क्या है वाहन स्क्रैप पॉलिसी, जानिए इसकी महत्वपूर्ण बातें

vehicle scrappage policy
कमलेश पांडेय । Mar 20 2021 12:04PM

देखा जाय तो व्हीकल स्क्रैपिंग नीति की घोषणा का उद्देश्य प्रदूषण फैलाने और खराब गुणवत्ता वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल से हटाने की व्यवस्था तैयार करनी है। ऐसा इसलिए भी जरूरी है कि प्रदूषण आज देश की एक बड़ी समस्या के रूप में उभर चुकी है, जिसके और बढ़ते रहने के आसार प्रबल हैं।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में जिस व्‍हीकल स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की है, उसकी जरूरत एक अरसे से महसूस की जा रही थी। लेकिन, इस नीति को बनाने में जो नीतिगत विलम्ब हुआ और उससे जो वाहन उद्योग को क्षति हुई, उसकी भरपाई इतनी जल्दी नहीं की जा सकती है। 

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देखा जाय तो व्हीकल स्क्रैपिंग नीति की घोषणा का उद्देश्य प्रदूषण फैलाने और खराब गुणवत्ता वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल से हटाने की व्यवस्था तैयार करनी है। ऐसा इसलिए भी जरूरी है कि प्रदूषण आज देश की एक बड़ी समस्या के रूप में उभर चुकी है, जिसके और बढ़ते रहने के आसार प्रबल हैं। यही वजह है कि इससे निपटने के लिए केंद्र, राज्य और स्थानीय सरकारों के द्वारा विभिन्न स्तरों पर योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। यह उनमें से ही प्रमुख है।

इसकी महत्ता के बारे में जानकारी देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कम करने से जहां ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा, वहीं  इससे वाहनों की ईंधन खपत कम होगी। साथ ही साथ, उद्योगों के लिए कम कीमत में कच्‍चे माल की उपलब्धता बढ़ेगी और केन्द्र तथा राज्य सरकारों के जीएसटी में वृद्धि होगी। उन्होंने सदन को स्पष्ट शब्दों में बताया कि व्‍हीकल स्क्रैपिंग नीति के लागू होने से देश में तीन करोड़ 70 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे। कहने का तातपर्य यह कि प्रदूषण नियंत्रित करने के साथ रोजगार में इजाफा करने में भी यह योजना कारगर साबित होगी।

जब उन्होंने यह कहा कि हमारे देश में पीपीपी मोड में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और फिटनेस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट देने वाले इंस्टीट्यूट खोलना है। भावी स्लॉट ड्राइवरों की कमी है। लोगों को रोजगार चाहिए, तो आपके क्षेत्र में ये ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स, फिटनेस सेंटर्स और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट सेंटर आप खोलिए। भारत सरकार से हम इसके लिए अनुदान भी देंगे और आपको मदद भी करेंगे। बैंक भी इसके लिए आपके लोन देने के लिए तैयार है। इससे इम्‍प्‍लॉयमेंट भी क्रिएट हुआ। एलाइट सर्विस सेक्‍टर्स और आरएनडी के क्षेत्र में भी इसके कारण बहुत रोजगार मिलेगा। इससे समझा जा सकता है कि कितनी सारगर्भिता पूर्ण तरीके से उन्होंने अपना सकारात्मक पक्ष रखा।

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इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करेगा और अगले एक साल में सौ प्रतिशत लिथियम आयन बैटरी का स्वदेश में उत्पादन होने लगेगा। फिलहाल 81 फीसदी लिथियम आयन बैटरियां देश में बन रही हैं। उन्होंने सांसदों से उनके निर्वाचन क्षेत्रों में वाहनों के लिए फिटनेस केंद्र, प्रदूषण केन्द्र और ड्राइविंग केंद्र बनाने में सहयोग मांगा। इसलिये उम्मीद है कि उन्हें जनप्रतिनिधियों का पूरा सहयोग मिलेगा।

# जानिए, व्‍हीकल स्क्रैपिंग नीति की कुछ खास विशेषताएं और नए नियम 

इस नीति के तहत जहां खराब गुणवत्ता वाले या पंजीकरण का नवीनीकरण न कराने वाले निजी वाहनों की वैधता बीस साल के बाद खत्म कर दी जाएगी। वहीं दूसरी तरफ, फिटनेस प्रमाणपत्र न लेने वाले व्यावसायिक वाहनों का पंजीकरण भी 15 साल के बाद समाप्त कर दिया जाएगा। तीसरा, प्रारंभिक पंजीकरण की तारीख से 15 साल तक व्यावसायिक वाहनों पर फिटनेस प्रमाणपत्र के लिए बढ़ी हुई फीस और फिटनेस जांच संबंधी नियम लागू होंगे। चतुर्थ, फिटनेस जांच और स्क्रैपिंग केंद्रों के लिए नियम इस वर्ष पहली अक्‍टूबर तक अधिसूचित कर दिये जाएंगे। पंचम, सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों के 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की समय सीमा एक अप्रैल 2022 रखी गई है। षष्टम, भारी व्यावसायिक वाहनों के लिए फिटनेस संबंधी अनिवार्य जांच एक अप्रैल 2023 से शुरू होगी। अष्टम, अन्‍य श्रेणी के वाहनों के लिए भी चरणबद्ध तरीके से फिटनेस जांच पहली जून 2024 से शुरू होगी।

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इस बात में कोई दो राय नहीं कि इन नीतियों को यदि ईमानदारी और कार्यकुशलता पूर्वक लागू कर दिया गया तो कोरोना महामारी के साइड इफेक्ट्स से त्रस्त वाहन उद्योग को तो आशातीत लाभ मिलेगा ही, इस उद्योग से निकलने वाले कबाड़ को भी ठिकाने लगाने में सिस्टम को सहूलियत होगी। कहना न होगा कि जमीनी स्तर से शिखर तक बारिकीपूर्वक फैसले लेने और नीतियां बनाकर उसे अमलीजामा पहनाने में माहिर राजनेता समझे जाने वाले नितिन गडकरी अपने इस उद्देश्य में भी सफल रहेंगे।

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तंभकार

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