क्रिप्टो करेंसी क्या है ? यह कैसे कार्य करती है ? इसके फायदे और नुकसान क्या हैं ?

what-is-cryptocurrency-how-is-cryptocurrency-sent-and-received
कमलेश पांडेय । Nov 28 2019 5:30PM

हमें पता है कि किसी भी वस्तु के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। इसलिए हम यहां सबसे पहले क्रिप्टो करेंसी के लाभ के बारे में बताते हैं। फिर भी, आमतौर पर हम कह सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी के लाभ अधिक हैं और घाटा कम।

देश-दुनिया के किसी भी व्यक्ति, संस्था तथा देश को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए और आपसी लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एक मुद्रा (करेंसी) की जरूरत होती है ताकि उसका उपयोग वह सुचारू रूप से कर सके। इसलिए, प्रत्येक देश की अपनी अलग-अलग मुद्रा होती है, जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर आदि। दरअसल, यह भौतिक करेंसी होती हैं जिसे आप देख सकते हैं, छू सकते हैं और नियमानुसार किसी भी स्थान या देश में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन क्रिप्टो करेंसी इससे अलग होती है जो एक डिजिटल करेंसी है। इसे आप न तो देख सकते हैं, न छू सकते हैं, क्योंकि भौतिक रूप में क्रिप्टो करेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता। इसलिए इसे आभासी मुद्रा कहा जाता है। यह पिछले कुछ सालों में ऐसी करेंसी काफी प्रचलित हुई है।

इसे भी पढ़ें: सौभाग्य योजना क्या है ? कैसे ले सकते हैं इसका लाभ ?

आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी?

क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती। अमूमन रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं की तरह ही इस मुद्रा का संचालन किसी राज्य, देश, संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है।

आपको पता होना चाहिए कि सर्वप्रथम क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। प्रारम्भ में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, किन्तु धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई। देखा जाए तो 2009 से लेकर वर्तमान समय तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं, जो पियर टू पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में कार्य करती है।

बिटकॉइन के अतिरिक्त अन्य बहुप्रचलित करेंसी कौन-कौन सी हैं?

बिटकॉइन के अलावा भी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग आजकल अधिक हो रहा है, जैसे- रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो। आइए, अब इनके बारे में कुछ अहम बातें जानते हैं:-

1. रेड कॉइन:- बिटकॉइन के अलावा भी अन्य कई क्रिप्टो करेंसी हैं जिनका उपयोग विशेष अवसरों पर किया जा सकता है जिसमें से एक है “रेड कॉइन”। इसका उपयोग लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।

2. सिया कॉइन:- सिया कॉइन को एस सी से अंकित किया जाता है। यह कॉइन अच्छी ग्रोथ कर रही है। इस कॉइन की कीमत और भी अधिक बढ़ सकती है।

3. एसवाईएस कॉइन (सिस्कोइन):- यह क्रांतिकारी क्रिप्टो करेंसी है जो जीरो लागत के वित्तीय लेनदेन और अविश्वसनीय गति के साथ प्रदान करता है। व्यापार संपत्ति डिजिटल प्रमाणपत्र डाटा को सुरक्षित रूप से व्यापार करने के लिए बुनियादी ढांचे को व्यवसाय प्रदान करता है। सिस्कोइन ब्लॉकचेन पर कार्य करता है जो बिटकॉइन का ही एक हिस्सा है।

4. वॉइस कॉइन:- यह उभरते हुये संगीतकारों के लिए तैयार किया गया एक ऐसा मंच है जहां गायक अपने संगीत का स्वयं मूल्य निर्धारण कर सकते हैं। वे मुफ्त में संगीत का सैंपल ट्रैक प्रदान कर सकते हैं। साथ ही, मंच पर संगीत उत्साही और उपयोगकर्ताओं से समर्थन भी प्राप्त कर सकते हैं। इस मंच का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र कलाकारों का मुद्रीकरण करना है।

5. मोनेरो:- यह भी एक प्रकार की क्रिप्टो करेंसी है जिसमें विशेष प्रकार की सिक्योरिटी का उपयोग किया जाता है। इसे रिंग सिग्नेचर नाम से जाना जाता है। इसका उपयोग डार्क वेब और ब्लॉक मार्केट में बहुत अधिक होता है। इसकी सहायता से स्मगलिंग की जाती है। इस करेंसी से कालाबाजारी आसानी से की जा सकती है।

इसे भी पढ़ें: क्या है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और कैसे उठाएं इसका लाभ?

क्रिप्टो करेंसी की ग्रोथ कैसी है?

यदि हम क्रिप्टो करेंसी की ग्रोथ के बारे में बात करें तो इसमें इन्वेस्टमेंट करना काफी फायदे का सौदा होता है। आज मार्केट में लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी मौजूद है और इन सभी कॉइन्स की कीमत लॉन्चिंग के समय ना के बराबर थी। हालांकि कुछ ही सालों में इनकी कीमत 1000 डॉलर तक भी पहुंच गई है। अब आप बिटकॉइन को ही ले लीजिए। जब बिटकॉइन लांच हुआ था तब दुनिया भर में रोजाना 1 करोड़ डॉलर की ट्रांजैक्शन होती थी लेकिन आज के समय में बिटकॉइन की 1 हफ्ते में 1 ट्रिलियन डॉलर की ट्रांजैक्शन की जा रही है जबकि पूरी दुनिया में फिजिकल करेंसी की हफ्ते भर की ट्रांजैक्शन लगभग 70 ट्रिलियन डॉलर की हो जाती है। 1 डॉलर की कीमत से शुरू हुआ बिटकॉइन आज 1200 डॉलर की कीमत तक पहुंच चुका है। अतः आप खुद ही अनुमान लगा सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी की भविष्य में क्या ग्रोथ हो सकती है।

क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या लाभ हैं?

हमें पता है कि किसी भी वस्तु के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। इसलिए हम यहां सबसे पहले क्रिप्टो करेंसी के लाभ के बारे में बताते हैं। फिर भी, आमतौर पर हम कह सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी के लाभ अधिक हैं और घाटा कम। पहला, क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसमें धोखाधड़ी की उम्मीद बहुत कम होती है। दूसरा, अधिक पैसा होने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना फायदेमंद है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है। लिहाजा, निवेश के लिए यह एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। तीसरा, अधिकतर क्रिप्टो करेंसी के वॉलेट उपलब्ध हैं जिसके चलते ऑनलाइन खरीदारी, पैसे का लेन-देन सरल हो चुका है। चौथा, क्रिप्टो करेंसी को कोई अथॉरिटी कंट्रोल नहीं करती जिसके चलते नोटबंदी और करेंसी का मूल्य घटने जैसा खतरा किसी के सामने नहीं आता। पांचवां, कई देश ऐसे हैं जहां कैपिटल कंट्रोल नहीं है। मतलब कि यह बात तय ही नहीं है कि देश से बाहर कितना पैसा भेजा जा सकता है और कितना मंगवाया जा सकता है। लिहाजा, क्रिप्टो करेंसी खरीद कर उसे देश के बाहर आसानी से भेजी जा सकती है और फिर उसे पैसे में रूपांतरित किया जा सकता है। छठा, क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होता है जो अपना धन छुपाकर रखना चाहते हैं। इसलिए क्रिप्टो करेंसी पैसे छुपाकर रखने का सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। सातवां, क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से सुरक्षित है। बस आपको उसके लिए ऑथेंटिकेशन रखने की आवश्यकता होती है, क्योंकि ऐसी करेंसी ब्लॉकचेन पर आधारित है। लिहाजा, किसी भी प्रकार का ट्रांजैक्शन करने के लिए पूरे ब्लॉकचेन को माइन करना पड़ता है।

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या-क्या हैं?

पहला, क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, क्योंकि इसका मुद्रण नहीं किया जा सकता। मतलब कि ना तो इस करेंसी के नोट छापे जा सकते हैं और न ही कोई बैंक अकाउंट या पासबुक जारी की जा सकती है। दूसरा, इसको कंट्रोल करने के लिए कोई देश, सरकार या संस्था नहीं है जिससे इसकी कीमत में कभी बहुत अधिक उछाल देखने को मिलता है तो कभी बहुत ज्यादा  गिरावट, जिसकी वजह से क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना जोखिम भरा सौदा है। तीसरा, इसका उपयोग गलत कामों के लिए जैसे हथियार की खरीद-फरोख्त, ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी आदि में आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच ही किया जाता है। लिहाजा, यह काफी खतरनाक भी हो सकता है। चौथा, इसको हैक करने का भी खतरा बना रहता है। यह बात दीगर है कि ब्लॉकचेन को हैक करना उतना आसान नहीं है क्योंकि इसमें सुरक्षा के पूरे इंतजाम होते हैं। बावजूद इसके, इस करेंसी का कोई मालिक न होने के कारण हैकिंग होने से मना भी नहीं किया जा सकता है। पांचवां, इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजैक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं जिससे आपको घाटा होता है।

इसे भी पढ़ें: सौभाग्य योजना से हर घर पहुंच रही बिजली, ऐसे उठाएं लाभ

क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध?

बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्रिप्टो करेंसी का उपयोग करना कानूनी रूप से सही है अथवा नहीं! दरअसल, यह फैसला आपकी इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस देश में रहकर इसका उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि कुछ देशों में अभी भी क्रिप्टो करेंसी को कानूनी मान्यता नहीं मिली है जिसमें भारत भी एक है। यही नहीं, कुछ देशों ने इसे 'ग्रे जोन' में रखा है। कहने का तातपर्य यह कि वहां ना तो इसे औपचारिक तौर पर बैन किया गया है और ना ही इसके प्रयोग की मान्यता दी गई है। निर्विवाद रूप से क्रिप्टो करेंसी में अच्छी ग्रोथ के चलते भारतीय नागरिकों का रुझान भी इसकी तरफ देखने को मिल रहा है। इसलिए उम्मीद की जाती है कि भारत सरकार भी भविष्य में कोई सकारात्मक पहल करेगी।

-कमलेश पांडेय

(वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार)

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़