर सकते हैं या फिर पोस्ट से मिलती है। वहीं, ऑफलाइन केस में आरटीओ से नई आरसी स्मार्ट कार्ड ले सकते हैं; और कुछ राज्य सीधे रजिस्टर्ड ऐड्रेस पर स्पीड पोस्ट से भेजते हैं।
अब आपको बता रहे हैं कि इस कार्य हेतु सबसे पहले किस किस डॉक्यूमेंट को हर हाल में तैयार रखना चाहिए। जो निम्नलिखित हैं- ओरिजिनल आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) और उसके साथ उससे जुड़े बेसिक पेपर, जैसे- वैध इंश्योरेंस और पीयूसी। आरसी, इंश्योरेंस और पीयूसी पहले लिया जाता है। क्योंकि फॉर्म 29-30 भरने या ऑनलाइन परिवहन (Parivahan) पर ट्रांसफर शुरू करने के लिए वाहन का डेटा आरसी से ही उठता है; इसलिए इसके बिना आरसी ट्रांसफर प्रोसेस शुरू ही नहीं होगी।
वहीं, आरटीओ (RTO) की न्यूनतम अनिवार्य लिस्ट में सबसे ऊपर आरसी, वैध इंश्योरेंस और पीयूसी आते हैं; जबकि बाकी डॉक्यूमेंट जैसे- आईडी, पता प्रमाण, पैन (PAN) आदि बाद में भी जुटाए जा सकते हैं, लेकिन आरसी/इंश्योरेंस/पीयूसी में कमी होने पर फाइल पेंडिंग या रिजेक्ट हो जाती है। इसलिए प्रैक्टिकल प्रायोरिटी (क्रम) आरसी प्लस वैध इंश्योरेंस प्लस पीयूसी तैयार/अपडेट करें। उसके बाद बायर-सेलर के आईडी व एड्रेस प्रूफ, पैन, फोटो आदि इकट्ठा करें। जब ये सब हो जाएं तब फॉर्म 29, 30 भरें या परिवहन (Parivahan) पर ऑटो-जनरेट कर के फीस जमा करें।
बताते चलें कि परिवहन/वाहन (Parivahan/Vahan) पोर्टल पर ओनरशिप ट्रांसफर के दौरान डॉक्यूमेंट अपलोड का क्रम बहुत सख्ती से फिक्स नहीं दिखाया जाता, लेकिन प्रैक्टिकलली यही स्टैण्डर्ड सीक्वेंस सबसे कम री जेक्शन देता है। लॉगिन के बाद मेन स्टेप पहले “ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप” पर डिटेल्स भरते हैं, फिर “इन्शुरन्स डिटेल्स” पूरा करते हैं, उसके बाद ही डीएमएस (Upload Docs) वाला सेक्शन खुलता है।
फिर डीएमएस में डॉक्यूमेंट अपलोड का व्यावहारिक क्रम यह है कि जब आप डीएमएस (Upload Docs) पर जाते हैं, तो स्क्रीन पर डॉक्यूमेंट टाइप की एक लिस्ट दिखती है; जहाँ पर निम्न क्रम फॉलो करना बेहतर रहता है: पहले, आरसी संबंधित डॉक्यूमेंट यानी स्कैन की हुई आरसी/स्मार्ट कार्ड की कॉपी। उसके बाद इंश्योरेंस पॉलिसी- वैध मोटर इंश्योरेंस की पीडीएफ/जेपीजी। उसके बाद पीयूसी प्रमाणपत्र- पॉल्युशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट। फिर आईडी व एड्रेस प्रूफ (बायर/सेलर)- आधार/वोटर आईडी आदि, जैसा पोर्टल माँगे। वहीं, पैन (PAN)/फॉर्म 60- दोनों पक्षों में से जिसे जो लागू हो। बैंक एनओसी/फॉर्म 35- अगर वाहन पर लोन था या एचपी हटानी है। अन्य दस्तावेजों में (फोटो, एनओसी, चेसिस फोटो, आदि)– अगर इंटरेस्ट है या आरटीओ की लिस्ट में एक्स्ट्रा फील्ड दिखे। आपको पता होना चाहिए कि हर स्लॉट के सामने “चूज फ़ाइल” दिखता है; वही क्रम मानकर ऊपर से नीचे तक फाइलें चढ़ा दें, ताकि कोई मिस्टेक या मिस मैपिंग न हो।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
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