जानिए, टॉप-अप लोन क्या होता है? यह पर्सनल लोन के मुकाबले फायदे का सौदा कैसे होता है?

कहने का अभिप्राय यह है कि टॉप-अप लोन की अप्रूवल प्रक्रिया आमतौर पर पर्सनल लोन की तुलना में बेहद आसान होती है, क्योंकि बैंक को आपके मौजूदा लोन के बारे में पहले से ही जानकारी होती है। इसलिए आपके समय और नए प्रोसेसिंग फीस आदि की बचत भी हो जाती है या फिर नाम मात्र की लगती है।
भारतीय चार्वाक दर्शन में कहा गया है कि "ऋणं कृत्वा घृतं पीवेत, यावद जीवेत सुखम जीवेत।" कहने का तातपर्य यह कि कर्ज लेकर भी शुद्ध घी खाना-पीना चाहिए और जबतक जीना चाहिए, सुख पूर्वक जीना चाहिए। ऐसा इसलिए कि जब आप शुद्ध घी का सेवन करेंगे तो स्वस्थ रहेंगे, अपने सारे कार्य जतन पूर्वक कर पाएंगे और सुख-शांति-समृद्धि आपके घर-आंगन में मौजूद रहेगी।
वहीं, समझा जाता है कि जब आप खुद खाएंगे तो अपने परिजनों को भी खिलाएंगे। इससे पूरा परिवार सुखी रहेगा। इसलिए कर्ज लेकर सही कार्य करने से कभी गुरेज नहीं करना चाहिए। हां, कर्ज लेकर अनावश्यक व्यय कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे व्यक्ति कर्ज के जाल में फंस जाता है। चूंकि वह अनुत्पादक खर्च करता है, जिससे आय बढ़ने की संभावना भी नहीं रहती, इसलिए कभी कभी समय पर ब्याज भी देना मुश्किल हो जाता है।
इसलिए कर्ज लीजिए, लेकिन समझदारी पूर्वक उसका सदुपयोग कीजिए। यही सलाह आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ भी देते हैं। इसी उद्देश्य से आज मैं यहां पर आपको बता रहा हूँ कि यदि आप व्यक्तिगत ऋण अथवा गृह ऋण के जाल में उलझ गए हैं तो बैंकिंग संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले टॉप-अप लोन (Top-up loan) का सहारा ले सकते हैं, जो कि आपके मौजूदा लोन (जैसे होम लोन या पर्सनल लोन) में अतिरिक्त राशि जोड़ने का एक सही तरीका है।
बैंक मामलों के जानकार बताते हैं कि टॉप अप लोन के तहत एक नया लोन लेने के बजाय, पहले से चल रहे लोन की राशि बढ़ाने की सुविधा देता है, जिसका लाभ अब हर जरूरतमंद व्यक्ति उठा रहा है। समझा जाता है कि टॉप-अप लोन, पर्सनल लोन की तुलना में कुछ मामलों में अधिक फायदेमंद हो सकता है, जैसे कि कम ब्याज दरें, आसान अप्रूवल और कम कागजी कार्रवाई, आदि।
समझिए, आखिर क्या-क्या हैं टॉप-अप लोन के फायदे
पहला, कम ब्याज दरें। कहने का तातपर्य यह कि टॉप-अप लोन अक्सर पर्सनल लोन की तुलना में कम ब्याज दरों पर उपलब्ध होते हैं, क्योंकि ये पहले से चल रहे लोन के लिए होते हैं और बैंक को पहले से ही आपके क्रेडिट रिकॉर्ड के बारे में जानकारी होती है। इसलिए यह आसानी से मिल भी जाता है।
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दूसरा, आसान अप्रूवल। कहने का अभिप्राय यह है कि टॉप-अप लोन की अप्रूवल प्रक्रिया आमतौर पर पर्सनल लोन की तुलना में बेहद आसान होती है, क्योंकि बैंक को आपके मौजूदा लोन के बारे में पहले से ही जानकारी होती है। इसलिए आपके समय और नए प्रोसेसिंग फीस आदि की बचत भी हो जाती है या फिर नाम मात्र की लगती है।
तीसरा, कम कागजी कार्रवाई। कहने का आशय यह कि टॉप-अप लोन के लिए आमतौर पर ज्यादा कागजी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि बैंक के पास आपके मौजूदा लोन के लिए पहले से ही सभी दस्तावेज मौजूद होते हैं। इसलिए आवश्यक कागजात जुटाने के तनाव से भी आप मुक्त हो जाते हैं।
चतुर्थ, ऋण समेकन। कहने का मतलब यह कि टॉप-अप लोन का उपयोग कई पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड के बकाए को एक साथ समेकित करने के लिए किया जा सकता है। इससे आपके वित्तीय लेनदेन में आसानी होती है और पैसे के अभाव में आपका कोई महत्वपूर्ण कार्य भी नहीं रुक पाता है।
पंचम, लचीले पुनर्भुगतान विकल्प। इसका आशय यह है कि जब कुछ वित्तीय संस्थान टॉप-अप लोन की पुनर्भुगतान अवधि को मूल लोन की अवधि से आगे बढ़ाने की अनुमति देते हैं, तो उसी समय पर वो पुनर्भुगतान का विकल्प भी दे देते हैं और समयावधि में भी सुधार कर देते हैं, जो ऐसा ऋण लेने वाले व्यक्ति के लिए अनुकूल होता है।
जानिए, आखिर टॉप-अप लोन के नुकसान क्या-क्या हैं?
पहला, बढ़ी हुई ईएमआई। कहने का अभिप्राय यह है कि जैसे ही ऋण लेने वाला कोई व्यक्ति टॉप-अप लोन लेने की कोशिश करता है तो उसके मिलते ही आपकी मासिक ईएमआई बढ़ जाती है। इसलिए आपको ऐसा करने से पहले अपनी आय और अपने बजट को ध्यान में रखकर ही टॉप-अप लोन लेना चाहिए। अन्यथा आपके सिर के लिए एक और नया दर्द पैदा हो जाएगा।
दूसरा, प्री-पेमेंट पेनल्टी। कहने का मतलब यह कि जब कुछ वित्तीय संस्थान टॉप-अप लोन पर प्री-पेमेंट पेनल्टी लगाते हैं, तो इसका मतलब यह होता है कि अगर आप लोन को समय से पहले चुकाते हैं तो आपको एक शुल्क देना पड़ सकता है। इसलिए इसके लिए आपको मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए। इससे आपके ऊपर थोड़ा बोझ पड़ेगा, लेकिन आप जल्दी कर्ज मुक्त हो जाएंगे, इसकी खुशी भी होगी।
तीसरा, ब्याज दरें बढ़ सकती हैं। कहने का तातपर्य यह कि कुछ मामलों में, टॉप-अप लोन की ब्याज दरें मूल लोन की ब्याज दर से बढ़ सकती हैं। ऐसा आपके क्रेडिट स्कोर या बैंकिंग साख पर भी निर्भर करता है। इसलिए इस बात से बिल्कुल घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि आपके लिए समय पर समुचित रुपया मिलना महत्वपूर्ण है ताकि आपका काम नहीं रुके। ऐसे मौके पर ब्याज दर का ख्याल कभी नहीं रखा जाता है।
बहरहाल, निष्कर्ष: स्वरूप या कहा जा सकता है कि आपके लिए टॉप-अप लोन, पर्सनल लोन की तुलना में कुछ मामलों में अधिक फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह आपके लिए सही है या नहीं, यह आपकी व्यक्तिगत आर्थिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इसलिए आपको अपनी वित्तीय स्थिति, ब्याज दरें और अन्य कारकों को ध्यान में रखकर ही टॉप-अप लोन लेना चाहिए। अन्यथा नहीं!
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
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