ब्याज अनुदान योजना: दीर्घकालिक कृषि सहकारी लोन पर ब्याज सब्सिडी

Interest Subsidy Scheme
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समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों के लिए सरकार सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दरों पर अल्पकालिक और लंबी अवधि के लिए ऋण प्रदान करती है। कई किसान समय पर ऋण चुकाते हैं और कई किसान किसी कारणवश समय पर ऋण नहीं चुका पाते हैं।

देश के करोड़ों किसानों को खेती से जुड़े कार्यों के लिए कर्ज की जरूरत होती है। ऐसे में कई किसान अपने गांव और कस्बे के साहूकारों से कर्ज लेते हैं। यह कर्ज बहुत महंगा पड़ता है। इस कर्ज के लिए साहूकार के पास कुछ गिरवी भी रखना पड़ता है तभी वह क़र्ज़ देता है। कर्ज पर ब्याज दर इतनी ज्यादा होती है कि कर्ज चुकाने में किसान के पसीने छूट जाते हैं। वहीं अगर किसान बैंक से पर्सनल लोन लेता है तो वह भी ऊंची ब्याज दर के साथ आता है। 

तो क्या है सही रास्ता? किसानों को कर्ज के बोझ से बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएं लेकर आई हैं। इनमें किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) एक लोकप्रिय योजना है। लेकिन आज हम बात करेंगे राजस्थान सरकार की ब्याज सब्सिडी योजना के बारे में। आइए जानते हैं इस योजना में किसानों के लिए क्या खास है।

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क्या है सब्सिडी?

समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों के लिए सरकार सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दरों पर अल्पकालिक और लंबी अवधि के लिए ऋण प्रदान करती है। कई किसान समय पर ऋण चुकाते हैं और कई किसान किसी कारणवश समय पर ऋण नहीं चुका पाते हैं। समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों के लिए राजस्थान सरकार ब्याज सब्सिडी योजना (Byaj Anudan Yojana) लेकर आई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों द्वारा लिए गए ऋण पर चुकाए गए ब्याज में 5 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है। अब इस योजना के आने के बाद, समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को इस छूट का लाभ मिल रहा है। 

बता दें कि यह ब्याज सब्सिडी या छूट लंबी अवधि के कर्ज के लिए ही दी जाएगी। अब समय पर कर्ज चुकाने वाले किसान सब्सिडी के बाद 5.15 फीसदी ब्याज दर पर कर्ज ले सकेंगे। यह योजना 31 मार्च 2023 तक लागू रहेगी। यह योजना सहकारी भूमि विकास बैंकों से लिए गए दीर्घकालिक ऋणों पर लागू होगी।

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राजस्थान के सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार वित्तीय वर्ष 2014-15 से राजस्थान में किसानों के लिए प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से वितरित दीर्घकालिक कृषि ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दे रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना में विभिन्न प्रकार के ऋण जैसे डेयरी ऋण, भेड़, बकरी पालन ऋण आदि उन्नत प्रकार के जानवरों को खरीदने के लिए ऋण शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि इन ऋणों पर भी राज्य सरकार ब्याज दर में 5 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी दे रही है। योजना के तहत लंबी अवधि के कृषि ऋण की किस्त समय पर चुकाने वाले किसानों को भी ब्याज दर में 5 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि यह सब्सिडी ऋण की किस्तों के समय पर भुगतान करने के बाद ही दी जाएगी।

खेती से जुड़े कामों के लिए किसानों को दो तरह के कर्ज लेने के लिए जरूरत पड़ती है। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को ऋण दिया जा रहा है। ऋण दो प्रकार के होते हैं - पहला अल्पकालिक फसली ऋण और दूसरा दीर्घकालीन कृषि ऋण। शॉर्ट टर्म लोन 6 महीने से 15 महीने के लिए दिया जाता है। इनका भुगतान आमतौर पर फसल के बाद ही कर दिया जाता है। जबकि लंबी अवधि के ऋण 5 साल से अधिक की अवधि के लिए दिए जाते हैं। खरीफ या रबी फसलों के लिए कृषि आदानों (उर्वरक, बीज) के लिए अल्पकालिक फसल ऋण लिया जाता है और कृषि संसाधनों जैसे ट्यूबवेल, डेयरी, भूमि सुधार, ट्रैक्टर, सिंचाई मशीन आदि के लिए दीर्घकालिक कृषि ऋण लिया जाता है।

- जे. पी. शुक्ला

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